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चूत की चुदास और कोचिंग के लिए चुदी

कॉलेज स्टूडेंट सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे पैसे की तंगी के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ रही थी. ऐसे में एक टीचर ने मेरी मदद की पर बदले में उसने क्या लिया?

दोस्तो, मैं अन्तर्वासना की देसी सेक्स कहानी पढ़ना बहुत पसंद करती आयी हूँ और इसलिए आज मैं अपनी एक और भूल यानि Xxx कॉलेज स्टूडेंट सेक्स कहानी को आप पाठकों के साथ शेयर करना चाहती हूँ.

मेरी पिछली चुदाई कहानी लॉकडाउन में दीदी के देवर ने मेरी चूत चोदी को आपने बहुत पसंद किया और मुझे ढेर सारे मैसेज मिले.
सबसे पहले मैं एक बार फिर से अपने बारे में बता देती हूँ.

मेरा नाम टीना है और मैं 25 वर्ष की अविवाहित लड़की हूँ. मेरा साईज 32-28-36 की है व ऊंचाई 5 फुट 1 इंच है.
मैंने नर्सिंग की पढ़ाई की हुई है.

मैं एक कोचिंग सेंटर में पढ़ाई कर रही हूँ और सरकारी जॉब के लिए परीक्षा की तैयारी कर रही हूँ.
उस कोचिंग का नाम सक्सेस कोचिंग था.

उसमें मुकेश सर और सुरजीत सर थे. उन दोनों ने एक बड़े अस्पताल में में जॉब लगने के कारण कोचिंग में पढ़ाना छोड़ दिया है.

इनके बारे में मैंने अपनी पिछली चुदाई कहानी दो टीचरों ने मुझे सैंडविच बना कर चोदा में बता चुकी हूँ.

वर्तमान में मेरा ब्वॉयफ्रेंड मुझे छोड़ कर शादी कर चुका है.
मेरे पापा रिटायर हो चुके हैं और ऐसी हालत में मैं ज्यादा दिन कोचिंग में नहीं रह सकती थी.

मैं उदास रहने लगी और पढ़ाई में भी ध्यान ठीक से नहीं दे पा रही थी.
क्या करती, पैसों की कमी का सोच सोच टेंशन बहुत था.
साथ ही मेरी चूत में लंड की सख्त जरूरत होने लगी थी.

एक बार सैंडविच चुदाई के बाद मुझे अपनी चूत गांड में लंड के लिए खुजली होने लगी थी.
हालत ये थी कि सारा समय सिर्फ लंड और पैसों को सोचते ही बीतने लगा था.

हमारी कोचिंग में मुकेश सर की जगह जोगी (जोगेन्द्र) सर आए थे.
जोगी सर बड़े ही मासूम से दिखने वाले और सहज बोलने वाले थे.

कुछ दिनों में ही पता नहीं कैसे जोगी सर को लगा कि मैं किसी दिक्कत में हूँ तो उन्होंने पूछा- क्या बात है टीना. कोई परेशानी है क्या तुमको? इन दिनों उदास रहती हो.
मैं- कुछ नहीं सर, सब ठीक है.
ये बोलकर मैं चली गयी.

कुछ दिनों बाद हमारी कोचिंग की तरफ से हमें पिकनिक पर ले जाया गया.
जंगल और नदी के बीच सभी मजे कर रहे थे और मैं दूर अकेले पानी के पास बैठ अपनी कैरियर और चूत के लिए सोच ही रही थी कि अचानक से जोगी सर आ गए.

उन्होंने पूछा- यहां अकेली क्या कर रही हो? अपनी परेशानी बताती क्यों नहीं?

इस बार जोगी सर ने मुझे मजबूर कर दिया तो मैंने उन्हें अपनी दिक्कत बता दी- सर, पैसों की बहुत किल्लत है और मैं कोचिंग में ज्यादा दिन नहीं रह सकती.

यह सुन जोगी सर हंसने लगे और बोले- बस इतनी सी बात के लिए अपनी प्यारी सी मुस्कान को हमसे छीन लिया.
मैंने कहा- क्या मतलब?

जोगी सर- मतलब यह कि आप अपना एकाउंट नंबर मुझे दे देना और जो खर्च घर वाले उठाते थे, वो मैं कर दिया करूंगा.
सर ने जब ये कहा तो मैंने कहा- नहीं सर, मैं किसी से कुछ नहीं ले सकती हूँ. मैं अपने घर में क्या कहूँगी!

जोगी सर बोले- अपने घर में कह देना कि तुम पार्टटाईम जॉब करने लगी हो.
मैंने कहा- लेकिन सर आप मेरे लिए यह सब क्यों करना चाहते है?

