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मौसी की चूत चुदाई करके उनका दुःख कम किया

मौसी की चूत चुदाई करके उनका दुःख कम किया

मौसी पोर्न कहानी में पढ़ें कि मेरी मौसी बहुत सेक्सी हैं. मैं उन्हें चोदना चाहता था. पर मौसा जी उनसे मारपीट करते थे. एक दिन मैं उनके घर गया तो वे रो रही थी.

दोस्तो, मेरा नाम रोनित रॉय है और मैं झारखंड का रहने वाला हूँ.
ये मौसी पोर्न कहानी मेरे और मेरी सगी मौसी के साथ हुई चुदाई की कहानी है.

मैं अपने बारे में कुछ बता देता हूँ.
मेरी उम्र 20 साल की है और मैंने बी.कॉम. कर लिया है. अभी एम.कॉम. कर रहा हूँ.
भगवान की दया से अभी मेरी जॉब एक बहुत ही बड़ी कंपनी में लगी है, जिससे हम सब काफी खुश हैं.

मैं आपको अपनी मौसी के बारे मैं बता देता हूँ.
मौसी का नाम सोनिया है. मौसी भी झारखंड में ही रहती हैं. हमारे घर से लगभग 50 किलोमीटर दूर उनका गांव है.
उनकी उम्र 38 साल की है और वो काफी हॉट माल हैं. उनका फिगर सोच कर ही लंड खड़ा हो जाता है.

मौसी की बलखाती कमर, चूचे 36 साइज़ के और गांड तो जानलेवा थी. एकदम उभरी हुई 42 की गांड देख कर मर्दों के लौड़े आन्दोलन करने लगते थे.
मेरी मौसी एक नंबर माल थीं माल … और ये माल मेरे लंड के नसीब में कैसे आया, आइए जानते हैं.

इस घटना से पहले भी मैंने मौसी के नाम की बहुत मुठ मारी है.
पर मुझे कहां पता था कि एक दिन सच में मुझे अपनी मौसी को चोदने का मौका मिलेगा.

मेरी मौसी के घर पर 4 लोग ही रहते हैं. मेरी मौसी मौसा और उनके 2 बच्चे.

मौसा जी बहुत दारू पीते हैं और मौसी को मारते भी हैं. जिस कारण मौसा और मौसी का प्यार का रिश्ता खत्म सा हो गया था.
रोज रात को मौसा जी पीकर आते, लड़ाई करते, मौसी को मारते और सो जाते, ये हर रोज की कहानी थी.

उन दिनों मेरी जॉब के कारण मुझे मौसी के घर से कुछ दूर ही एक जगह है, जहां हमारी कंपनी का गोदाम है, वहां जाना पड़ा.

रात काफी हो गई थी और आना मुमकिन नहीं था क्योंकि जो वापस आने का रास्ता था, वो जंगल से होकर जाता था.
तो मैंने सोचा कि आज मौसी के घर ही रुक जाता हूँ क्योंकि अगले दिन संडे था तो मुझे ऑफिस जाना नहीं था.

मैंने अपनी बाइक उठाई और चला गया.
मौसी के घर काफी दिन बाद जा रहा था तो मैं खुश बहुत था.

करीब 25 मिनट के बाद मैं अपनी मौसी के घर पहुंच गया.

उधर मैंने जो देखा, वो देख कर मेरी तो आंखें खुली की खुली रह गईं.

मैंने देखा कि मौसी को मौसा ने काफी बुरी तरह से मारा था. उनके कपड़े फटे हुए थे. वो बैठ कर रो रही थीं.
मैं जैसे ही मौसी के पास गया, वो मुझे देख कर मुझसे लिपट गईं और रोने लगीं.

उनके यूं लिपट जाने से मैं एक बार को तो सिहर गया.
एक पल के लिए तो मुझे लगा, मैं मौसी को किस करूं और चुप करा दूं … लेकिन वो नहीं हो सकता था. मौसी बुरा मान जातीं.
इसलिए मैंने मौसी को चुप कराया, उन्हें पानी पिलाया और उनसे कहा कि आप कपड़े चेंज कर लो मौसी.

मैं बच्चों से मिलने गया तो वो लोग सो चुके थे और मौसा भी सो गए थे.

मैं मौसी के पास वापस आया.
उन्हें बताया कि कैसे और क्यों मैं यहां आया हूँ.

एक बात तो है, मौसी मुझे देख कर काफी खुश हो जाती थीं. आज भी मुझे देखने के बाद वो काफी खुश थीं.
हालांकि वो अपनी ख़ुशी कुछ देर बाद जाहिर कर पाईं.

मार-पीट के कारण मौसी को काफी चोट आई थी, तो उन्हें काफी दर्द हो रहा था.

