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फेसबुक पर भाभी को पटाकर होटल में चोदा

फेसबुक पर भाभी को पटाकर होटल में चोदा

मुम्बई सेक्स का मजा मैंने लिया एक भाभी के साथ होटल में! मैं मुंबई के पास ही रहता हूँ. फेसबुक पर मैंने उसे भाभी को सेट किया तो उसने होटल में बुलाया.

नमस्कार दोस्तो, ये मेरी पहली सेक्स कहानी है जिसमें मैंने मुम्बई सेक्स का मजा लिया. मेरा नाम रोहित है और मेरी उम्र 27 साल है. मैं मुम्बई के पास का रहने वाला हूँ.
मैं दिखने में सांवला हूँ, दाढ़ी रखता हूँ. जब मैं स्कूल में था तब हर दिन व्यायाम करने जाता था. जिम किया है तो बॉडी भी ठीक ठाक है. आप मुझे हट्टा-कट्टा बोल सकते हैं.

सभी पाठिकाओं को जिस बात को जानने जल्दी की रहती है, उनके लिए बता दूँ मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है, मेरा लंड 7 लंबा और 2.5 मोटा है.

दोस्तो, मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ, तो दिन भर तो काम में व्यस्त ही रहता हूं.

एक दिन खाना खाने के बाद मैं मोबाइल लेकर बैठा था.
फेसबुक खोला तो सामने मेरी गर्लफ्रेंड की शादी फोटो आ गई.
मैं उसे देख कर सोचने लगा कि क्या किया जाए.

दरअसल ये लड़की मेरी गर्लफ्रेंड थी, उसकी शादी हो गई थी तो मैं बिल्कुल अकेला पड़ गया था.
कुछ देर बाद मैंने सोचा कि अब लंड के लिए कुछ इंतजाम तो करना ही पड़ेगा.

मैंने मन बनाया और फेसबुक पर दो चार भाभी जैसे दिखने वाली महिलाओं को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी.
दो दिन तक किसी ने कोई रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं की.

मैं ऐसे ही सोचता रहा.

दो दिन बाद रविवार की छुट्टी थी.
मैं फेसबुक देख रहा था कि उसी समय एक भाभी ने मेरी रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली.

वो मुझे ऑनलाइन भी दिखायी दे रही थीं.
मैंने तुरंत उन्हें मैसेज कर दिया ‘हाय.’

भाभी ऑनलाइन थीं ही. उधर से मैसेज आया- हैलो.
बस हमारी बातें शुरू हो गईं.

मैंने भाभी से पूछा- आप कहां से हैं और क्या करती हैं?
उधर से जवाब आया- मैं एक हाउसवाइफ हूँ और मेरे पति सरकारी नौकरी में हैं.

बातचीत में मालूम हुआ कि उनको एक लड़का भी है.

दोस्तो, अब मैं आप सभी को भाभी के बारे में बता देना चाहता हूँ.

मैंने उनकी प्रोफाइल में फोटो देखीं, वो एक अप्सरा जैसी लगती थीं.
एकदम गोरी चमड़ी वाली किसी फिरंगी माल सी भाभी की उम्र 35 साल थी.
उनका नाम जया (बदला हुआ) था और वो मुंबई की रहने वाली थीं.

कुछ दिन ऐसे ही फेसबुक पर हम दोनों के बीच बातें चलती रहीं.

फिर एक दिन मैंने उनसे उनका व्हाट्सएप नंबर मांगा तो उन्होंने बेहिचक दे दिया मगर हम व्हाट्सएप पर ज्यादा बातें नहीं कर सकते थे.
उनका मोबाइल उनका पति चैक कर लिया करता था.

जबकि फेसबुक से वो लॉगआउट होकर फ़ोन रख देती थीं.

ऐसे ही हम दोनों फेसबुक पर चैट कर रहे थे.
मैंने भाभी को प्रपोज कर दिया- आप बहुत सुंदर हो … और मुझे बहुत ज्यादा अच्छी लगती हो. क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनेंगी?
मेरी इस बात पर भाभी थोड़ी शर्मा गईं और हम्म हम्म करती रहीं.

मैंने उनसे पूछा- क्या आप मुझे पसंद करती हो?
इस पर वो मुझसे बोलीं- हां, आप भी मुझे बहुत अच्छे लगते हो.