तो जोगी सर चुप हो गए थे.

मैं- बोलिए … आप ये सब क्यों करना चाहते हैं?
जोगी सर- क्योंकि मैं तुमको पसंद करता हूँ टीना … और तुम्हें हमेशा खुश देखना चाहता हूँ.

मैं- सर यह आप क्या कह रहे हैं? मैं आपके लायक नहीं हूँ. आपको तो कोई भी मिल जाएगी.
जोगी सर ने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे करीब आकर मेरी आंखों में झांककर बोले- कोई और नहीं … सिर्फ तुम.

मैं बस उन्हें देखते ही रह गयी.
फिर अचानक से वो मेरे इतने करीब आ गए कि हम दोनों की सांसें टकराने लगीं.

मैंने मदहोशी में अपनी आंखें बंद कर लीं और जोगी सर मेरे होंठों को चूमने लगे.
मैं भी मदहोश होकर उन्हें चूमने लगी.

जोगी सर जोश से भर कर बोले- आई लव यू टीना.
सर मेरे बड़े बड़े उभारों को सहलाते हुए मेरे होंठों को चूमने लगे.

मैं कुछ ही देर में ही गीली हो गयी.
मैंने कहा- सर, यहां कोई देख लेगा.

वो बोली- अब मैं सिर्फ जोगी हूँ. सर सिर्फ सबके सामने बोलना.
मैं हां में सर हिला दिया.

जोगी सर ने कहा- हां, चलो थोड़ा जंगल घूमते हैं.
हम दोनों घने जंगल की तरफ आ गए और जंगल में अन्दर को जाकर हम दोनों एक चट्टान पर आकर अभी बैठे ही थे कि जोगी सर ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए.

मैं जब तक कुछ समझ पाती … उन्होंने अपनी टी-शर्ट भी निकाल दी.

मैंने उनके मर्दाना सीने को देखा तो न जाने मुझे क्या हुआ, मैं उनके सीने से लिपट गई.
जब हम दोनों गले लगे तो मानो आग ही लग गयी थी.

जोगी सर मुझे बेपनाह चूमने लगे.
मैं भी उन्हें पूरा सहयोग करने लगी.

इतने में मेरी काली रंग की ब्रा का हुक भी खुल गया और ब्रा एक झटके में ही मेरे बदन से अलग हो गई.
मेरे मचलते हुए दूध हवा में फुदकने लगे.

मेरे चूचे एकदम टाईट हैं और हवा में ऐसे मचल रहे थे.

जैसे उन्हें जोगी सर के हाथों और उनके होंठों का इन्तजार हो.
अब जोगी सर ने मुझे लेटा दिया और मेरे दोनों उभारों को चूसते हुए मेरी जींस का हुक खोलने लगे.

जींस कर हुक खुल गया और जोगी सर मुझे चूमते हुए नीचे आने लगे.
उनके गर्म होंठों की छुअन मेरे तन पर विस्फोट कर रही थी.

मैं कराह उठी- आह ओह.
जोगी सर ने फट से मेरी जींस और पैंटी को उतार कर मुझे नंगी कर दिया और मेरे गोरे खिले हुए बदन को देख कर बोले- टीना तुम तो अप्सरा हो. भगवान ने तराश कर तुम्हरा सुंदर जिस्म गढ़ा है.

मैं मदहोशी में आह भरती हुई बोली- आई लव यू जोगी. आज तुम मुझे अपना बना लो अब देर न करो … जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो.
जोगी सर मेरा इशारा समझ गए और मेरी चूत में जीभ डाल कर चूत चाटने लगे.

मैं कराहती रही- आह मेरी जान.
मेरी कमर उछाल मारने लगी.

तो जोगी सर ने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ों पर रख दिए और मुझे थाम कर मेरी चूत का रस चाटने लगे.

मैं निरंतर कराह रही थी- आह मेरी जान … ओह अब डाल भी दो.

इतना सुन कर जोगी सर ने अपनी जींस और अंडरवियर निकाल दिया और मुझे उठा कर अपना मोटा लंबा लंड मेरे मुँह में डाल दिया.
मैं इतना मोटा लंड अपने मुँह में लेते ही एकदम से चौंक गयी और सोचने लगी कि इतना मोटा लंड मेरी चूत को फाड़ न डाले.

जोगी सर ने मुझे 69 पोजिशन में अपने ऊपर ले लिया.

मैं उनका लंड चूसने लगी और जोगी सर मेरी चूत चाटने लगे.

