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भाभी की चूत से मेरी दोस्ती हो गयी

रियल भाभी लव स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मेरी भाभी के साथ मेरे सम्बन्ध सेक्स तक पहुँच गए. भाभी की शादी को एक साल हुआ था और भाई विदेश चले गए.

मैं उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में रहता हूँ. मेरे परिवार में मेरे भाई-भाभी, माँ और पापा रहते हैं.
पापा पुलिस में हैं तो वो घर से बाहर ही रहते हैं.

भाई की शादी हुई, तभी उसकी जॉब लग गई और वो साउथ अफ्रीका चला गया.

मतलब यह कि घर में हम तीन लोग ही रहते हैं. मैं, भाभी और मां.

अभी मैं बीएससी के थर्ड इयर में हूँ और साथ में कम्पटीशन की तैयारी करता हूँ.
मैं घर में ही रहता हूँ. घर का सारा काम मुझे ही देखना होता है.

भाई भाभी की शादी को एक साल होने वाला है.

भाभी को भी कोई जरूरत होती है तो मुझे ही उनको बाजार या कहीं और ले जाना होता है.
मेरी भाभी की उम्र अभी 23 साल की है. अभी कोई बच्चे भी नहीं हैं, भाई बाहर ही रहता है.

यह रियल भाभी लव स्टोरी इस्न्ही भाभी के साथ प्यार भरे सेक्स की है.

भाभी भी मुझे बहुत मानती हैं. मैं भी उन्हें अपना दोस्त जैसा मानता हूँ.
अभी कुछ दिन पहले मेरा फोन खराब हो गया था तो भाभी ने मुझे नया फोन दिलाया था.

करवा चौथ आने वाला था. उसके व्रत के लिए भाभी को सामान लेने जाना था तो मैं ही उन्हें बाजार ले गया था.

भाभी ने एक मॉल में शॉपिंग की कपड़े लिए.
फिर अपने लिए ब्रा पैंटी देखने लगीं.

मैं भी पास में ही था.
सामान रखने की ट्रॉली मेरे हाथ में थी.

वो डिज़ाइन व कलर पसंद कर रही थीं.
मैं उन्हें देख कर अनदेखा करने लगा.

उन्होंने अपने मतलब के अंडरगारमेंट्स ले लिए.
फिर उन्होंने सनेटरी पैड लिए, क्रीम व कॉस्मेटिक्स आदि ली.
उसे बाद भाभी पार्लर गईं. हम दोनों को घर आते शाम हो गई थी.

मुझे ठंड लग रही थी क्योंकि मुझे पहले से ही हल्का सा बुखार था.

मैं घर आते ही अपने कमरे में सोने चला गया.
मेरा कमरा छत पर है. मैं कमरे में जाते ही सो गया था.

एक घंटा बाद मम्मी को खाना आदि खिला कर और उन्हें सुला कर भाभी मेरे रूम में खाना ले आईं.
उन्होंने मुझे जगाया और मेरी हालत देखी.

मुझे तेज बुखार था.
उन्होंने मुझे अपने हाथ से खाना खिलाया और मेरे सर पर तेल लगाने लगीं.

उनके हाथ से अपने सर में तेल लगवाने में मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था.

सर में तेल लगाने के बाद भाभी मेरे हाथ पैर दबाने लगीं.
मैं उन्हें मना करने लगा मगर वो नहीं मानी.

मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो भाभी मुझसे बात करने लगीं.

मैंने भाभी से पूछा- आपने खाना खा लिया?
उन्होंने कुछ नहीं बोला.

मैंने फिर से पूछा.
तो उन्होंने बोला- नहीं.
मैंने कहा- खा लो ना.

मेरी थाली में परोसने के लिए थोड़ा खाना बचा था.
मैंने कहा- लो, अभी मेरे सामने ही खाओ.
पर भाभी मना करने लगीं.

भाभी को रसगुल्ले बहुत पसंद हैं. दो तीन दिन में मां से छिपा कर मैं भाभी के लिए रसगुल्ले लाकर उन्हें खिला देता हूँ.

मैंने पूछ लिया- रसगुल्ले खाने का मन हो रहा है क्या?
भाभी ने कुछ नहीं कहा.

मैंने बोला- ठीक है, अभी खाना खा लो. मैं सुबह दवा लेने जाऊंगा, तो रसगुल्ले ला दूँगा.
भाभी अभी भी खाना नहीं खा रही थीं.