उस रात हम दोनों ने देर रात तक चैटिंग की. अगले दिन उनके पति के ऑफिस जाने के बाद कॉल करने का वादा करके हम दोनों सो गए.

अगले दिन जब मैं ऑफिस में था तो भाभी का कॉल आया मगर मेरे साथ ऑफिस के कुछ दोस्त थे तो मैंने कॉल नहीं उठाया.

जैसे ही मैं फ्री हुआ, मैंने उन्हें कॉल करके सॉरी बोल दिया और हमारी बातें शुरू हो गईं.
उसके बाद हम हर दिन कॉल पर काफी देर देर तक बातें करने लगे.

हमारी अन्दर की आग बढ़ती जा रही थी.
एक दिन मैंने उनसे मिलने के लिए बोल दिया जिस पर भाभी ने तुरंत हामी भर दी.

बाहर मिलने में भाभी राजी नहीं थीं और मेरे घर पर मिलना सम्भव नहीं था.
भाभी के घर पर भी उनके पति और बेटे के होने की वजह कुछ जुगाड़ नहीं हो पा रहा था.

हम दोनों ऐसे ही फोन सेक्स करते रहे और अपने अन्दर की गर्मी को शांत करते रहे.
फिर वो दिन आ गया जिस दिन का हम दोनों बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.

अगले दिन भाभी के पति को किसी काम से गांव जाना था और वो दो दिन तक आने वाले नहीं थे.
भाभी ने मुझे कॉल करके ये बता दिया और होटल में मिलने आने का कह दिया.

मेरा मन उनसे मिलने के लिए और मुम्बई सेक्स का मजा लेने को बेताब हो गया था.
उस दिन मेरा सारे दिन काम में जरा भी दिल नहीं लगा, बस भाभी को चोदने के सपने देखता रहा.

अगले दिन ऑफिस से छुट्टी लेकर मैं मुम्बई पहुँच गया और एक होटल में रूम ले लिया; होटल में भाभी के आने का इंतजार करने लगा.

ग्यारह बजे के करीब भाभी ने होटल के पास आकर मुझे कॉल किया- मैं नीचे आ चुकी हूँ, तुम लेने आ जाओ.
मैं एकदम से खुश हो गया और जल्दी से नीचे आ गया.

भाभी को सामने से देख कर मेरी बांछें खिल गईं वो एक आसमान से आई हुई परी से कम नहीं दिख रही थी.

पीले रंग का टॉप और ब्लैक कलर जीन्स की जीन्स और आंखों पर काला गॉगल पहने हुस्न की परी मेरा इंतजार कर रही थी.

मैं- हाय.
वो ‘हैलो …’ बोलकर मुस्कुरा दीं.

हम दोनों कमरे की ओर चल दिए.

जैसे ही हम दोनों कमरे के अन्दर पहुंचे, मैंने तुरंत दरवाजा बंद किया और उसके होंठों पर अपने होंठ लगा कर भाभी को एक किस की.

अचानक से ऐसा करने से भाभी जरा हड़बड़ा गईं और मुझसे छूट कर अलग हो गईं.
वो हंस कर बोलीं- इतनी क्या बेताबी है?
मैंने कहा- अरे जान आप मेरी बेताबी का अंदाजा नहीं लगा सकती हो.

इसी तरह की बातचीत करते हुए हम दोनों बैठ गए और बातें करने लगे.
मैं भाभी से एकदम से चिपक कर बैठ गया.
वो भी मेरे साथ सट गई थीं.

मैंने उनकी तरफ अपनी बांहें फैला दीं और भाभी मेरी बांहों में आ गईं.
मेरी कई दिनों की भूख आज मिटने वाली थी तो मैं बहुत ज्यादा खुश था.

मैं भाभी को अपनी बांहों में लेकर उन्हें किस करने लगा और वो भी मेरा सात देने लगीं.
हम दोनों लगातार पांच मिनट तक होंठों का चुम्बन करते रहे.
उसके बाद हमारी जीभें आपस में लड़ने लगीं और भाभी भी पूरा सहयोग देती रहीं.

अब तो ‘आह मुझे प्यार करो मेरे राजा …’ बोल कर भाभी मुझे जोर जोर से चुम्बन करने लगी थीं.

