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भाई की शादी में मिली लड़की की चुदाई

न्यू चूत सेक्स कहानी में मैंने एक कुंवारी लड़की की चूत को चोदा. वह मुझे एक शादी में मिली थी. वहां मैंने उससे दोती करके उसका नम्बर ले लिया था.

दोस्तो, मेरा नाम अंकित सिंह है. मेरी उम्र 21 साल है और मैं उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के पास से हूं. मेरी बॉडी औसत है और मेरा रंग गोरा है.
मैं दिखने में काफी हैंडसम लगता हूं, तो लड़कियां भी आसानी से पट जाती हैं
मेरे लंड का साइज साढ़े छह इंच है. ये हर चूत गांड के लिए काफी सही है.

आज मैं आप लोगों को ऐसी ही एक न्यू चूत सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसे पढ़कर लड़कों के लंड खड़े हो जाएंगे और भाभियों की चूत गीली हो जाएगी.

दोस्तो, मेरे चाचा के लड़के की शादी तय हुई तो मुझे बहुत खुशी हुई.
मैंने सोचा कि अब सेक्सी लड़कियां और ऐसी भाभियां देखने को मिलेंगी, जिनकी गांड बड़ी बड़ी होगी और बड़े बड़े बूब्स होंगे.
क्या पता शादी में कोई चूत चोदने को भी मिल जाए.
वो सब सोच कर ही मेरा लंड खड़ा हो गया.

फिर धीरे धीरे शादी का दिन भी आ गया रिश्तेदारी में ऐसी ऐसी सेक्सी भाभियां आईं कि जिनको देख कर मेरा लंड खड़ा हो जा रहा था.

जब उन सबको देख देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, तो मुझे मुठ मारनी पड़ी.
तब जाकर मेरा लंड शांत हुआ.

दूसरे दिन बारात जाने का टाइम था.
मैं अच्छे से तैयार हुआ, परफ्यूम डाल कर मस्त सूट आदि पहन कर सज गया.

सारी रस्में हुईं और बारात चल दी.

कुछ देर बाद बारात पहुंच गई तो मैंने सोचा कि पहले कोई माल के दर्शन कर लूँ.
ये सोच कर मैं जहां लोग खाना खा रहे थे, वहीं पहुंच गया.

उधर देखा तो बहुत सेक्सी सेक्सी लड़कियां भाभियां आंटियां थीं.
उन्हें देख कर ही मेरे लंड में हलचल होने लगी.

वहीं पर मैंने एक लड़की को देखा जो परी जैसी सेक्सी लग रही थी.
उसका दूध जैसा गोरा रंग, गुलाबी होंठ देख कर मैं पागल सा हो गया.

सच में क्या माल थी.
मैंने सोचा कि इसे ही लाइन मारता हूं. क्या पता पट जाए, तो लंड की भूख भी मिट जाएगी.

बस मैं लग गया उसके पीछे.
वो जहां भी जा रही थी, मैं उसके पीछे पीछे चलता जा रहा था.
जो वो खा रही, वही मैं भी खा रहा था.

उसका 34-28-36 का ऐसा फिगर कि लोग देख कर ही पागल हो जाएं.

तो दोस्तो, जब मैं उसका पीछा करता रहा तो उसको मुझ पर कुछ शक हुआ.
वो एक साइड में चली गई तो मैं भी उसके पीछे चला गया.

अब उसने पूछ ही लिया कि आप मेरा पीछा क्यों कर रहे हो?
मैंने उससे कहा- आप बहुत खूबसूरत हो … तो बस आपको देख रहा था. आप से नज़रें हट ही नहीं रही हैं, मैं क्या करूं?

मेरी मासूमियत से वो हंसने लगी और बोली- आप मजाक अच्छा कर लेते हो.
मैंने कहा- मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ, सच बोल रहा हूँ. आप बेहद खूबसूरत हैं.

उसने मुझे थैंक्यू बोला.
फिर हमारी बात होने लगी.

वो- आप दूल्हे के क्या लगते हो?
मैंने बताया कि मैं दूल्हे का भाई हूँ और आप कौन हैं?
उसने भी बताया कि मैं दुल्हन की सहेली हूँ.

ऐसे ही धीरे धीरे हमारी बात होती रही.
एक दूसरे के नाम से परिचय हुआ.
उसका नाम मिकाशा था.

ये नाम बदला हुआ है. उसकी उम्र 20 साल की थी.

फिर दूसरे दिन जब बारात के लौटने का वक्त आया तो मैंने मिकाशा से उसका नंबर मांग लिया.
उसने भी बिना किसी संकोच के नम्बर दे दिया.

फिर हम दोनों अपने अपने घर आ गए.
दूसरे दिन मैंने उसको कॉल की.

हम लोगों का हंसी मजाक चलने लगा.
धीरे धीरे हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए, रोज बात करने लगे.

