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ऑनलाइन मिली भाभी के साथ गोवा में चुदाई

ऑनलाइन मिली भाभी के साथ गोवा में चुदाई

भाभी चोदी होटल में मैंने! डेटिंग साइट से हमारी मुलाकात हुई, उसने मुझे गोवा बुलाया होटल में! मैं रूम में पहुंचा तो उसने समूच से मेरा स्वागत किया.

मैं गुजरात के राजकोट का रहने वाला एक साधारण सा युवक हूँ.
मेरे लंड का साइज सात इंच का है और ये दो इंच चौड़ा है.
इसकी ख़ास बात ये है कि ये किसी भी चूत गांड की लंबे समय तक चुदाई कर सकता है.

एक ऑनलाइन डेटिंग वेबसाइट के जरिए मेरी मुलाकात महाराष्ट्र की एक अमीर घराने की भाभी से हुई. 

कुछ बातें करने से पता चला कि वो अपने पति से जरा भी सन्तुष्ट नहीं थीं.
उनका पति पूरे दिन दारू के नशे में धुत रहता था और अपनी जवान बीवी के साथ संभोग नहीं कर पा रहा था.
जबकि वो महिला काफी कामुक थी.

उसकी चूत में मोटे लंड की सख्त दरकार थी, जिस वजह से वो ऑनलाइन चैटिंग वेबसाइट पर मजबूत लंड की तलाश में आई थी.

उसने अनेक लौड़ों से बात की होगी, मगर ये मेरे लंड का नसीब था कि मुझे उसकी चूत चुदाई का मौका मिला.
उसने मुझसे बात की जो कुछ इस तरह से थी.

भाभी- हिलाओ.
मैंने उसे हैलो की जगह हिलाओ कहते सुना तो पूछा- क्या हिलाऊं?

भाभी- लौड़ा हिलाओ.
मैंने कहा- हिलाने के लिए नहीं आया इधर!

भाभी- फिर किस लिए आए?
मैंने कहा- किसी प्यासी की चूत में पेलने के लिए आया हूँ.

वो हंसी और बोली- ऑनलाइन पेलोगे क्या?
मैंने कहा- नहीं ऑनलाइन सैट करूंगा. फिर कमरे में लाकर पेलूँगा.

वो बोली- पेलना जानते भी हो?
मैंने कहा- पिलवा कर देख लो मालूम हो जाएगा.

वो बोली- हां पिलवाना तो है मगर ऐसे किसी से भी कैसे पिलवा लूँ?
मैंने कहा- सैंपल देख लो.

वो बोली- दिखाओ.
मैंने कहा- कैम खोल कर दिखाओ कि सामने छेद है या लकड़ी?

वो मेरी बात पर जोर से हंसी और बोली- चल कैम के लिए रिक्वेस्ट भेज.
मैंने भेजी.

उसने कैम खोल दिया.
आह क्या मस्त माल थी वो.

वो एक बिना आस्तीन का गहरे गले का टॉप पहनी हुई थी. उसके दूध टॉप से फटे पड़ रहे थे.
मुझे देख कर उसने हाय किया और फ़्लाइंग किस उछाल दी.

मैं उसे देख कर इतना खुश था मानो हूर की परी हाथ लग गई हो.
मैंने भी उसे हाय किया और चुम्मी उछाली.

उसने अगले ही पल उठ कर खड़ी होकर अपने फिगर की नुमाइश की तो कलेजा हिल गया. उसने नीचे एक छोटी सी हाफ़ पैंट पहनी थी और उसका टॉप सिर्फ नाभि तक आ रहा था. उसकी नाभि में एक छल्ला लटका हुआ था.
उसने पलट कर अपनी गांड दिखाई और वापस सिस्टम के सामने बैठ कर कैम ऑफ़ कर दिया.

