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सूने घर में तीन लंड से मेरी चूत चुदी

सूने घर में तीन लंड से मेरी चूत चुदी

सेक्सी लड़की की चुदाई कहानी एक बहुत गर्म लड़की की है. उसे लंड की तलब लगी रहती थी. एक दिन वो घर में अकेली थी और बाहर लड़के क्रिकेट खेल रहे थे.

दोस्तो, मेरा नाम रिया है और ये मेरी पहली सेक्स कहानी है.
मेरी सेक्सी लड़की की चुदाई कहानी में किसी भी ग़लती को प्लीज़ नजरअंदाज कर देना.

मैं दिल्ली में रहती हूँ और मेरी उम्र 35 साल है.
मेरा एक छोटा भाई है और माता पिता हैं. हमारा छोटा सा परिवार है.

अब मैं आपको अपने बारे में बताती हूँ. मेरी फिगर का साइज़ 34-30-36 का है. मैं देखने में बहुत ही खूबसूरत माल हूँ.

मेरे होंठों के नीचे तिल है, जो मेरी खूबसूरती में चार चाँद लगा देता है.
वैसे तो मैं पहले भी चुद चुकी हूँ, लेकिन जिस चुदाई के बारे में मैं आज आपको बताने जा रही हूँ, वो मेरे दिल के बहुत करीब है.

ये सेक्स कहानी उस वक्त की है जब मैं 21 साल की थी.
उस समय मुझे जवानी कहर ढा रही थी और मैं लौंडों के लंड के ऊपर कहर ढाती थी.

जिस गली से मैं निकल जाती थी, वहां लड़कों की लाइन लग जाती थी.
लेकिन मैं किसी को भाव नहीं देती थी.

मेरी सहेलियां कहती थीं कि तू किसी से प्यार नहीं करती. किसी से चुदाई करवा के देख, बहुत मज़ा आता है.
उनको नहीं पता था कि मैं सेक्स के मज़े ले चुकी हूँ.
लेकिन मैं किसी को ये बात नहीं बताती थी और अपने ही एटिट्यूड में रहती थी.

वैसे एक लड़का मुझे बहुत अच्छा लगता था, उसका नाम राहुल था.
वो साला बहुत छिछोरा टाइप का लौंडा था लेकिन उसका लुक मुझे बड़ा अच्छा लगता था.

ये उन दिनों की बात है जब गर्मी का मौसम था.
मेरे मामा की शादी आने वाली थी और सब शॉपिंग करने गए हुए थे.
मैं घर में अकेली थी.

दरअसल जब मैं घर में अकेली होती हूँ तो सिर्फ़ नाइटी पहन लेती हूँ.
उसमें मस्त खुला खुला सा लगता है.

उस वक़्त मैं नहा रही थी और अपनी चूत सहला रही थी.
मुझे उस समय चुदास से चढ़ रही थी.

मेरी गली में लड़के क्रिकेट खेल रहे थे.
उनकी आवाजें आ रही थीं.
वो आपस में गालियां दे रहे थे- गेंद पकड़ मादरचोद … साले भैन के लौड़े ने कैच छोड़ दिया!

उनकी इन आवाजों से मुझे सेक्स चढ़ रहा था और मन कर रहा था कि किसी को अन्दर बुला कर चूत चुदवा लूँ.

उसी समय अचानक मुझे काँच टूटने की आवाज़ आई. मैं डर की वजह से नंगी ही बाथरूम से बाहर आ गयी. मैं ये देखने आई थी कि अन्दर कौन आ गया है.
लेकिन गली में खेले जा रहे क्रिकेट की बॉल से हमारी खिड़की का काँच टूट गया था, वो उसकी आवाज थी.

ये जान कर मुझे अभी सुकून हुआ ही था कि अन्दर कोई नहीं आया है और खतरे की बात नहीं है.

तभी वहां राहुल आ गया.
वो साला खिड़की के अन्दर झांक कर अपनी गेंद देख रहा था.

मुझे ध्यान ही नहीं रहा था कि मैं बिल्कुल नंगी उसके सामने खड़ी हूँ.
इससे पहले मेरे ध्यान में कुछ आता, वो साला खिड़की से कूद कर घर में आ चुका था.

अब मुझे ध्यान आया कि मैंने कुछ नहीं पहना है.
मैं भाग कर कमरे में चली गयी.

लेकिन न जाने क्यों, राहुल के अन्दर आने से मेरा दिल नहीं माना और मैंने कमरे से बाहर झांका तो राहुल मेरी तरफ ही देख रहा था.

मैं पहले से ही गर्म थी.
मुझे भी चुदे हुए काफ़ी वक़्त हो गया था तो मेरा भी दिल चुदाई के लिए करने लगा.

