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मेरे भाई ने ब्वॉयफ्रेंड संग मेरी चूत पूजा की

 मेरा नाम पूजा है और मैं राजस्थान के अलवर में रहती हूँ. मेरी उम्र 19 साल है और मैं 12वीं में पढ़ती हूँ.

मैं दिखने में बहुत ही सेक्सी हूँ. मेरा फिगर 32-28-34 का है.

मेरे घर में मेरे मम्मी पापा के अलावा मेरा बड़ा भाई भी है, जो मुझसे एक साल बड़ा है. मैं अपने भाई से काफी खुली हुई हूँ. आपस में एक दूसरे से सभी तरह की बातें कर लेते हैं.

इतना सब खुला होने के बाद भी हमारे बीच भाई बहन का रिश्ता कायम है.
मम्मी पापा का कमरा नीचे है और हम दोनों के कमरे ऊपर की फ्लोर पर पास पास हैं.

हॉट टीन सेक्स कहानी तब शुरू हुई जब वो सर्दी का मौसम था और मेरे 12 वीं के एग्जाम आने वाले थे इसीलिए मैं रात को देर तक पढ़ती थी.
मैंने तब से पहले कभी किसी का लंड नहीं लिया था. मेरी चूत बिल्कुल नई नवेली थी.

मेरे पड़ोस में एक लड़का था, उसका नाम रोहित था. वो भी मेरे साथ 12वीं में पढ़ता था.

एक दिन मैंने उससे कहा- रोहित, आज रात हम दोनों साथ में पढ़ते हैं. तुझे जो नहीं आए, वो मैं बता दूंगी और जो मुझे समझ नहीं आए, वो मुझे तू बता देना.
पहले तो वो एक साथ पढ़ने से हिचकिचाया लेकिन बाद में मान गया.

अगली रात वो मेरे घर आ गया.
उस समय रात के करीब 9 बजे थे.
रात को मेरे घरवाले जल्दी ही सो गए थे.

हमें पढ़ते पढ़ते 11 बज गए.
उसने कहा कि ब्रेक ले लेते हैं.
मैंने बोला- ठीक है.

अब दोनों एक ही बेड पर बैठे हुए थे.
मेरा हाथ गलती उसकी जांघ पर लग गया.
वो थोड़ा सा मुस्कुराया और मुझे देखने लगा.

ऐसे फिर थोड़ी देर तक बात होती रही.
मैंने बातों ही बातों में उससे पूछ लिया- रोहित तेरी कोई गर्ल फ्रेंड है?
उसने मुस्कुराते हुए कहा- नहीं.

फिर वो मेरी तरफ देखने लगा और उसने अचानक से मेरे दूध पर हाथ रख दिया.
उसकी इस हरकत से मैं घबरा गई क्योंकि आज से पहले कभी किसी ने मेरे दूध को छुआ तक नहीं था.

मैंने कहा- रोहित, ये क्या कर रहा है?
उसने कहा- पूजा, मैं तुमसे प्यार करता हूँ.
मैंने उससे कुछ नहीं कहा.

उसने मेरे दूध को फिर से पकड़ लिया और दबाने लगा.
मुझे भी मजा आ रहा था इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा.

उसने इसे मेरी सहमति समझ ली और मुझे किस करने लगा.
मैं भी कामुक हो गयी.

उसके बाद उसने अपना एक हाथ मेरे पजामे में घुसा दिया और चूत को सहलाने लगा.
मुझे मजा आने लगा था, तो मैंने भी अपनी टांगें फैला दीं.

उसकी इस हरकत से मुझे अपनी सहेलियों की सेक्सी बातें याद आने लगीं.
वो सब किसी न किसी लड़के से सैट थीं और चुदती रहती थीं. उनकी चुदाई की बातें सुनकर मेरी चूत में चींटियां रेंगने लगती थीं.

आज जब रोहित ने मेरे दूध मसले, तो मुझ पर एकदम से उत्तेजना सवार हो गई और मेरा मूड बनने लगा.
मैं आंखें बंद करके आह आह करने लगी.

उसने मुझे चुदासी होते देखा तो वो बिंदास होकर आगे बढ़ने लगा.
कुछ ही पल बाद उसने मेरी टी-शर्ट और पजामे को उतार दिया.

मैं उसके सामने ब्रा में और पैंटी में थी.
वो मुझे टू पीस में देख कर खुद भी नंगा हो गया.

उसका लंड तना हुआ 7 इंच का था. मैं उसके लंड को देख कर हैरान हो गयी.
उसने अपना लंड दिखाते हुए मेरी ब्रा को एक झटके में खींच कर उतार दिया.
अब मेरे बूब्स उसे सामने बिल्कुल आजाद थे.