वीरान जंगल में बस हमारी मदभरी कराहें सुनायी दे रही थीं ‘आह … आह … आउच … अब सब्र नहीं हो रहा जोगी.’

मैंने ये कहा तो जोगी सर मुझे कुतिया बनने को बोले.
मैं झट से कुतिया बन गयी और जोगी सर पीछे से मेरी चूत पर लंड रगड़ने लगे.

मैंने गांड हिला दी और उसी पल अचानक से सर ने एक तगड़ा झटका दे मारा.
उनका मूसल लंड मेरी चूत में फचाक से घुसा तो मेरी तो चीख निकल गयी ‘आह्ह आह … मर गई.’

जोगी सर ने अपना एक हाथ मेरी कमर पर रखा और दूसरे हाथ से मेरी चोटी को पकड़ लिया.
वो तेज तेज झटके मारने लगे और अपने पूरे लंड को मेरी नाजुक चूत पर घुसा कर ही माने.

कई तेज शॉट मारने से मेरे चूतड़ लाल पड़ गए थे.

अब जोगी सर ने मुझे सीधा करके अपनी गोद में ले लिया और मेरी चूत में अपना लौड़ा घुसाकर मुझे उछालने लगे.

मैं उनकी गोद में मुँह से मुँह लगा कर बैठी थी तो सर मेरे एक दूध को मुँह में भर कर चूसने लगे.
जिस्म की गर्मी पाकर औरत का जिस्म संवरता है. मेरे साथ भी वही हुआ.

मेरे 32 के उभार 36 का बन गए हों, मुझे ऐसा लगने लगा.

मैं बस जोगी सर से चिपकी रही और आहें भरती रही.
उधर जोगी सर मजे ले लेकर मुझे चोद रहे थे.

मैं सर की गोद में ही चुदते हुए झड़ गयी लेकिन वो नहीं झड़े थे.

जोगी सर मुझे चोदते ही गए.
जब जोगी सर का लंड झड़ने वाला था तो उन्होंने मुझे नीचे लेटाया और मेरी टांगों को छाती तक मोड़ कर अपना लौड़ा चूत को फाड़ते हुए अन्दर तक पेल दिया.

फिर मेरी चूचियों को दबा दबा कर फुल स्पीड से मेरी चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया.

मैं दुबारा झड़ गई और चीख पड़ी.
जोगी सर मेरे होंठों के बीच में अपनी जीभ डाल डाल कर मुझे चूमने लगे ताकि आवाज बाहर न जाए.

उन्होंने जोर जोर से किसी मदांध सांड के जैसे झटके मारे कि मेरी जान ही निकल गई.
मैं फिर से चार्ज हो गई थी और लंड का सुख लेने लगी थी.

तभी उनके झटके तीव्रता से लगने लगे.
मैं अंतिम समय समझ कर जोगी सर से बोली- पानी बाहर निकालना प्लीज.

जोगी सर ने एकदम से अपना होश सम्भाला और मेरे ऊपर से उठ कर मुझे बैठा दिया.
जल्दी से अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और झटके देते हुए सारा गर्म पानी मेरे मुँह में निकाल दिया.

मैं जोगी सर के लंड का सारा पानी पी गई और मैंने जोगी सर के लंड को चूस चूस कर साफ कर दिया.
हम दोनों कुछ देर गले लग कर चिपके पड़े रहे.

फिर कपड़े पहन पिकनिक के मजे लेने सबके साथ आ गए.

आज मैं बहुत खुश थी; Xxx कॉलेज स्टूडेंट सेक्स से मेरी सारी परेशानी दूर हो गयी थी.
फिर चाहे वो पैसों की दिक्कत हो या चूत की प्यास बुझाने के लिए एक अदद मस्त लंड की जरूरत हो.

जोगी सर मेरे फीस के पैसे तो जमा करने लगे थे.
मगर मेरे पास रहने खाने के लिए कुछ नहीं था क्योंकि मैंने घर पर कह दिया था कि मैं जॉब करने लगी हूँ, तो मुझे पैसे की जरूरत नहीं है.

अब घर से भी पैसे आने बंद हो गए थे.

मैंने जोगी सर से जब इस बात की चर्चा की और उनसे बोली- रूम का किराया देना था और टिफिन का भी देना होता है.
जोगी सर ने लंड खोल कर दिखा दिया और बोले- यार टीना, मैं उतना नहीं कर पाऊंगा.

मैंने कहा- तो अब मैं क्या करूं?
जोगी सर बोले- मेरा एक फ्रेंड तुम्हारी मदद कर सकता है, अगर बोलो तो उससे बात करूं!

