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चचेरी बहन की सीलपैक बुर की चुदाई

चचेरी बहन की सीलपैक बुर की चुदाई

हॉट वर्जिन सिस्टर कहानी मेरी बड़ी बहन की सीलबंद बुर की चुदाई की है. वो मेरे ताऊ की बेटी है. हम एक साथ दोस्तों की तरह रहते आये थे. मुझे उसकी चुत कैसे मिली?

दोस्तो, आज मैं बड़ी जद्दोजहद के बाद हिम्मत कर पाया हूँ कि मैं अपनी बहन की चुदाई की कहानी आप सभी के साथ साझा कर सकूं.

आज मैं जो घटना लिख रहा हूँ, वो दरअसल मेरे ताऊ जी की बेटी यानि मेरी चचेरी बहन के साथ हुई चुदाई की कहानी है.

मेरी चचेरी बहन मेरे पड़ोस में ही रहती है और उसका नाम अदिति है.
हम दोनों साथ में ही बड़े हुए हैं और बचपन से ही साथ में खेलते आए थे.

वो मेरा बहुत अच्छी तरह से ख्याल रखती थी और छोटे भाई की तरह ही ख्याल रखती थी.
चूंकि वो उम्र में मुझसे दो साल बड़ी है, तो मैं उसे दीदी कह कर ही बुलाता था.

यह हॉट वर्जिन सिस्टर कहानी तब की है जब मैं अपनी बीटेक की पढ़ाई के फर्स्ट सेमेस्टर की छुट्टियों पर घर आया था.
दोस्तो, मैं आपको बता दूँ कि हम दोनों के घर आपस में मिले हुए हैं और हमारी छत एक ही है. तो हम दोनों शाम को छत पर ही टहलते थे और बात करते थे.

जब मैं घर आया तो वो बहुत ही खुश हुई.
हम दोनों थोड़े दिन साथ में ही रहे और छत पर टहलते हुए एक दूसरे से बातें की.

वो गर्मी का मौसम था और मेरा बिस्तर छत पर ही लगता था तो मैं उधर ही सो जाता था.

तभी वो दो दिन से दिख नहीं रही थी, शायद कहीं चली गई थी.
मुझे लगा कि वो कहीं बाहर गयी हुए है.

मैं उस रात काफी हॉर्नी महसूस कर रहा था इसलिए मैं अपना लैपटॉप लेकर ऊपर चला गया.
वहां पर कोई भी नहीं आता था.

मुझे लगा अब मेरी बहन भी नहीं है तो छत पर कोई भी नहीं आएगा.

मैं लैपटॉप खोल कर एडल्ट मूवी देखने लगा.
वो अचानक से कब छत पर आ गयी, मुझे एक बार को भी पता नहीं चला.

वो भी मुझे लैपटॉप चलाते देख कर चुपके से मेरे पीछे आकर खड़ी हो गई.
मैं कान में हेडफोन लगाकर कर चुदाई की मस्त आवाजें सुन रहा था.
उसने लैपटॉप पर ब्लू-फिल्म चलती देखी, तो वो भी देखने लगी.

फिर अचानक ही मेरी नज़र उस पर पड़ी तो मैं एकदम से सकपका गया.
सच पूछो तो मेरी गांड फट गयी थी.
मैंने तुरंत ही लैपटॉप का स्लाइड बंद कर दिया और कुछ नहीं बोला.

वो मदहोश सी आवाज में बोली- ये सब देखना बुरी बात है.
ये कहती हुई वो मुस्कुराती हुई वहां से चली गयी.

उसकी मुस्कान को मैं समझ नहीं पाया कि क्या मामला है.
मुझे लगा कि वो पापा को बोल देगी, पर थैंक गॉड उसने ऐसा नहीं किया.

फिर मैं दो दिन तक मैं ऊपर ही नहीं गया.

तीसरे दिन मैं ऊपर जाकर बैठा ही था कि वो आ गयी और इधर उधर की बातें करने लगी.
उतने में पापा ने आवाज़ लगाई तो मैं वहां से नीचे आ गया.

जब वापस आया तो वो मेरे बेड पर आकर सो गयी थी.
वो एक छोटी फ्रॉक जैसी नाइटी पहन कर लेटी थी और बहुत ही सेक्सी लग रही थी.

उसे यूँ लेटा देख कर मेरी वासना बढ़ने लगी और कुछ हिम्मत भी बढ़ गयी.
मैं जाकर उसके पास ही सो गया.

वो उस दिन गजब की सुन्दर लग रही थी. मेरे मन में कामुक विचार जागने लगे.
मैंने उसकी नाइटी के गले में झांका तो मालूम हुआ कि वो अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.

उसकी दोनों चूचियों के निप्पल साफ़ साफ़ दिख रहे थे.
मैं सीन देख कर आपे से बाहर हो गया, मेरा लंड भी फड़फड़ाने लगा.
मैंने लंड को भी कंट्रोल किया.