मैंने उन्हें यूँ दर्द से तड़फता देखा तो मैंने कहा- मौसी तुम लेट जाओ, मैं बाम लगा देता हूँ.
पर वो नहीं मानी.

कुछ देर बाद मौसी बोलीं- मैं तेरे लिए कुछ खाने को लाती हूँ.
मैंने मना कर दिया- मौसी तुम बैठो, मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने को लाता हूँ.

मौसी के काफी मना करने के बाद भी मैं एक थाली में खाना लगा लाया और अपने हाथ से मौसी को खाना खिलाया.
इससे मौसी काफी खुश हो गई थीं और बार बार कह रही थीं- इसी प्यार के लिए तो मैं भूखी हूँ. मुझे आज तक ऐसा प्यार कभी नहीं मिला.

उनके मुँह से बार बार प्यार का शब्द सुनकर मुझे समझ आ गया कि काम बन सकता है.
फिर हम बातें करने लगे.

मौसी मुझे अपनी जिंदगी की दास्तान बताने लगीं और रोने भी लगीं.
मैंने मौसी को रोती हुई देखा, तो मुझे काफी बुरा लगा इसलिए मैंने उनसे वो सवाल पूछा, जो मेरे मन में काफी देर से चल रहा था.

उसे सुन कर एक सेकंड के लिए वो चुप हो गईं, फिर उन्होंने मुझे जवाब दिया.

मैंने मौसी से पूछा- मौसा तुमको इतना मारते हैं, तो प्यार तो करते ही नहीं होंगे, तुम बिना प्यार के कैसे रहती होगी?
मेरे इस सवाल पर मौसी ने कहा- तेरे मौसा ने मुझे कभी प्यार नहीं किया, बस वो बच्चे पैदा करने आता है. उसे प्यार करना नहीं आता. मैं तो बस अपने बच्चों के कारण तेरे मौसा को बर्दाश्त करती हूं.

मैं हतप्रभ था.

मौसी- प्यार शब्द तो मेरी जिंदगी से शादी के बाद ही चला गया था.
ये सब सुन कर मुझे काफी बुरा लगा.

मैंने मौसी से कहा- ऐसा मत सोचो मौसी, मैं हूँ ना … मैं प्यार करता हूँ तुमसे!
इस पर मौसी ने कहा- हां, पर प्यार भी 2 तरह का होता है. दूसरे वाला प्यार मुझे नहीं मिलता.

मैं मौसी की बात समझ गया था.
कुछ देर चुप रहने के बाद मैंने मौसी से कहा- अगर बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं?
मौसी ने कहा- हां बोलो.

‘अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें प्यार दे सकता हूं.’

मौसी ये सुन कर बोलीं- नहीं, ये गलत है. तू मेरे बेटे जैसा है.
मैंने कहा- पर तुमको प्यार चाहिए और इस तरह के प्यार का मतलब है सेक्स, मैं तुमको वो दे सकता हूं. इसमें कुछ गलत नहीं हैं और ये बात मेरे और तुम्हारे बीच की है, इसका किसी को पता नहीं चलेगा.

कुछ देर सोचने के बाद मौसी उदास हो गईं.
मैं आगे बढ़ा और मौसी के पास बैठ गया.

मैंने मौसी को गले से लगाया तो मौसी ने कुछ नहीं कहा.
इसमें मैंने मौसी की हां समझी और उनको खुद से चिपका लिया.

कुछ देर बाद मैंने मौसी का चेहरा पकड़ा उसे अपनी तरफ करके प्यार से धीरे धीरे उनके होंठों के करीब अपने होंठों को ले कर जाने लगा.
मौसी की आंखें बन्द थीं.

मैंने अपने होंठ मौसी के होंठ से सटाए और धीरे से मौसी की पीठ की सहला कर किस करने लगा.
पहले तो मौसी ने साथ नहीं दिया पर जब उन्हें अच्छा लगने लगा, तब वो भी मेरा साथ देने लगीं.

हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे.
हमारी लार गिरने लगी थी लेकिन हमने किस करना बंद नहीं किया.

एक लम्बी किस के बाद हम अलग हुए.
फिर क्या था … ग्रीन सिग्नल.

मैंने मौसी को बांहों में उठाया और गेस्ट रूम की तरफ ले गया.
वहां के बेड पर मैंने मौसी को सुलाया फिर अपनी टी-शर्ट उतारी और ट्रैक पैंट भी,

मैं अब बस हाफ लोवर में था.
मैं मौसी के ऊपर चढ़ गया और उनके गालों को चूमने लगा. माथे को चूमा, दोनों कानों को बारी बारी से चूमा और होंठों को चूमते हुए उनकी नाइटी उतार दी.