मैं भी बेतहाशा उन्हें चूमे जा रहा था, कभी मैं भाभी की गर्दन पर चूमता तो कभी गाल पर चुम्मी करता.
भाभी भी फ़िल्मी अंदाज में चुम्बन का मजा ले रही थीं, वो जोर जोर से मुझे अपनी बांहों में खींच रही थीं.

भाभी के मुँह से गर्म सिसकारियां निकल रही थीं- कम ऑन मेरे राजा … आज मुझे खूब प्यार करो … मैं बहुत प्यासी हूँ.
हम दोनों उस वक्त हवा में उड़ रहे थे और खुद को सातवें आसमान पर महसूस कर रहे थे.

मैं चुबंन करने के साथ साथ भाभी के बूब्स उनके टॉप और ब्रा के ऊपर से ही मसल रहा था.

भाभी भी पूरा सहयोग दे रही थीं और बोले जा रही थीं- आंह … मसल दो मेरे मम्मे … आंह और जोर से दबाओ … आह मुझे खा जाओ आज … जोर से राजा.

मैंने अपना एक हाथ उनके टॉप के अन्दर डाल दिया और उनके 34 नाप के चूचों को बेदर्दी से मलसने लगा.
वो अब और ज्यादा बेकाबू होने लगीं और जोर जोर से आवाजें लेने लगीं ‘ऊऊफ्फ आहह …’

मैंने भाभी की बेताबी देख कर उनके पीछे हाथ डाला और उनके टॉप के हुक्स खोल कर उनका टॉप अलग कर दिया.
उफ़्फ़ क्या चूचे थे … मेरा तो जी ही नहीं कर रहा था उन्हें छोड़ने का.

ऐसे ही मैंने भाभी की जीन्स निकाल दी और अलह रख दी.

अब भाभी मेरे सामने सिर्फ काली ब्रा और पैंटी में बैठी थीं.

मैंने उनको भी खोल कर भाभी को नंगी कर दिया और उन्हें अपनी बांहों में भर कर सब तरफ चूमे जा रहा था.
साथ ही मैं भाभी के दोनों बूब्स को बारी बारी से जोर जोर से मसल रहा था और चूस रहा था.

तभी भाभी ने कहा- साले, मुझे नंगी कर दिया और खुद पूरे कपड़े पहने बैठे हो.
मैंने हंस कर कहा- तो आपको रोका किसने है.

भाभी ने एक पल की भी देर न करते हुए मेरे शरीर में से एक एक करके सारे कपड़े निकाल दिए.
अगले कुछ पल बाद मैं भी भाभी के सामने बिल्कुल नंगा हो गया था.

भाभी मेरे पूरे बदन पर किसी भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ीं और चुम्बन करने लगीं.
मैं भी उनके पूरे शरीर के साथ खेल रहा था.

मैंने भाभी को घुटने के बल नीचे बैठने के लिए कहा और अपना 7 इंच का लंड उनके मुँह में दे दिया.
वो मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चाटने और चूसने लगी थीं.

मैंने भी उनकी मुंडी पकड़कर उनके गले तक लंड अन्दर डालना निकालना शुरू कर दिया.
इससे भाभी की सांसें रुकने लगीं और वो हड़बड़ाने लगीं.

मैंने थोड़ा लंड बाहर निकाल कर धक्के देना चालू कर दिया.
अब भाभी पूरी तरह से मेरे लंड का आनन्द ले रही थीं.

दस मिनट की लंड की चुसाई के बाद मैं झड़ने वाला था. तो मैंने बोला- मेरा आने वाला है.
तो भाभी ने हाथ से इशारा करते हुए कहा- अन्दर ही डाल दो.

वो लंड को जोर जोर से आगे पीछे करने लगीं.
कुछ ही पल के बाद मैंने भाभी के मुँह में अपनी पिचकारी मार दी और उन्होंने सारा माल पी लिया.

वो मेरे लंड को कुल्फी समझ कर चूसती रहीं और पूरा लंड चाट चाट कर बिल्कुल साफ कर दिया.

बाद में बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर भाभी बाहर आ गईं.
वो पैंटी पहन कर आई थीं जबकि उनके दूध हवा में फुदक रहे थे.