वो तो पहले से ही सेक्सी थी, उसके गोल गोल चुचे और उठी हुई गांड देख कर मैं पूरी तरह से पागल हुआ जा रहा था.
लेकिन गांड भी फट रही थी कि पहले से ही उससे कट रहा था और अगर आज हरकत कर दी तो इज्जत का फालूदा होने में समय नहीं लगेगा.

वैसे भी वो मेरी बड़ी बहन थी इसलिए कुछ किये बिना ही गांड सिकोड़े पड़ा था और करता भी क्या.

मेरे सामने उसका 34-28-36 का मालदार फिगर मुझे ललचाता रहा और मैं लंड सहलाता रहा.

थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद जब नहीं रहा गया और वासना, डर पर हावी हो गई तो मैंने कुछ हिम्मत की.

मैंने अपना एक हाथ उसके हाथ पर रख दिया.
उसने कुछ भी नहीं बोला.

फिर थोड़ी देर बाद मैं उसके हाथ को सहलाने लगा.
शायद उसे भी मज़ा आने लगा तो उसने भी कुछ नहीं कहा.

अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने धीरे से उसके गाल पर किस कर दिया.
मेरी किस से भी उसने कुछ नहीं कहा.

अब मुझे लगने लगा कि शायद वो भी यही सब चाहती थी.
आख़िर वो भी मेरी तरह जवान थी और शायद वर्जिन भी थी, इसलिए उसकी वासना भी भड़क रही थी.

फिर क्या था, मुझे मानो ग्रीन सिग्नल मिल गया था.

मैंने फिर भी एक बार सोचा कि कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए, मैं कोई रिस्क लेना नहीं चाहता था.

मैंने कुछ सोच कर अपना हाथ वहां से हटा लिया कि पहले इसका रुख देखा जाए.

मेरी सोच सही निकली.
थोड़ी देर बाद उसने मेरा हाथ पकड़ किया और सहलाने लगी.

मैं मजा लेने लगा.
तभी उसने आगे बढ़ कर मुझे किस कर दिया.

फिर क्या था यारो, मेरा तो वैसे ही लंड खड़ा था.
उसके चुम्मी करते ही मैं भी आउट ऑफ कंट्रोल हो गया. मेरे होंठ उसके होंठों पर जा टिके.

इसके लिए वो भी पहले से तैयार थी. मैंने उसे चूमा, तो उसने भी साथ देना शुरू कर दिया.
हम दोनों एकदम से बेकाबू हो गए.

मैं उसके गले पर, होंठों पर, गर्दन पर हर जगह किस करने लगा.
वो बस आंखें बंद करके मज़ा ले रही थी.

मैंने एक हाथ उसके मम्मों पर रखा, तो वो तो चिहुंक उठी और मादक आवाज में सीत्कार करने लगी.

जब मैंने दूसरा हाथ उसकी पैंटी में डालकर बुर को टच किया तो वो तो उछल पड़ी.

क्या नज़ारा था यारो वो … क्या बताऊं आपको!

मेरे बुर को मसलते ही वो भी आगे बढ़ गई और उसने मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही पकड़ लिया.
वो भी लंड सहलाने लगी थी.

मुझे और भी ज्यादा मज़ा आने लगा था.

मैंने उसी वक्त उसकी नाइटी उतार दी और उसके मम्मों को चूसने लगा.

वो तो एकदम चुदासी रांड सी पागल हो रही थी.
मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी.

उसने भी मेरा ट्राउज़र निकाल दिया और मेरे लंड से खेलने लगी.
मैंने चड्डी नहीं पहनी थी तो मेरा खड़ा लंड सीधे ही उसके हाथ में आ गया था.

मैं भी अब पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था.
फिर मैं धीरे धीरे किस करते करते उसकी चूत पर आ गया.

जैसे ही मैंने उसकी चूत पर मेरी जीभ रखी, वो तो ‘आअह उह्ह्ह उफ्फ्फ …’ करने लग गयी.
मैंने जैसे ही पूरी जीभ उसकी चूत में डाली, तो वो जोर जोर से चिल्लाने लगी- आअहह भाई … क्या कर दिया आहह मर गई और तेज और तेज करो!

उसकी मादक आवाजें मेरे जोश को बढ़ाने लगीं और मैं पूरी तन्मयता से बुर चाटने में लग गया.
उसने भी अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ कर अपनी चिकनी चूत में दबा दिया.

उसकी पकड़ इतनी तेज थी कि मैं तो पूरी तरह से सांस भी नहीं ले पा रहा था.

कोई 5 मिनट उसकी चूत चाटने के बाद वो झड़ गयी. मैं उसका सारा पानी पी गया.
मैं फिर से उसको किस करने लगा. कुछ ही देर में वो पूरी तरह से कामुक हो गयी थी.