मेरे तने हुए दूध देख कर उसकी आंखों में वासना का तूफान घुमड़ने लगा.
उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी टांगें फैला कर मेरी चूत को चाटने लगा.

मेरी चूत से रस टपकने लगा था.
वो चूत के पानी को चाटने लगा और स्वाद लेता हुआ गटक गया.

फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे मम्मों को बारी बारी से पीने लगा और जोर जोर से दबाने लगा.
मैंने कहा- रोहित, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से घुसा दे अपने लंडराज को … मैं पूरी तरह गर्म हो चुकी हूं.

उसने मेरी गांड के नीचे तकिया लगा दिया और मेरी टांगों को चौड़ा दिया.
उसने धीरे से लंड को चूत में लगाया और थूक लगा कर लंड घिसने लगा.

फिर धीरे से अपने लंड के टोपे को मेरी चूत में घुसाया.
मेरी तो चीख ही निकल गयी.

मैं ज़ोर से आह आह करने लगी और उसे गाली देने लगी- आह … भोसड़ी के मादरचोद … धीरे घुसा हरामी, मेरी चूत सीलपैक है.
पर उसने मेरी एक न सुनी और माँ के लवड़े ने एक ज़ोर का झटका दे दिया.

उसका आधा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस चुका था.
मैं रोने लगी थी. मुझे बेहद दर्द हो रहा था.

उसने मेरे मुँह पर अपना मुँह लगाया और एक और झटका दे दिया.
इस बार उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया था.

मेरी तो समझो जान ही निकल गयी थी. मैं बेहद छटपटा रही थी.
फिर वो रुक गया और मेरे ऊपर लेट कर मुझे चूमने लगा.

वो बोला- अब दर्द नहीं होगा मेरी पूजा!
वह धीरे धीरे मेरी चूत में लंड अन्दर बाहर करने लगा.

अब मुझे मजा आने लगा था.
मैंने भी गांड उठा कर कहा- चोद भोसड़ी के, फाड़ दे मेरी चूत को!
वो अपनी स्पीड बढ़ाने लगा.
मेरे बूब्स हवा में लहरा रहे थे.

काफी लम्बी चुदाई के बाद मैं झड़ गयी, शायद उसका भी वीर्य निकलने वाला था.

फिर उसने लंड को बाहर निकाल लिया और मेरी छाती पर बैठ कर मेरे मुँह में घुसा दिया.
उसके लंड से मुझे अजीब सा स्वाद आया.
मैंने उसे बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन उसने बाहर नहीं निकाला और सारा माल मेरे मुँह में गिरा दिया.

मैंने मुँह बनाते हुए उसे गाली दी- साले कमीने … मेरे मुँह में ही सब निकाल दिया.
मैंने भुनभुनाते हुए बाथरूम में जाकर अपने मुँह साफ कर लिया.

जब मैं वापस आई तो वो मुझे बिस्तर में लिटा कर मेरे ऊपर लेट गया और मुझे किस करने लगा.
मैं भी उससे चुदवा कर खुश हो गई थी. मैं भी उसे चूमने लगी.

हम दोनों प्यार की बातें करने लगे.

लगभग आधा घंटा बाद उसका लंड फिर से तेवर में आ गया और मुझे घोड़ी बना कर मेरी गांड सहलाने लगा.
मैंने कहा- तेरा इरादा सही नहीं लग रहा है रोहित!

वो मेरी गांड में एक उंगली घुसेड़ कर कहने लगा- आज पीछे का छेद भी खुलवा ले. आगे से तुझे किसी भी छेद में लेने में दर्द नहीं होगा.
मैंने भी मन बना लिया था. वो मुझे चुप देख कर समझ गया कि मैं गांड मरवाने के लिए राजी हूँ.

वो मेरे गांड में उंगली पेलने लगा.
मैंने उससे कहा- कुछ चिकनाई लगा ले.

उसने मेरी ड्रेसिंग टेबल से क्रीम की डिब्बी उठाई और ढेर सारी क्रीम मेरी गांड में भर दी.
मुझे भी मजा आने लगा था तो मैंने भी अपनी गांड खोल दी.

वो कुछ देर में अपने लंड को मेरी गांड में लगा कर मुझ पर चढ़ गया. चिकनाई के कारण उसका लंड गांड में सरकता चला गया.
मेरी गांड फट गई और मुझे बेहद दर्द होने लगा.

वो अपनी मस्ती में मेरे साथ लगा रहा.
कुछ देर बाद मैंने भी मजा लेना शुरू कर दिया.