अचानक से मेरी चूत गीली हो गयी और बूब्स के चूचुक टाइट हो गए.
मेरी एक उंगली चूत की तरफ जाने लगी.

मैंने बाहर देखा तो राहुल अब भी वहीं था, उसका भी लंड खड़ा हो गया था.

अब मुझमें एकदम से जोश भर गया था और मैं चूत में उंगली करती हुई मुठ मारने लगी.

मेरे दिल में आ गया था कि आज राहुल से चुद ही लेती हूँ, वैसे भी वो मुझे पसंद था.
मैंने उसको इशारा करके अन्दर बुलाया.

राहुल भी जैसे मेरे इशारे का ही इंतजार कर रहा था.
वो एकदम से अन्दर आ गया और अपने कपड़े उतारने लगा.
मैं तो पहले ही नंगी थी.

वो मेरे नंगे जिस्म को देख रहा था और जल्दी जल्दी कपड़े उतार रहा था.
मैंने उससे कहा- थोड़ा सब्र करो … आराम से करते हैं. घर वाले शाम तक आएंगे.

अब तो जैसे उसकी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा.
उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और किस करने लगा.

वाओ … क्या किस किया था उसने. साला 7-8 मिनट वो मेरे होंठों को ही खाता रहा.

लिपकिस करने के बाद उसने मेरे जिस्म को किस करना शुरू कर दिया.
वो मेरी गर्दन पर, फिर मेरे कन्धे पर, मेरे कान के पास अपनी जीभ ऐसे फेरने लगा जैसे मेरे बदन पर मलाई लगी हो और वो मलाई चाट रहा हो.

जो भी हो, मैं उसके चाटने से पागल सी हुई जा रही थी.

फिर उसने मेरे मम्मों पर किस करना शुरू किया. वो अपने एक हाथ से मेरे एक दूध को मसल मसल कर दबा रहा था और दूसरे हाथ से मेरे दूसरे दूध को पकड़ कर अपने मुँह में भर ले रहा था.

वो बार बार मेरे दोनों दूध को बारी बारी से इसी तरह से चूस रहा था और मसल रहा था.

मैं उसके इस तरह से करने से एकदम मदहोश हो गयी थी.
मुझे उस समय इतना ज्यादा मजा आ रहा था कि अपने मम्मों को भींचे जाने का दर्द भी भूल चुकी थी और बस आह आह किये जा रही थी.

वासना की इसी मदहोशी में मुझे ये भी ध्यान नहीं रहा कि इसके साथ के दोस्त भी हैं, जो इसके साथ क्रिकेट खेल रहे थे.
वो भी इसके गेंद लेकर बाहर न जाने से अन्दर आ सकते हैं.

वही हुआ, अब तक उसके दोस्तों में से 2 लड़के भी घर में आ गए थे और मज़े से हमें सेक्स का मजा लेते हुए देख रहे थे.
ये दोनों लौंडे भी राहुल के बेस्ट फ्रेंड थे.

मैंने जब महसूस किया कि कोई मेरी पीठ पर हाथ फिरा रहा था, तब मैंने पलट कर देखा.
उसके दोस्त मोनू और सूरज उसी कमरे में आ चुके थे.

मोनू मेरी पीठ पर हाथ फेर रहा था.

मैं उसे देख कर अचानक से घबरा गयी कि ये क्या हो रहा है.
भले ही मैं चुदासी थी मगर मैंने कभी एक साथ तीन के साथ सेक्स नहीं किया था.

अब मैं मुश्किल में थी क्योंकि मैं बिल्कुल नंगी थी और राहुल के साथ मैं चूमाचाटी भी कर रही थी.
इससे पहले मैं कुछ कह पाती, मोनू ने कहा- हम किसी को कुछ नहीं बताएंगे, बस हम भी साथ में सेक्स करेंगे.

मैं कुछ नहीं कह पाई और उन्होंने इसे मेरी हां समझ ली.

बस फिर क्या था … वो तीनों मुझे ऐसे किस करने लगे जैसे मेरे जिस्म का कोई हिस्सा नहीं छोड़ेंगे.
थोड़ी देर में मैं फिर से चुदाई के रंग में डूब गयी और मस्ती करने लगी.

अब मोनू ने अपना लंड निकाला जो लगभग 7 इंच का था.
उसने मुझे मुँह में लंड लेने को कहा.

वैसे मैंने अब तक सिर्फ़ मूवी में देखा था कि लंड भी चूसा जाता है. पर अभी तक कभी चूसा नहीं था.
हालांकि आज मेरा भी बहुत दिल कर रहा था … तो मैं एकदम से मान गयी और मोनू का लंड मुँह में लेकर उसके चाटने लगी.