मैंने लिखा- क्या हुआ बेबी … कैम क्यों ऑफ़ कर दिया?
उसने कहा- कैम में क्या रखा है. सामने से सब होगा तब मजा आएगा.

मैंने समझ लिया कि भाभी मुझको बता रही थी कि वो एक छेद वाली माल है … कोई फेक आइटम नहीं है.
अब उसने कहा- अब तुम दिखाओ.

मैंने कहा- ओके, क्या देखना है.
वो बोली- चूत देखना है.

मैंने कहा- मेरे पास चूत नहीं है … लंड है.
वो बोली- शुरू से ही चूतिया हो क्या?

मैं समझ गया कि जब वो लंड की तलाश में इधर आई है तो लंड ही देखेगी.
मैंने उसे कैम पर अपना लंड दिखाया तो वो खुश हो गई.

उसने कहा- जब मिलूंगी तो ये जंगल साफ़ रहना चाहिए.
मैंने कहा- ओके मेम. कब मिलना है?

भाभी के साथ बात करके ये निश्चित हुआ कि वो मुझे गोवा में मिलेगी और तीन दिन तक मेरे साथ रह कर संभोग करके खुद को सन्तुष्ट करना चाहेगी.

उसने हमारे रहने और मेरे राजकोट से गोवा तक जाने का भी इंतजाम कर दिया और उसके बुलाए गए वक्त पर मैं गोवा के एयरपोर्ट पहुंच गया.

होटल से मुझे लेने गाड़ी आ गई थी और में होटल पहुंच गया; भाभी के बताए गए रूम पर पहुंचा.

भाभी ने रूम का दरवाजा खोला और मैं उसको देखता ही रह गया.
उसने एक छोटी सी लाइट ग्रीन कलर की नाईटी पहनी हुई थी. उसके शरीर के सारे उभार निखरकर सामने आ रहे थे.

उसका फिगर 36-30-38 का था और उसके स्तन एकदम सख्त तने हुए थे.
देखने में ऐसे लग रहे थे, जैसे कभी किसी ने छुआ ही न हो.

उसने एक पल मुझे देखा और फिर लपक कर मुझसे ऐसे लिपट गई जैसे किसी पेड़ पर बेल लिपट गई हो.
हम एक दूसरे को किस करने लगे और मैंने उसे कस कर अपने सीने से लगा लिया.

अगले ही पल हम दोनों एक दूसरे की जीभ का स्वाद ले रहे थे.
मैं उसके स्तनों को अपनी छाती से चिपका कर दबा रहा था.

थोड़ी देर बाद हम एक दूसरे से अलग हुए और मुस्कुरा दिए.

उसने मुझसे पूछा- कैसा लगा मेरा वेलकम ड्रिंक?
मैंने प्रतिउत्तर देकर कहा- अब तक का सबसे नशीला.

वो एक कामुक मुस्कान देकर बोली- ये नशा अब तीन दिन और तीन रात तक उतरने वाला नहीं है.
वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेड पर ले गई और मुझे धक्का देकर बिठा दिया.

भाभी मेरी गोद में आकर बैठ गई और फिर से मुझे पागलों की तरह चूमने लगी.
मैं अपने हाथों से उसकी नाइटी के ऊपर से उसके स्तनों को मसलने लगा, चूसने लगा.

भाभी की सांसें तेज होने लगीं और कमरे में उसकी मादक सिसकारियां गूंजने लगीं.
उसने मुझे जोर से धक्का देकर बेड पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गई.

अपनी नाइटी उतारकर मुझे अपने अपना नग्न शरीर दिखाने लगी.
उसके रसीले स्तन ऐसे दिख रहे थे जैसे मम्मों को दबाते ही उनमें से दूध के फव्वारे निकल आएंगे.

मैंने उसके स्तनों को अपने हाथों में लिया और जोर जोर से मसलने लगा.
फिर मैंने भाभी को उनके एक स्तन से ही पकड़ कर अपने पास खींचा और उसका रस पीने लगा.

