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चुदासी चाची के साथ मस्ती से भरी रंगरेलियां 3

पोर्न चाची  कहानी में पढ़ें कि मेरी गर्म चाची मुझे होटल के कमरे में लायी. उसने मेरा लंड चूसा, अपनी चूत चटवाई, फिर मेरे बड़े लंड से चुद गयी.

साथियो, मैं परिमल पटेल आपको अपनी चुदक्कड़ चाची की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
पिछले भाग
होटल के कमरे में आई चाची चुदाई के लिए
में अब तक आपने पढ़ा था कि चाची ने मेरे लंड से खेल कर उसे चूम चाट कर उसका रस निकाल लिया था और वीर्य चाट लिया था.
लंड का रस झड़ जाने के बाद मैं शिथिल होकर लेटा हुआ था और चाची को चूम रहा था.

अब आगे पोर्न चाची  कहानी:

करीब 15 मिनट तक मैं ऐसे ही चाची के साथ चूमाचाटी करता रहा.
मैंने लंड को थोड़ा हिलाया तो वो तुरंत ही खड़ा हो गया और सलामी देने लगा.

अब मैंने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और उसे पूरा चिकना कर दिया ताकि लंड आसानी से चूत में चला जाए.

फिर मैंने चाची को पीठ के बल लिटा दिया और प्रियंका भाभी की तरह चाची की गांड के नीचे भी तकिया रख दिया. उनके दोनों पांव ऊपर की ओर कर दिए और मैं चाची के दोनों पैरों के बीच में आ गया.

मैं अपने लंड को चूत पर रगड़ने लगा.
काफी दिनों से मैंने चाची की चूत नहीं मारी थी लेकिन 3 दिन पहले चाचा ने एक-दो राउंड चाची के साथ लगाए थे, ऐसा चाची बोल रही थीं.
जिससे मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी.

मैंने धीरे से लंड का सुपारा चूत में दाखिल किया तो चाची की आह्ह करके आवाज निकल गई.

अभी तो मैंने लंड का सुपारा ही चूत में दाखिल किया था और चाची ने ऐसा जाहिर किया जैसे उनकी चूत में कोई मोटा डंडा घुस रहा हो.

मैं धीरे धीरे अपने लंड को चूत की गहराई में धकेलने लगा.
चाची आंखें बंद करके लंड को अन्दर लेती रहीं.

उनके दांत भिंचे हुए थे और मुट्ठियां कसी हुई थीं.
इससे साफ़ जाहिर हो रहा था कि चाची को इस बार मेरा लंड काफी मजा देने वाला था.

फिर मैंने थोड़ा सा लंड चूत से बाहर निकाला और एक तेज झटके में पूरा का पूरा लंड चूत में धकेल दिया.

चाची की आंखें फटी की फटी रह गईं और वो चिल्लाने लगीं- आंह मादरचोद, धीरे से नहीं डाल सकता था क्या … भोसड़ी के, बहुत दर्द हो रहा है … जल्दी से बाहर निकाल!

मैंने लंड को बाहर निकाला और फिर से थोड़ा तेल लंड पर लगा लिया.
चाची लम्बी लम्बी सांसें लेती हुई अपनी चूत सहलाने लगी थीं, जो साफ जाहिर कर रहा था कि मेरा लंड लेने में चाची की चूत में दर्द हुआ था.

तेल लगाने के बाद एक बार फिर से मैं चूत के मुँह के पास लंड ले गया.
चूत की फांकों में लंड फंसा कर धीरे से धक्का लगाया तो आराम से मगर अजीब तरह की आवाज के साथ पूरा लंड चूत में उतर गया.

अभी भी चाची चिल्ला रही थीं- बहुत बड़ा लंड हो गया है तुम्हारा … आई ऊई आई मर गई … साला लंड है या आफत.
वो ऐसी आवाजें निकालने लगीं.

मैं चाची के होंठों पर किस करने लगा और अपने होंठों से चाची के होंठ बंद कर दिए. मैं चाची के मम्मे दबाने लगा, जिससे चाची का ध्यान दर्द से हट जाए.