ये देख राहुल और सूरज ने भी अपने अपने लंड मेरे मुँह के पास कर दिए.

उनमें से राहुल के लंड का साइज़ 8 इंच का था और सूरज का 6 इंच का ही था.

अब मैं एक लंड निकालती और दूसरा मुँह में भर लेती.
अहह अहह आह … बड़ा मजा आ रहा था.

आज मैं पहली बार लंड मुँह में ले रही थी और वो भी एक नहीं तीन तीन लंड का मजा ले रही थी.
मैं बस मस्ती से सभी के लंड चूस रही थी और उनके आंडों को भी चाट रही थी.

मुझे खुद भी नहीं पता चल सका था कि मुझमें इतना जोश कहां से आ गया था.
ऐसा 20 मिनट तक चलता रहा.

फिर राहुल ने मुझे घोड़ी बनने को कहा, तो मैं झुक गयी.

राहुल मेरे नीचे लेट कर मेरी चूत को चाटने लगा.
ओ माय गॉड … जैसे मुझे ऐसा लगा जैसे मैं जन्नत में हूँ.

सामने से मोनू ने मेरे मुँह में लंड पेल दिया था.

मेरी चूत में से आग निकल रही थी.
और राहुल अपनी जीभ को चूत के अन्दर डालता और उसे अन्दर घुमाता हुआ चूत की दीवारों को चाटता तो मैं एकदम से अपनी खलबली सी महसूस करने लगती थी.

इसी मजे के चलते मैं और मस्ती से मुँह में मोनू के लंड अन्दर तक लेकर चूसने लगती थी.

कुछ देर बाद मैंने कहा- अब मैं और इंतजार नहीं कर सकती. मेरी चूत में लंड डाल दो.
लेकिन वो साले तीनों पक्के मादरचोद लौंडे थे … साले मुझे तड़पा रहे थे.

राहुल के बाद मोनू ने मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी और सूरज ने अपना लंड निकाल कर आंड मेरे मुँह में दे दिया.

फिर सूरज ने मुझे लिटा दिया और अपने लंड का टोपा मेरी चूत के मुँह पर रख दिया.
उसने अपने एक ही धक्के में आधा लंड चूत के अन्दर कर दिया.

मेरे मुँह से आवाज़ ना निकल पाए, इसलिए मोनू ने पहले ही अपना लंड मुँह में दे दिया था.

चूत में लंड जाते ही मुझे दर्द होने लगा लेकिन इस दर्द का भी अपना ही मज़ा था.

अब दूसरा धक्का लगा और पूरा लंड अन्दर हो गया.

सूरज ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और मैं मज़े से कभी मोनू का लंड चूसती, कभी राहुल का.

अब सूरज झड़ने वाला था इसलिए वो अपना लंड मेरे मुँह के पास ले आया और उसने मेरे मुँह में ही सारा माल निकाल दिया.
मैंने उसके लंड का सारा माल पी लिया.

अब मोनू मुझे चोदने में लग गया.
मोनू का लंड उससे बड़ा था, इस वजह से मुझे थोड़ा दर्द महसूस हुआ लेकिन मज़ा बहुत आ रहा था.
मैं आवाज़ भी नहीं निकाल पा रही थी क्योंकि मुँह में दो दो लंड थे.

‘आआह अयाया …’ बस यही आवाजें कमरे में गूँज रही थीं.

जैसे ही मोनू झड़ने वाला था, उसने भी अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया और सारा माल गले में उतार दिया.

अब राहुल की बारी थी. उसका लंड सबसे बड़ा था.

जैसे उसने मेरी चूत में लंड पेला तो ऐसा लगा, जैसे साला आज मेरी चूत को फाड़ ही देगा.
लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे उसके लंड से चुदने में भी मज़ा आने लगा.

थोड़ी देर में राहुल भी झड़ गया.
मैं उसका भी सारा माल पी गयी.

थोड़ी देर में सूरज ने फिर से मेरे मुँह में लंड दे दिया और वो दुबारा से लंड खड़ा करवा कर मेरी चुदाई करने लगा.

देर शाम तक ऐसे ही सेक्सी लड़की की चुदाई चलती रही.
वो बारी बारी से मुझे चोदते रहे और मेरे मुँह में लंड झाड़ते रहे.

शाम को सब मुझे चोद-चाद कर चले गए.

मेरी चूत की खटिया खड़ी हो चुकी थी. मैं खड़ी भी नहीं हो पा रही थी.
बड़ी मुश्किल में कपड़े पहन कर बेड पर सो गयी.

रात को जब सब घर वाले आए तो मैंने पेनकिलर मंगवा कर खायी और फिर से सो गयी. 

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