कोई 15 मिनट के बाद उसने अपने लंड का सारा माल मेरी गांड के ऊपर गिरा दिया.
हम दोनों मस्त होकर लेट गए और हंसी मजाक करने लगे.

मेरी और रोहित की आवाजें सुनकर मेरा भाई ऋतिक कमरे के बाहर आ गया और उसने दरवाजा खटखटा दिया.
मैं घबरा गयी और फट से कपड़े पहनकर दरवाजा खोलने चली गई.

उतने में रोहित ने भी कपड़े पहन लिए.
मेरा भाई अन्दर आया और रोहित से बोला- तुम इधर क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- भैया, कुछ नहीं हम पढ़ाई कर रहे थे.
फिर वो बोला- ये अजीब सी गन्ध कहां से आ रही है?

मैंने उन्हें रोका, लेकिन वो अन्दर आ गए और बेड पर पडी मेरी वीर्य से गीली पैंटी को देख लिया.
वो बोला- ये पढ़ाई कर रहे थे तुम दोनों?

थोड़ी देर तक भैया गुस्सा हुआ लेकिन मैंने उसे मना लिया.
उसे मैंने खुलकर अपनी चुदाई का ऑफर दे दिया.

चुदाई का ऑफर सुनकर उसने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे बूब्स सहलाने लगा.

चूंकि हम दोनों आपस में खुले हुए थे तो भैया ने कहा- साली. तेरी लेने के लिए तो कबसे बेचैन था मैं, आज नहीं छोड़ूँगा तुझे!

फिर रोहित और भैया दोनों नंगे हो गए.
उन्हें नंगा देख कर मैं भी नंगी हो गयी.

उन दोनों ने मुझे बेड पर लिटा दिया और भैया मेरे ऊपर चढ़ गया.
वो मेरी चूत में लंड पेलने लगा.

रोहित मेरे मुँह में लंड घुसा रहा था.
मुझे एक साथ उन दोनों से चुदने में बड़ा मजा आ रहा था.

थोड़ी देर बाद दोनों ने खड़े होकर पूरा माल मेरे ऊपर गिरा दिया.
कुछ देर तक हम तीनों ने मस्ती की और फिर से उत्तेजित हो गए.

अब भैया नीचे लेट गए और मुझे लंड पर बैठा लिया.
मैं उनके लंड पर फुदकने लगी.

थोड़ी देर बाद भैया ने मुझे लंड पर से उतार दिया और नीचे लिटा दिया.

उसके बाद दोनों ने मुझे सैंडविच चुदाई के लिए सैट किया और दोनों ने अपने अपने लंड मेरी चूत गांड में एक साथ घुसेड़ दिए.
मेरी चूत का भोसड़ा हो गया था और गांड का गड्डा बन गया था.

मैं बेहद चिल्ला रही थी क्योंकि आज मुझे पहली बार सभी तरह से चोदा जा रहा था.
वो दोनों मिल कर ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगे. मेरी चीखें निकलने लगीं.

भैया का लंड मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा था.
थोड़ी देर बाद भैया झड़ गए और उन दोनों ने मेरी चूत व गांड से लंड निकाल लिए.

भैया अलग हो गए और रोहित ने मुझे कुतिया की पोजीशन में कर दिया.
वो साला अभी झड़ा नहीं था.

अब रोहित मेरी गांड मारने लगा.
मेरी हालत बेहद खराब हो चुकी थी.

उसने मेरी गांड से लंड निकाला और मुझसे मुठ मारने के लिए कहा.
तब तक भैया का लंड भी सनसनाने लगा था. अब मेरी हिम्मत जवाब देने लगी थी.

मैं सीधी हो गयी और अपने दोनों हाथों से रोहित और ऋतिक के लंड की मुठ मारने लगी.
कुछ ही देर में उन दोनों का सारा माल अपने मुँह पर गिरवा लिया.

मेरा भाई ऋतिक मेरे बूब्स पीने लगा. मुझे उससे दूध चुसवाने में मजा आने लगा.

थोड़ी देर बाद वो मेरे दूध चूस कर अलग हो गया.
उन दोनों ने मुझे बीच में लिटाया और नंगे सो गए.

जब सुबह हम सब उठे तो मैंने दोनों के लंड एक एक बार मुँह में लेकर उनको शांत कर दिया.

फिर मैं बाथरूम में नहाने चली गई और अपनी गांड और चूत को साफ किया.
उन्होंने भी अपने लंड को साफ किया.

उस रात तो मैं एक सड़कछाप रंडी बन गयी थी.
मेरी चूत और गांड की अच्छे से सेवा हुई थी.

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