एक दिन उसने पूछा- अंकित तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड भी है?
मैंने उससे कहा- अभी तक तुम्हारी जैसी मिली ही नहीं.

तो वो हंस दी.
फिर मैंने भी उससे उसके ब्वॉयफ्रेंड के बारे में पूछा तो उसने बताया- मैं सिंगल हूँ.

मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि रास्ता साफ है.
फिर हम दोनों में ऐसे ही बात होती रही.

एक दिन मैंने उसको प्रपोज कर दिया.
तो उसने कहा- मुझे कल तक का टाइम दो.

मैंने हां कह दी और उस रात मैं सोचता ही रहा कि पता नहीं मिकाशा क्या बोलेगी. कहीं वो मना न कर दे.

अगले दिन मैंने उससे पूछा तो उसने कहा- अंकित, मैं भी तुमसे प्यार करने लगी हूँ.
मुझे इतनी खुशी हुई कि मैं वहीं पर उछलते हुए नाचने लगा.

अब हम दोनों प्यार मोहब्बत की बातें करने लगे.
धीरे धीरे हम लोग फोन पर एक दूसरे को किस देने लगे, फिर सेक्स की बातें भी करने लगे.

सेक्स की बातें करते करते हम दोनों बहुत गर्म हो जाते थे.
एक दिन मैंने कहा- मिकाशा, अब मैं तुम्हें पाना चाहता हूँ. तुम्हारे जिस्म का एक एक अंग चूमना चाहता हूँ.

मिकाशा भी बोली- हां बेबी, मैं भी यही चाहती हूँ.
मैंने कहा- तो बताओ जान, मैं कब आ जाऊं तुम्हारे वहां?

उसने कहा- मैं एक दो दिन में बता दूंगी.

तीसरे दिन जब हम लोग बात कर रहे थे तो मिकाशा बोली- कल आ जाओ. मैं मम्मी को बोल दूंगी कि फ्रेंड का बर्थडे है.

मैंने बोला- ओके.
दूसरे दिन मैंने सुबह जल्दी उठ कर नहाया और लंड के बाल साफ़ किए.

फिर रेडी हुआ और बाइक लेकर चल दिया.
बीच में एक मेडीकल स्टोर से कंडोम ले लिया, चॉकलेट भी ले ली.

मैंने उसको कॉल करके पूछा तो उसने अपनी लोकेशन बताई.
मैं वहां पहुंच गया.

वो मेरे सामने खड़ी थी.
उसको देख कर मन में सोचा कि यहीं पटक कर चोद दूँ.

मैंने उसको बाइक पर बैठाया और आगे जाकर एक रेस्तरां में रुक कर मोबाइल से ओयो रूम सर्च किया और सुनसान जगह वाले एक होटल में एक रूम बुक कर लिया.
कुछ ही देर में हम दोनों होटल पहुंच गए और कमरे में अन्दर आ गए.

मैंने गेट लॉक किया और मिकाशा को पकड़ कर उसको किस करने लगा.
उसके मम्मों को दबाने लगा और होंठ चूसने लगा.

उसके होंठ इतने सॉफ्ट थे कि मन कर रहा था इनको खा ही जाऊं.
फिर मैं उसको उठा कर बेड पर ले गया और उसको किस करने लगा.

कान पर, गर्दन पर, नाक पर, कंधे पर हर जगह उसकी चूम चूम कर उसे गर्म कर दिया.
वो सेक्सी आवाजें निकालने लगी- आह आह.

फिर मैंने उसका टॉप उतारा और जींस को भी उतार दिया.
उसने मेरी टी-शर्ट और जींस को उतार दिया.

अब मैं अंडरवियर में था और वो ब्रा पैंटी में काम की देवी लग रही थी.

मैं उसके बूब्स चूसने लगा, उसके पैर, पीठ पर और उसकी नाभि को किस करने लगा.
हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे. हम दोनों को वासना की गर्मी चढ़ने लगी थी.

वो बोली- जान, अब देर न करो.
मैंने यह सुनकर उसकी ब्रा उतारी और उसके 34 साइज के गोरे गोरे बूब्स सामने फुदकने लगे.

चूचों के बीचों बीच में पिंक निप्पल देख कर मेरा नशा फटने लगा.
वाउ … क्या माल थी वो.

मैंने एक दूध को हाथ में भर लिया और दूसरे को चूसने लगा.
मिकाशा आह आह करके मुझे अपने मम्मों का रस पिलाने लगी.

कुछ देर बाद वो मेरा अंडरवियर नीचे करके मेरा लंड हिलाने लगी.
मैंने अपना अंडरवियर उतार कर दूर फेंक दिया और उसकी पैंटी भी उतार दी.

अब हम दोनों नंगे हो गए.

उसके दूध चूसने के बाद हम दोनों 69 में आ गए.