ये मैंने इसलिए किया था ताकि इस बार चाची की चीख ना निकले.
लेकिन लंड की मोटाई से चाची की आंखों से आंसू निकल गए थे.

धीरे-धीरे मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और फिर से धीरे से धक्का लगा दिया.

ऐसा मैंने दो तीन बार किया.
फिर अपनी टांग ऊपर नीचे करके धीरे धीरे चाची की चूत में धक्के लगाने लगा.

अब धीरे-धीरे चाची को भी मज़ा आने लगा था.

वो बोल रही थीं- आह आह हह मेरे जानू परिमल … आह और जोर से … और जोर से … मुझे मजा आ रहा है मेरे जानू … आह और जोर से.

मैं चुदाई के साथ ही चाची के दोनों मम्मों पर बारी बारी से चपेट लगाता, तो चाची की कराह निकल जाती. मैं कभी चाची के गाल पर भी चपत लगा देता जिससे चाची को भी और ज्यादा जोश आ जाता.

कुछ देर बाद चाची भी नीचे से गांड उठा उठा कर मेरे हर शॉट का जवाब देने लगी थीं.
अब चाची को चोदने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.

कुछ देर बाद चाची ने अपनी दोनों टांगें मेरे पैरों के साथ मिलाकर बांध दीं और गांड रगड़ कर चूत चुदाई के मजे लेने लगीं.
चाची बोल रही थीं- बहुत बढ़िया मेरे जानू … और जोर से चोदो.

चाची के मम्मों को मैं अपने दोनों हाथों से जोर जोर से खींचने लगा और चपत मारने लगा.

मैं उन्हें गाली देने लगा- आह साली रंडी … मैं कोई मशीन थोड़ी हूं … जो तेज तेज करने को चिल्ला रही है.

इससे चाची को और जोश आ गया और अपने दोनों हाथ दोनों गद्दे पर रखकर खुद ही पूरी गांड उठाकर उठाकर खुद ही मुझे अपनी चूत पर उछालने लगीं.
मैंने भी धक्के लगाना बंद कर दिए और खुद ही चाची के धक्कों की वजह से चूत में लंड डाले अपने आप ही हवा में उछलने लगा.

मुझे तो ऐसा लग रहा था कि दुनिया का सारा सुख मुझे ही मिल गया हो.
मेरे पूरे शरीर में झनझनी सी हो रही थी.

हम दोनों जैसे किसी जादुई दुनिया में पहुंच गए हों, ऐसा लगने लगा था.

चाची की धक्के मारने की ताकत भी लाजवाब थी.
मैं सोच रहा था कि काश ये पल कभी खत्म ही ना हो … लेकिन ऐसा हो नहीं सकता था.

फिर 5-6 मिनट के बाद चाची अब थोड़ी ढीली हो गईं और उन्होंने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया.
चाची ने धक्के लगाना बंद कर दिया था और शांत हो गई थीं.

मेरा पानी अभी नहीं निकला था, फिर भी मैं चूत में लंड डाले ही चाची के ऊपर लेट गया.

चाची ने अपने दोनों हाथ मेरी पीठ के पीछे बांध दिए और बहुत जोर से मुझे अपने सीने से जकड़ लिया.

चाची की सांसें बहुत जोरों से चल रही थीं. उनके सीने की धक धक मेरे सीने से टकरा रही थी.

चाची की चूत ने पानी छोड़ दिया था इसलिए चूत में चिकनाई बढ़ गई थी.
इसकी वजह से मेरे लंड में गुदगुदी सी होने लगी थी.

फिर भी मैं चूत में लंड डाले चाची के ऊपर पड़ा रहा और चाची के सर के बालों में हाथ फिराता रहा.

फिर 5 मिनट के बाद चाची की सांसें थोड़ी शांत हुई और वो सामान्य हो गईं.
अब तक मेरा लंड चाची की चूत में थोड़ा ढीला हो गया था.

मैं चाची के ऊपर से उठा और लंड को बाहर निकाल लिया.
फिर मैंने लंड को थोड़ा हिलाया और आगे पीछे किया जिससे फिर से मेरा लंड कड़क हो गया.