मैं अपने हाथ से उन्हें रोटी सब्जी खिलाने लगा.
भाभी ने थोड़ा मना किया, फिर खाने लगीं.

वो बोलीं- मैं अपने हाथ से खा लेती हूँ. तुम आराम करो.
मैं लेट गया और मैंने भाभी की कमर को ज़ोर से पकड़ लिया.

वो हंसने लगीं और बोलीं- क्या हुआ?
मैंने कहा- ठंड लग रही है.

वो बोलीं- ठीक है, मैं अभी कम्बल ले आती हूँ!
मैंने कहा- रहने दो, ऐसे ही ठीक है.

वो खाना खाने लगीं और कुछ ही देर में उन्होंने खाना खत्म कर लिया.
उन्हें भी नींद आने लगी थी तो वो अपने कमरे में जाने लगीं.
मैं भी सो गया.

वे सुबह तीन बजे मेरे कमरे में आईं और मुझे देखने लगीं कि कहीं बुखार ज्यादा तो नहीं हो गया है.
लेकिन मेरा बुखार ठीक था.
वे मुझे गले में हाथ लगा कर और पेट पर हाथ फेर कर मुझे चैक कर रही थीं.

उनके स्पर्श से मेरी नींद खुल गई.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
भाभी बोलीं- कुछ नहीं, बस देखने आई थी कि तुम ठीक हो ना!

मैंने कहा- हां, मैं ठीक हूँ.
भाभी मेरे सर को सहलाने लगीं.

मैंने कहा- आप भी सो जाओ, अभी काफी रात है.
वो बोलीं- मुझे नींद नहीं आ रही है.

फिर वो मेरे बेड पर बैठ गईं और मेरे साथ चादर में घुस गईं.

मैंने उनको फिर से पकड़ लिया तो बोलीं- तुम्हें शायद ज्यादा ठंडी लग रही है?
मैंने कहा- हां.

तभी वो फोन देखने लगी और मैं उन्हें पकड़े पकड़े ही सो गया.
थोड़ी देर में वो भी मेरे साथ ही सो गईं.

मेरा 5 बजे का अलार्म बजा तो मैं जाग गया.
मैंने देखा कि भाभी मेरे साथ ही सोई हैं और वो भी मुझसे चिपक कर!

मैंने भाभी को जगाया और उन्हें बोला कि सुबह हो गई है.
वो उठ गईं और अपने कपड़े ठीक करके अपने रूम में चली गईं.

सुबह हो गई.
आज उनका व्रत था.

शायद उनका कुछ सामान आना रह गया जो भूल से नहीं आ पाया था.

तो मैं भाभी को मार्केट ले गया.
मैंने अपने लिए दवा ले ली.

भाभी को खुद के लिए इयररिंग्स लेने थे तो मैं उनको ज्वेलरी की शॉप पर ले गया.
वो पसंद करने लगीं.

फिर मुझे दिखा कर पूछने लगीं- कौन सी लूँ?
उनको एक डिजायन पसंद आ रही थ, तो मैंने भी बोल दिया- हां यही ले लो, अच्छी डिजायन है … आप पर अच्छी लग़ेगी.

उन्होंने वो इयररिंग्स ले लिए.
आज फिर से पार्लर जाना हुआ.
आज तो उधर पार्लर में बहुत ही ज्यादा भीड़ थी. सात मेकअप के बाद भाभी का नंबर था.

हम दोनों को इन्तजार करना पड़ा. उसी में 3 बज गए थे.

मैंने भाभी से कहा- भाभी जल्दी करो, आज देर हो जाएगी तो मम्मी गुस्सा करेंगी.
भाभी का पार्लर का कम खत्म करने में 5.30 बज गए.
फिर हम दोनों घर आ गए.

भाभी का व्रत था तो भाभी अपनी पूजा आदि की तैयारी में लग गईं.
मैं अपने रूम में जाकर लेट गया.
आज मैं फिर से सो गया.

भाभी अपनी पूजा आदि ख़त्म करके मम्मी को सुला कर मेरे रूम में खाना लेकर आ गईं.
उन्होंने मुझे जगाया.

मैंने भाभी को देखा.
क्या लग रही थीं यार … मैं तो उन्हें देखता ही रह गया.