बीच बीच में उसके निप्पल को पकड़ कर खींचता, रगड़ता और अपने दांतों से हल्का सा काट लेता.

भाभी की वासना की आग भड़क उठी थी.
वो मेरे ऊपर से उतरी और मेरे कपड़े उतारने लगी.
अगले एक मिनट में उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया.

मेरे खड़े लंड को देख कर उसकी आंखों में चमक आ गई और एक मादक मुस्कान के साथ मेरा लंड सहलाते हुए बोली- कब से तुम्हारे लिए ही तड़प रही थी.
मैंने कहा- मेरे लिए या मेरे लवड़े के लिए?

वो बोली- तुम्हारे लवड़े सहित तुम्हारा इन्तजार कर रही थी. अकेले लंड तो प्लास्टिक के भी मिल जाते हैं.
मैंने कहा- अभी तक रबर के लंड से काम चलाती आई हो क्या?

भाभी हंसी और बोली- फिर वही चूतियापने की बात?
मैंने झेम्प कर हाथ जोड़ लिए- भाभी तू महान है.
वो हंसी और बोली- हां ये अदा ठीक है.

मैंने कहा- अब लंड को प्यार करने का मन हो तो मुँह खोल लो.
उसने एक बार लंड को देखा, नाक लगा कर सूँघा और फिर एक ही झटके में लंड को अपने मुँह में ले लिया.

वो लंड को ऐसे चूसने लगी जैसे उसकी खाल उतार देगी.

मैं तो जैसे सातवें आसमान में था और उसके बालों को पकड़ कर पूरा लंड उसके मुँह में दबा कर उसका मुँह चोद रहा था.

थोड़ी देर लंड चूसने के बाद भाभी खड़ी हुई और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
चोदी भाभी की गीली चूत की मादक खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी.

वो मेरे लंड को और मैं उसकी चूत को चाट रहा था.
चूसने के साथ ही मैं अपनी जीभ से भाभी की चूत को चोद भी रहा था.
वो मस्ती से आह आह कर रही थी.

थोड़ी देर बाद ऐसे ही हम दोनों का शरीर अकड़ने लगा और एक संतुष्ट सिसकारी के साथ हम दोनों एक दूसरे के मुँह में ही झड़ गए.

भाभी मेरी बगल में आकर मेरी बांहों में लेट गई और एक मुस्कान के साथ मुझसे लिपट कर सो गई.

थोड़ी देर बाद हम जागे और मैं उसको अपनी बांहों में उठा कर बाथरूम में ले गया.
हमने एक दूसरे को नहलाया और साफ होकर वापिस बेड पर आ गए.

मैंने भाभी को किस करना चालू किया, उसकी नंगी पीठ पर हाथ घुमाते हुए उसके भरे हुए नितंबों को दबाने लगा.

फिर उसको नीचे लेटा कर मैं उसके ऊपर आ गया और उसके बालों को सहलाते हुए किस करने लगा.

वो उत्तेजित होने लगी तो मैं उसके कान के पीछे किस करने लगा और अपनी जीभ से उसकी गर्दन को चाटने लगा.

धीरे धीरे भाभी गर्म होने लगी और मादक सिसकारियां लेने लगी.
मैंने उसके एक स्तन को दबाया और मसलना चालू कर दिया.

उसके निप्पल कड़क हो गए और वो अपने दूध मेरे मुँह में देने लगी.
मैंने उसकी एक चूची को मुँह में लिया और उसका रस पीना शुरू कर दिया.

भाभी अब तक काफी गर्म हो गई थी और मेरे सिर को पकड़ कर अपने मम्मों में दबाने लगी थी- आह पी ले … बड़ी आग लगी है मेरे मम्मों में चूस ले साले!