मैंने लंड को चूत के मुँह से सैट किया और एक हल्का सा धक्का लगाया तो चिकनाई की वजह से फच की आवाज करके पूरा लंड चूत की गहराई में उतर गया.

चाची की आहह की आवाज निकल गई.
उसी पोजीशन में चाची के ऊपर लेटे लेटे ही मैं अपनी गांड ऊपर नीचे करके धक्के लगाने लगा.

चूत की चिकनाई की वजह से फच फच की आवाजें आने लगीं.

हम दोनों बहुत खुश थे और हर धक्के के साथ चाची आह आह की आवाजें निकाल रही थीं.

करीब 10 मिनट तक लगातार धक्के लगाने के बाद मैं रुक गया और लंड को बाहर निकाल लिया.
मेरे लंड के ऊपर बहुत जलन हो रही थी और जैसे लंड में बहुत तेज से खून दौड़ रहा हो, ऐसा लग रहा था.

चाची ने मुझे बेड पर धक्का दे दिया और वह मेरे ऊपर चढ़ गईं.
उन्होंने मेरे लंड के सुपारे को अपनी चूत के मुँह के पास सैट किया और फचाक से मेरे लंड के ऊपर बैठ गईं जिससे मेरा पूरा लंड चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया.

अब मुझे थोड़ा अच्छा लगा.
चाची ने अपने दोनों हाथों से मेरे हाथ पकड़ लिए और चाची मेरे दोनों हाथों का सहारा लेकर ऊपर नीचे होने लगीं.

वे ऊपर की ओर उठतीं तो मेरा आधे से ज्यादा लंड बाहर आ जाता … और बैठ जातीं, तो फच करके आवाज आती और पूरा लंड अन्दर चला जाता.

हम दोनों ही को बहुत मजा आ रहा था.

चाची पूरे जोश में ऊपर नीचे हो रही थीं.
जैसे चाची उछलती थीं, उनके बड़े बड़े चूचे भी फुटबॉल की तरह उछल रहे थे.
लग रहा था कि सेक्स की गोली का असर चाची में दिखने लगा था.

चाची मुझसे तो कोई ज्यादा मेहनत ही नहीं करवा रही थीं, अपने आप ही उछल उछल कर मेरा लंड अपने अन्दर ले रही थीं.

करीब 10 मिनट के बाद चाची रुक गईं और चूत में लंड लिए ही मेरे ऊपर बैठ गईं.
अब मेरी बारी थी.

चाची अपने घुटनों और हाथों के बल घोड़ी स्टाइल में आ गईं.
मैं अभी भी नीचे ही था.

चाची की गांड अब थोड़ी ऊंची हुई तो मैंने अपने दोनों हाथ चाची की पीठ के पीछे बांध दिए और मैं अपनी गांड उठा उठा कर फिर से धक्के लगाने लगा.

इससे चाची को और मजा आने लगा.
चाची खुशी के मारे ‘आहह ह … उहहह … ईहह …’ जैसी आवाजें लगातार निकाल रही थीं.

मैं इस नई स्टाइल में चाची को पहली बार चोद रहा था, ये बहुत अच्छा स्टाइल था.

हम दोनों बहुत ज्यादा मजे कर रहे थे. हम दोनों के अन्दर अजीब सी चुदाई करने की जैसी ताकत आ गई हो, ऐसा लग रहा था.

मेरा लंड इतनी स्पीड में चूत के अन्दर बाहर हो रहा था, जैसे एंजिन का पिस्टन अन्दर बाहर हो रहा हो.
मेरे टट्टे चाची की गांड से टकरा रहे थे और पूरे रूम में थप थप की आवाजें गूंज रही थीं.
चाची की भी आवाजें रुक नहीं रही थीं.

मैं दो-तीन मिनट तक लगातार धक्के लगाता और रुक जाता तो चाची मेरे लंड को चूत में लिए लंड पर बैठ जातीं जिससे मुझे थोड़ा आराम मिल जाता.

अगले एक दो मिनट के बाद फिर से चाची गांड ऊंची कर देतीं … और मैं फिर से धक्के लगाना शुरू कर देता.

ऐसा लगातार बीस मिनट तक चलता रहा.
मैंने चाची की चूत में बहुत देर तक धक्के लगाए.