उसकी नयी चूत पर मैंने जैसे ही जीभ रखी तो वो एकदम से मचल उठी और कुछ ही पल में उसकी चूत पानी पानी हो चुकी थी.
मैंने चूत की फांकों को खोला और जीभ अन्दर पेल कर रस चूसने लगा.

उधर मिकाशा मेरे लंड को बस हिला रही थी.
मैंने उससे कहा- मुँह में लेकर प्यार करो ना जान.

वो लंड चूसने से मना करने लगी, पर मेरे बार बार बोलने पर लंड चूसने लगी.
उसके मुँह में लंड देने से मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं जन्नत में आ गया हूँ.

दोस्तो, मैं आपको बता नहीं सकता कि लंड चुसवाने में कितना मजा आता है.

उफ्फ आ आह … मेरे मुँह से मादक आवाजें निकलने लगीं.
ऐसे ही 10 मिनट तक हम दोनों 69 में सकिंग का लुत्फ़ उठाते रहे.

फिर जब हम दोनों का पानी निकल गया तो रस पीकर हम दोनों अलग होकर लेट गए.
मिकाशा बोली- ऐसा मजा आज तक नहीं आया अंकित … आई रियली लव यू बेबी!

फिर मैं उसको दोबारा से किस करने लगा, उसके बूब्स चूसने लगा, उसकी चूत में उंगली करने लगा जिससे हम दोनों जल्दी ही दोबारा से मूड में आ गए.

अब मिकाशा बोलने लगी- प्लीज बेबी, अब अपना डाल दो, मुझसे रहा नहीं जाता प्लीज!

पर मैं अभी और चूसने के मूड में था तो मैं चूत को चूसता रहा.

फिर जब मुझसे भी नहीं रहा गया तो मैंने पोजीशन ले ली और मिकाशा को बेड के किनारे ले लिया.

उसके पैरों को कंधों पर रख कर लंड का सुपारा चूत में रगड़ा.
वो आह करके गांड हिलाने लगी.

मैंने कहा- रुक जा मेरी जान, छतरी लगा लेने दो.
वो छतरी लगाने की सुनकर हंस पड़ी और मैंने कंडोम लंड पर चढ़ा लिया.

फिर चूत पर थूक लगा कर मैंने लंड को चूत पर रखा, तो मिकाशा बोलने लगी- प्लीज बेबी, आराम से करना.
मैंने बोला- ओके बेबी.

मैंने लंड को न्यू चूत में फंसा कर आराम से धक्का मारा तो लंड फिसल गया.
दोबारा धक्का मारा तो लंड थोड़ा सा अन्दर चला गया और मिकाशा बहुत तेज चिल्ला दी ‘उई मां मर गई प्लीज बाहर निकालो प्लीज़.’
पर मैंने लंड नहीं निकाला, मैं वहीं पर रुक गया और बूब्स को चूसने लगा, किस करने लगा.

थोड़ी देर में मिकाशा का दर्द कम हुआ तो मैं धीरे धीरे झटके मारने लगा.
जब उसे थोड़ा मजा आने लगा तो मैंने एक तेज झटका मारा और आधा लंड से ज्यादा अन्दर चला गया.

मिकाशा चिल्लाने लगी.
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से लॉक कर लिया.

जब वो दोबारा से नॉर्मल हुई, मैंने फिर झटके मारने शुरू किए.
अब उसे भी मजा आने लगा.
वो बोलने लगी- आह आह बेबी और तेज … आ आ उफ्फ … बेबी मजा आ गया.

मैं भी तेज तेज झटके मारते हुए उसके बूब्स चूसने लगा.
अब हम दोनों को मजा आ रहा था.

कुछ देर बाद मैंने मिकाशा को घोड़ी बनने को कहा तो मिकाशा झट से घोड़ी बन गई.

मैंने पीछे से लंड पेला और उसे चोदने लगा.
वो मस्ती से चिल्लाने लगी- आह बेबी और तेज आह उफ्फ.

ऐसे ही तेज झटके मारते मारते मिकाशा बोलने लगी- आह बेबी, रुकना मत … मेरा होने वाला है बेबी … प्लीज और तेज करो आह.
मैं तेज तेज झटके मारने लगा और ऐसे ही उसका पानी निकल गया पर मेरा अभी मेरा होना बाकी था.

मैं झटके मारता रहा.
मिकाशा बोलने लगी- बेबी, अब अपना भी जल्दी कर लो आह … अब मुझसे सहा नहीं जा रहा है आह!

ऐसे ही चोदते चोदते मेरा भी होने को आ गया.
मैंने तेजी झटके मारने शुरू कर दिए और 15-20 झटकों में मेरा काम तमाम हो गया.

अपना पानी मैंने उसकी चूत में ही निकाल दिया क्योंकि कंडोम पहना था तो कोई दिक्कत नहीं थी.

मैं झड़ कर मिकाशा के ऊपर ही लेट गया.
फिर ऐसे ही हमने उस दिन 4 बार सेक्स किया जो मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताऊंगा.

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