मैं भी भाभी के निप्पल अपने होंठों से खींच खींच कर चूस रहा था, जिससे मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था.
एक दूध को चूसने का मजा और दूसरे दूध के निप्पल को अपनी दो उंगलियों में दबा कर मींजने का सुख मुझे वासना के चरम पर ले जा रहा था.

मेरे साथ ही भाभी की चूत भी पानी टपकाने लगी थी.
उसने मेरे सर को मम्मों से नीचे करने की कोशिश की तो मैं समझ गया कि भाभी को चूत चटवाने का मन भी होने लगा है.

मैं अब धीरे धीरे उसके पेट की ओर आ गया और उसकी गहरी नाभि को चूसने लगा.

नाभि में जीभ डालकर उसे कुरेदने लगा.
भाभी की आह आह और अधिक बढ़ गई.

अब तक मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो गया था और उसे भाभी की चूत पर रख कर आस पास घुमाने लगा.

भाभी की चूत भी गीली थी और उसमें से रस भी निकलने लगा था.
कमर उठा कर भाभी लंड घुसवाने की कोशिश कर रही थीं और मुझे ऐसी नजरों से देख रही थीं जैसे कह रही हों कि अब तड़पाओ मत, लंड डाल दो.

मैंने एक मुस्कान के साथ उनको नितंबों से पकड़ा और एक झटके के साथ आधे से ज्यादा लंड भाभी की रसीली चूत में पेल दिया.

लंड अन्दर जाते ही भाभी की आंखें बड़ी हो गईं और मुँह से एक दबी हुई चीख निकल गई- आह मर गई मम्मी रे … साले हरामी धीरे पेल!
मैंने उसकी एक न सुनी और लंड को चूत में दबाता चला गया.

उसकी आह आह कुछ बढ़ रही थी तो मैं उसके चेहरे के पास अपना चेहरा ले गया और उसको किस करने लगा.
अपने एक हाथ से भाभी के एक स्तन को दबाने लगा.

थोड़ी ही देर में भाभी नॉर्मल हो गई और धीरे धीरे अपनी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी.
मैंने फिर से एक झटका लगा दिया.

इस बार मैंने बाकी का लंड भाभी की चूत के अन्दर पेल दिया और उसके ऊपर एकदम से लद गया.

भाभी ने दर्द से तड़फ कर मेरी बाजू पर जोर से काट लिया और अपना दर्द जाहिर किया.
कुछ देर की उन्ह आंह के बाद लंड ने चूत में आना जाना शुरू कर दिया.

हमारी पहली चुदाई चालू हो गई और कमरा चुदाई की मादक आवाजों से भरने लगा.
थोड़ी देर चुदाई करने के बाद मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और भाभी भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी.

उसकी चूत मेरे लंड को ऐसी लग रही थी जैसे भट्ठी में से आग बाहर आ रही हो.
तकरीबन आधा घंटा की जबरदस्त चुदाई के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और एक झटके के साथ पूरा अन्दर डाल दिया.

उधर लंड भाभी की बच्चेदानी से टकराया और उसकी तेज आह निकली- मर गई भोसड़ी के … आह साले चूत फाड़ेगा क्या?
इधर मैंने भाभी की चिल्लपौं को नजरअंदाज करते हुए तेज रफ्तार के साथ चुदाई चालू कर दी.

थोड़ी ही देर में भाभी का सारा शरीर अकड़ने लगा और गर्म लावा का एक तेज फव्वारा मुझे अपने लंड पर महसूस हुआ.
उसी की गर्मी से मेरे लंड से भी वीर्य की पिचकारी उस लावा को ठंडा करने के लिए निकल गई.

हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर पड़े रहे और एक दूसरे को चूम कर ठंडा करने लगे.
इस तरह से मैंने hot भाभी चोदी.

फिर हम दोनों खड़े हुए और कपड़े पहन कर रूम में ही खाना मंगवा कर खाने लगे.

खाने के बाद फिर से एक हसीन चुदाई वाली रात के ख्यालों में खोने लगे.

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