अब वो कहने लगी- प्लीज मुझे और मत तड़पाओ … जल्दी से डाल दो अपना ये 7 इंच का लंड मेरी चूत में और तोड़ दो मेरी वर्जिनिटी.
मैंने कहा- अभी जल्दी क्या है जान … पहले तुम मेरा लंड तो चूसो.

वो मना करने लगी- ना बाबा ना … मुझे ये सब पसंद नहीं है.
मैंने फोर्स किया तो कुछ देर के बाद वो मान गयी ओर मेरे लंड के सुपारे पर अपनी जीभ फेर कर उसका टेस्ट लिया.

उसे लंड का स्वाद अच्छा लगा और मज़ा आया तो वो पूरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
अपनी बहन से लंड चुसवा कर मैं तो यारो … जन्नत की सैर पर निकल पड़ा था.

वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह बस चूसे ही जा रही थी.
मेरा ये फर्स्ट टाइम था किसी लड़की के साथ तो मैं जल्दी ही झड़ गया.

वो मेरे लंड का रस खा गई और लगातार लंड चूसती रही.
इससे मैं फिर से गर्म हो गया.

मैं भी उसको लिपकिस करने लगा और वो भी चुदने के लिए तैयार हो गयी.

मैं उसे पलंग पर लिटाकर उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया. मैं अपना लंड उसकी चूत पर रख कर रगड़ने लगा.

वो तो बस बिना पानी की मछली की तरह तड़प रही थी.

फिर क्या था मैंने एक ज़ोरदार धक्का दिया तो मेरा एक इंच लंड ही अभी अन्दर गया था कि क्रान्ति लिख गई.

वो ज़ोर से चिल्ला दी- आह … मर गई मम्मी रे … आह उम्‍म्म मेरी फट गई … आह बाहर निकालो … बहुत दर्द हो रहा है!

उसकी सील टूट गयी थी और बुर से खून निकल रहा था.
पर मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से बंद कर दिए ताकि आवाज़ ज़्यादा ना आए.

मैंने लंड घुसेड़े पड़ा रहा.
जब वो शांत हुई तो मैंने ज़ोर का दूसरा धक्का लगा दिया.

इस बार के झटके में मेरा आधा लंड हॉट वर्जिन सिस्टर की बुर के अन्दर था.
वो रोने लगी और कहने लगी- मैं वर्जिन हूँ और तू मेरी इस तरह से चुदाई कर रहा है साले जैसे मैं रंडी हूँ … निकालो उसे … और जाने दो मुझे … मेरे को नहीं चुदवाना.

पर मैं उससे प्यार से मनाने लगा, उसके होंठों पर, गाल पर, सर पर किस करने लगा.
मैंने उसके एक दूध को चूसना शुरू किया तो उसे मजा आने लगा और शायद वो मम्मे चुसवाने से अपना दर्द भूलने लगी थी.

उसने मेरे सर को अपने दूध पर दबा दिया और आह आह करने लगी.
कुछ देर बाद वो पूरी तरह से शांत हो गयी थी.

मैंने तीसरा धक्का मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड अन्दर चला गया.

मेरी सिस्टर फिर से चिल्ला उठी और मेरे लंड से तड़फ रही थी.
उसकी बस आअहह उहह आइई आआहह की आवाज ही निकल रही थी.

इस बार मैं लगा रहा और उसकी बुर में ताबड़तोड़ बीस पच्चीस शॉट मार दिए.

फिर कुछ देर बाद उसकी आवाजों में मधुर संगीत बहने लगा और उसकी मादक आवाजें मुझे मस्त करने लगीं ‘आह चोद मुझे … फक मी … खूब चोदो मुझे … और तेज चोदो.’

थोड़ी देर बाद उसकी आवाजें और बढ़ गईं. उसके शरीर में अकड़न बढ़ने लगी.
इससे मुझे पता चल गया कि अब वो झड़ने वाली है … मैंने धक्के और तेज कर दिए.

वो भी अपनी गांड उठाती हुई कहने लगी- आह और तेज … और तेज … मैं जाने वाली हूँ … और तेज.
बस वो कराहती हुई झड़ गयी.

पर मेरा तो अभी बाकी था.
मैंने उसने चोदना जारी रखा और कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैं भी अब झड़ने वाला हो गया था.

मैंने उससे पूछा- रस कहां डालूं?
उसने कहा- अन्दर ही डाल दो, मैं गोली खा लूँगी.

मैं तेज तेज चोदने लगा.
वो भी दुबारा से गर्मा गई थी और गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी थी.
कुछ देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.

सच बता रहा हूँ दोस्तो, मुझे अपने चचेरी बहन की सील तोड़ने में बहुत ही मजा आया था.
आपको भी बहन की चुदाई की कहानी पढ़कर मजा आया होगा.

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