मेरा अब निकलने वाला था तो मैं और जोर से धक्के लगाने लगा.
चाची बोलीं- मेरा भी अब निकलने वाला है.

फिर हम दोनों पूरी ताकत से मस्ती करते हुए एक साथ झड़ गए.

मैंने सारा पानी चूत में निकाल दिया और चाची ने भी पानी निकाल दिया जिससे चूत में से पानी टपकने लगा.

हमारी सांसें बहुत तेज से चल रही थीं.
एसी की ठंडक में भी हमारे शरीर में से पसीना निकल आया था.

फिर चाची अपने मम्मों को मेरी छाती से चिपका कर मेरे ऊपर ढेर हो गईं.
मेरे शरीर पर इतनी बड़ी औरत का वजन महसूस ही नहीं हो रहा था बल्कि मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा था.
मुझे दुनिया का सारा सुख मिल गया हो, ऐसा लग रहा था.

मैं भी चाची को अपनी बांहों में भर कर ऐसे ही करीब आधा घंटा तक पड़ा रहा.
मेरी आंख लग गई थी.

फिर चाची मेरे ऊपर से उठीं और मुझे जगा कर बोलीं- इतनी जल्दी थक गए क्या … अभी तो हमें कल तक चुदाई करनी है.
चाची के मुँह से ऐसी बात सुन कर मेरी तो आंखें चार हो गईं.

मेरे लंड को चाची ने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं और हाथों से खींचने लगी.
लंड को थोड़ा आगे पीछे करने लगीं, जिससे मेरा लंड फिर से कड़क हो गया.

Xxx चाची को मेरा लंड लेने की बहुत ज्यादा जल्दी थी. वह बोल रही थीं- चलो ना जल्दी से आ जाओ … तुम तो बहुत स्लो हो.
मुझे लग रहा था कि चाची के अन्दर गोली की वजह से चुदाई का भूत इतना ज्यादा सवार हो गया था.

फिर हम दोनों ने कुछ अलग करने का सोचा.
हम दोनों बेड से नीचे उतर आए और फिर से लंड के ऊपर थोड़ा वह ऑयल लगाया.
इस वजह से लंड चमकने लगा.

अब मैंने चाची को बेड पर बिठा दिया. उनके पांव जमीन पर ही थे.
मैंने चाची के दोनों पैरों को हवा में उठाए और चाची को पीठ के बल लिटा दिया.

इस अवस्था में चाची के दोनों पैर हवा में ऊपर की ओर थे.

मैंने जमीन पर खड़े रहकर ही चाची की चूत के छेद के पास मेरे लंड को घिसा, फिर लंड को हाथ से पकड़ कर चूत के छेद पर ले गया और चूत पर ऊपर नीचे रगड़ने लगा.
फिर धीरे से लंड को चूत के अन्दर ऐसे सरका दिया … जैसे कोई सांप अपने बिल में प्रवेश कर रहा हो.

इतनी सरलता से लंड चूत के अन्दर तक उतर गया कि मुझे अहसास ही नहीं हुआ.
फिर धीरे-धीरे मैं लंड चूत के अन्दर-बाहर करने लगा.

जब पोर्न चाची की ‘आह … उई मां मर गई … बहुत मजा आ रहा है … और जोर से … और जोर से चोदो …’ जैसी नशीली आवाजें निकालने लगीं तब लगा कि हां लंड अन्दर गया है.

मुझे ऐसी कामुक आवाजें सुनकर चुदाई में और मजा आने लगा था.
मैं फुल स्पीड में लंड अन्दर-बाहर करने लगा.

चाची के दोनों पैर मेरे कंधों पर थे और मैं उनकी दो टांगों को पकड़ कर आगे पीछे हो रहा था.
मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था.

ऐसा लग रहा था कि यह सुख कभी खत्म ही ना हो.

मैं खड़े-खड़े चाची को चोद रहा था … और मेरे सामने नंगी चाची अपनी चुदाई का आनन्द ले रही थीं.

दोस्तो, मैं अपनी चाची की देसी चुदाई की कहानी के अगले भाग को जल्द ही आपके सामने पेश करूंगा.

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