भाभी बड़ी ही सेक्सी लग रही थीं.

बाहर आते ही मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और चूमना चालू कर दिया.
वो भी पूरा सहयोग दे रही थीं और मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थीं.
लंड महाराज दुबारा से खड़े हो चुके थे.

चुम्मी करते करते ही मैंने भाभी को बेड पर गिरा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.

मैं उनके एक मम्मे को अपने मुँह में भर कर चूस रहा था और वो मेरा मुँह अपने मम्मों पर जोर जोर से दबाकर कह रही थीं- आह … चूसो मेरे राजा … और जोर से चूसो.

मैं भाभी के मम्मों का मजा लेने के बाद नीचे आने लगा.
वो मदभरी आहें भर रही थीं, उफ़्फ़ आआह कर रही थीं.

मैंने उनकी पैंटी निकाल दी और उनकी गुलाबी चूत पर टूट पड़ा.
मैं भाभी की चूत पर जोर जोर से चुम्मी कर रहा था.
ऊऊफ़्फ़ क्या मलाई सी चूत थी.

मैं बस जोर जोर से चूत चाट रहा था, काट रहा था.
वो अपने कन्ट्रोल से बाहर हो गई थीं और मुझे अपने ऊपर खींच रही थीं.

उनकी आवाज बस यही निकल रही थी- अब डाल दो राजा अपना गर्म गर्म लंड मेरी चूत में पेल दो.

मैंने भी देरी न करते हुए भाभी की चूत पर लंड सैट कर दिया और दम लगाने लगा.
भाभी की चूत एकदम टाइट थी, लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था.

तो मैंने एक जोर का धक्का मारा.
मेरा आधा लंड चूत के अन्दर चला गया और वो किसी मेमने की तरह तड़पने लगी थी.

भाभी की आवाज निकल रही थी- आह मर गई … निकालो दर्द हो रहा है.
मैं लंड पेल कर थोड़ा शांत हो गया था और उनके होंठों को काट रहा था.

कुछ देर में भाभी का दर्द कुछ हद तक कम हो गया था और अब वो भी मेरे चुम्मियों का बराबरी से जवाब दे रही थीं.
ये देख कर मैंने एक और जोर का धक्का दे मारा और अपना पूरा लंड उनकी चूत के अन्दर तक पेल दिया.

भाभी फिर से चीख पड़ीं मगर उनके मुँह पर मेरा मुँह चिपका था तो उनकी आवाज ज्यादा बाहर नहीं आई.

मैंने एकदम से स्पीड बढ़ा दी और कुछ ही धक्कों के बाद वो नॉर्मल हो गई थीं.
अब भाभी मेरे लंड का पूरा मजा ले रही थीं.

उनकी कामुक आवाजें मेरा जोश बढ़ाने लगी थीं ‘फक मीईई राजा आह मजा आ रहा है और जोर से चोदो आह फाड़ दो मेरी चुत.’

भाभी चिल्ला रही थीं और मैं भी जोर जोर से पेले जा रहा था.

लगातार 15 मिनट की चुदाई में वो दो बार झड़ चुकी थीं.
अब मेरी बारी थी.

मैं फुल स्पीड में चोदे जा रहा था.
अब मेरा होने वाला था, तो मैंने वीर्य के लिए पूछा.

उन्होंने कहा- अन्दर ही डाल दो और मेरी चूत को अपने पानी से भर दो.
मैं जोर जोर के झटके मारता हुआ झड़ने लगा और अपना सारा माल भाभी की चूत के अन्दर डाल दिया.

झड़ कर मैं उनके ऊपर ही गिर गया और वो मुझे चूमती हुई प्यार करने लगीं.
दस मिनट तक हम दोनों उसी तरह पड़े रहे.

मेरे और उनके चेहरे पर भारी खुशी झलक रही थी.

बाद में हम दोनों उठ कर बाथरूम जा कर साथ में नहाने लगे और बाथरूम में भी एक बार फिर से सेक्स कर लिया.
फिर हम दोनों ने कपड़े पहनकर एक लम्बा किस किया और वो अपने घर चली गईं.

मैं भी कुछ देर आराम करने के बाद होटल से निकल कर अपने घर के लिए चल दिया.

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