मौसी ने नाइटी के नीचे ब्रा पैंटी पहनी थी. मौसी सफ़ेद रंग की पैंटी और ब्रा में कयामत लग रही थीं.
एकदम शोला बदन और सेक्सी माल सी मेरी मौसी मेरे सामने चुदने के लिए एकदम तैयार थीं.

मैंने देर न करते हुए उनके गर्दन को चूमना और चाटना शुरू कर दिया.
धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए मैं उनके बूब्स तक पहुंच गया था.

मौसी तो पागलों की तरह लम्बी लम्बी सांसें ले रही थीं जो मुझे काफी गर्म कर रही थीं.
उनकी ब्रा के ऊपर से ही मैंने उनके एक दूध को मुँह में भर कर पिया और अपने हाथों से दबाया भी.

फिर मैंने उनकी ब्रा उतारी और निप्पल को मुँह मैं लेकर एक बच्चे की तरह उनके दूध पीने लगा.

मौसी को मानो जन्नत का अहसास होने लगा था. वो आह आह करती हुई मुझे अपने दूध पिला रही थीं.

उनके चूचों का सारा रस पीने के बाद मैं निचे सरक आया और उनकी नाभि में जीभ डाल कर घुमाते हुए उन्हें गर्मी के शिखर पर ले जाने लगा.
मौसी मेरे सर को सहला रही थीं और आह आह कर रही थीं.

नाभि से खेलने के बाद मैं उनकी चूत तक आ पहुंचा.
आह … क्या खुश्बू आ रही थी.

देर ना करते हुए मैंने मौसी की पैंटी एक बाजू हटाई, सामने चूत चिकनी थी.

चूत में मैंने जीभ लगाई और आइसक्रीम की तरह चूत चाटने लगा.

मौसी को तो होश ही नहीं रहा, वो ‘आह उह आए उम्म्म आई आह …’ करने लगीं.

मैं उनकी चूत में जीभ को अन्दर तक डाल कर मुँह से चोदने लगा.
बीच बीच में मैं अपनी उंगली भी डाल देता और हाथों से चूचों को दबा देता.

कोई 20 मिनट बाद मौसी ने अपना पानी छोड़ दिया.
काफी गर्म चूत रस था. मैं सारा रस पी गया और उनकी चूत चाट कर साफ कर दी.
अब मेरे लंड का बुरा हाल था.

मैंने मौसी से लंड चूसने को बोला.

वो उठीं और मेरे लोवर को हटा कर लंड देखने लगीं, फिर प्यार से लंड को चूसने लगीं.
मौसी लंड के सुपारे पर जीभ फिरा कर उसे सहला रही थीं और हाथों से लंड की मुठ भी मार रही थीं.

मुझे अपनी मस्त मौसी से लंड चुसाई में बहुत मजा आने लगा था.
कुछ देर के बाद मैंने मौसी को सीधा किया और उनकी चूत में अपना लंड सैट कर दिया.

मौसी को लंड लेने की चुल्ल हो रही थी उनकी गांड लंड लीलने के लिए बार बार उठ रही थी.
मैंने कुछ देर चूत की फांकों में अपने लौड़े का सुपारा घिसा, तो वो मचल कर बोलीं- पेल ना!

मैंने एक ही झटके में लंड चूत के अन्दर पेल दिया.
वैसे अभी तक मैंने आपको अपने लंड के साइज नहीं बताया था, मेरे लंड का साइज काफी मस्त है.
ये 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है.
पाठिकाएं कल्पना कर सकती हैं कि चूत में मेरा लंड कितना मजा देता होगा. मेरी मौसी को मेरे लंड से कितना मजा आ रहा होगा.

अब मैंने मौसी को जो चोदना शुरू किया, तो आधे घंटे तक बिना रुके चोदा.
वो चिल्लाती रहीं- आह मर गई … रुक जा कमीने … आह जानवर साले … रुक जा … आएं मां उन्ह मर गईईई ऊ उम्म्म!
पर मैं नहीं रुका.

जल्द ही मौसी की चूत ने दो बार अपना रोना रोया.

अब मैं भी झड़ने वाला हो गया था.
मैंने मौसी से पूछा- कहां निकालूं?
उन्होंने कहा- अन्दर ही, मैंने ऑपरेशन करा लिया है, अब कोई डर नहीं है.

मैंने आठ दस झटकों के बाद सारा माल मौसी की चूत में डाल दिया.
फिर मौसी ने चूस कर मेरा लंड साफ कर दिया.

मैं वहीं मौसी को अपनी बांहों में लेकर किस करने लगा.
मैं उन्हें अभी और चोदना चाहता था, पर मौसी ने कहा- अब अभी नहीं, कल सुबह.

इसके बाद दूसरे दिन कैसे मैंने अपनी मौसी को अलग अलग पोज में दिन भर चोदा.
मैंने मौसी की गांड भी मारी. वो मैं अगली सेक्स कहानी में लिखूंगा.

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