मैं बोली- आप जो चाहे करो, लेकिन करो.
जोगी सर ने ओके कहा और बोले- तुम्हें फोन आएगा.

उसी रात एक कॉल आया.
उसने अपना नाम रवि बताया और कहा- जोगी ने मुझे आपके बारे में बताया है कि आपको मदद की जरूरत है.
मैं बोली- हां मुझे पैसों की जरूरत है.

रवि मुझे पचास हजार की ऑफर देकर बोला- आपको मेरे साथ तीन दिन तक रहना होगा.
मैं समझ गयी कि ये साला मेरी चूत की कीमत बता रहा है.

लेकिन मैंने इसलिए हां कर दी क्योंकि कहीं न कहीं मुझे विभिन्न किस्म के लंड से चुदने में मजा आने लगा था.

दूसरे दिन रवि मुझे पिकअप करके अपने घर ले गया.
रास्ते भर वो मेरे जिस्म की तारीफ करता रहा.

घर आकर वो मुझे सीधे बेडरूम में ले गया.
कमरे में आकर मैं मस्त हो गई और मेरी चूत में लंड का कीड़ा काटने लगा.

उधर रवि ने भी देर न करते हुए मुझे अपनी तरफ खींच लिया और लिपकिस करना चालू कर दिया.

मैं पहले से ही चुदासी थी, उसके चूमने से मैं झट से गर्म हो गयी.

रवि की बॉडी भी किसी हीरो जैसी थी.

बिना देरी किए रवि ने मुझे नंगी कर दिया.
मेरे जिस्म में कामरस की धारा बहने लगी.
वो भी मेरे मम्मों की मालिश करते हुए मेरी चूत को सहलाने लगा.

जल्द ही खुद नंगा होकर मुझसे लिपट मेरे रोम रोम को चाटने लगा, मेरे मम्मों को होंठों में लेकर चूसने लगा.
मैं कराह उठी- आह्हह … आह्हह.

वो जल्द ही मेरी चूत पर जीभ लगा कर मुझको भभकाने लगा.
उसने मेरी चूत चाट कर उसे मक्खन की तरह पिघला दी और लाल कर दी.
फिर रवि ने अपने लंड में शहद लगाया और मुझे लंड चाटने को दे दिया.

मैंने पूरी शिद्दत से लंड चाटना शुरू कर दिया.
जल्द ही रवि भी गर्म हो गया.

अब रवि ने मुझे चित लेटाकर अपने लंड में कोई रिंग जैसी चीज लगाई और चोदने को तैयार हो गया.
पहले तो उसने मेरी चूत पर लंड टिका कर सहलाया और फिर एक ही झटके में अपना 7 इंच का लौडा चूत में पेल दिया.
लंड के घुसते ही चूत में झटके लगने लगे और मैं अकबका गई.

उसके लंड में रिंग लगे होने के कारण वाइब्रेशन होने लगा था.
मेरी पहली बार ऐसी चुदाई हो रही थी और मैं बस सिसकारियां लिए जा रही थी.
मुझे बेहद सनसनी हो रही थी ‘ओह्हह रवि … आह्ह हहह … फाड़ दो मेरी चूत मेरी जान … आहह.’

ये सुनते ही रवि का लंड मानो स्टेनगन की तरह फायर करने लगा.
वो मेरे मम्मों को भींचते हुए पिल पड़ा.

कुछ ही देर में उसके लंड ने भी जवाब दे दिया और उसने लंड का पूरा पानी मेरी चूत में गिरा दिया.

कुछ देर बाद रवि गोली खाकर मेरी गांड में लग गया.
उसने मेरी गांड को डायलेटर से चौड़ा करके गांड की अच्छे से ऑयलिंग की और मुझे कुतिया बनाकर मेरी गांड में लंड पेलने लगा.

वो मस्त गांड मार रहा था मगर उसके दवा खाकर गांड मारने से उसने मेरी सुजा दी.
वह किसी मशीन के पिस्टन की तरह मेरी गांड चोदने में लगा था.

गांड मारने के बाद उसने एक बार फिर से अपने लंड का सारा पानी मेरी गांड में छोड़ दिया.

चूंकि मैं उसके पास तीन दिनों के लिए आई थी.
उसने इन तीन दिनों में 16 बार मेरी चूत और गांड की भरपूर चुदाई की.

उसके बाद रवि ने मेरे अकांउट में पैसे डालकर मुझे वापस छोड़ दिया.
इन पैसों से मेरी पढ़ाई तो जारी रहेगी लेकिन क्या मैं अपनी वासना की आग बुझाने के लिए यह सब करके ठीक कर रही हूँ?

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