भाभी ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने बताया- यार, आज आप बहुत सुंदर लग रही हो.

भाभी ने शादी वाला लहंगा पहना था.
वो डिजायनर लहंगा था और काफी महंगा था.

भाभी मेरे पास बैठ गईं और बोलीं- लो खाना खा लो.
उन्होंने मुझे प्रसाद भी दिया.
मैंने खा लिया.

उन्होंने मुझसे पूछा- तुम ठीक तो हो ना!
मैंने कहा- नहीं.
भाभी ने पूछा- क्यों अब क्या हुआ?

मैंने कहा- यार भाभी, आप इतनी सेक्सी लग रही हो, मैं तो देख कर ही बीमार हो गया.
वो हंसने लगीं.

मैं भाभी से बात करने लगा.
भाभी ने बताया कि आज भैया की कॉल भी नहीं लग रही, वो शायद बिज़ी हैं.

मैंने बोला- कोई बात नहीं, सुबह कॉल कर लेना.
लेकिन भाभी को भैया की बहुत याद आ रही थी; उनको रोना आ रहा था.

मैंने कहा- भाभी आप रो नहीं, मेकअप खराब हो जाएगा.
मैं लाइन मारने लगा.

मैं बोला- भाभी, आज आप सच में बहुत कातिल लग रही हो.
वो हंसने लगीं.

मैंने भाभी की कमर पकड़ ली.
भाभी ने भी मुझे पकड़ लिया और रोने लगीं.

वो मुझसे बोलने लगीं- तुम्हारे भैया, पता नहीं कब तक वापस आएंगे. मुझे उनकी बहुत याद आती है. अकेली रहा नहीं जाता, उनके बिना नींद नहीं आती.
मैंने भाभी को समझा बुझा कर शांत करवाया और भाभी को गले से लगा लिया.

आज भाभी भी मेरा साथ दे रही थीं.
उन्होंने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

मैंने भाभी को ज़ोर से हग कर लिया और भाभी ने भी मुझे कस लिया.

मुझे उनके ब्लाउज में कसे उभार चुभने लगे.
मेरे सीने में कुछ असहज सा होने लगा.

मैं अपने सीने पर हाथ डाल कर खुजाने लगा तो भाभी के दूध टच होने लगे.

भाभी बोलीं- क्या हुआ?
मैंने बताया कि कुछ गड़ रहा है.

भाभी बोलीं- ठीक है, अभी चेंज करके आती हूँ.
मैंने कहा- रहने दो भाभी, आप इसमें बहुत अच्छी लग रही हो.

भाभी बोलीं- अभी उतारना तो होगा ही, इसे पहन कर थोड़ी सोऊंगी.
मैंने कहा- ठीक है, आपने शाम को कपड़े सुखा कर मेरे ही कमरे में रख दिए थे. वो रखे हैं, चेंज कर लो.

उन्होंने लहंगा चेंज करने के लिए कपड़े लिए और नीचे जाने लगीं.
मैंने कहा- यहीं कर लो, मैं कौन सा देख रहा हूँ.

वो थोड़ी सी हंस दीं और मेरे रूम में ही कपड़े बदलने लगीं.
पहले उन्होंने सलवार पहन ली और लहंगा उतार दिया, फिर ब्लाउज उतार दिया.

वो मेरे सामने ब्रा में आ गईं.
उन्होंने नेट वाली ब्रा पहनी थी, क्या मस्त माल लग रही थीं.
सच में बहुत ही खूबसूरत.

उन्होंने अपने कपड़े चेंज कर लिए और मेरे पास आ गईं.
मैंने उनकी कमर पकड़ ली.

हम दोनों को ही डर नहीं रहता था क्योंकि मम्मी छत पर नहीं आती थीं.
तो हम दोनों थोड़ी मस्ती कर लेते हैं.

भाभी बात करने लगीं और कहने लगीं- आजकल मेरी कमर कुछ ज्यादा ही पकड़ी जा रही है. क्या बात है, कोई गर्लफ्रेंड नहीं मिली क्या?
मैंने बोला- मिली ही नहीं कोई!
भाभी ने पूछा- क्यों?

मैंने कहा- यार, आपकी जैसी कोई मिल जाए, तो ही गर्लफ्रेंड बनाने की सोचूँगा.
उन्होंने कहा- अच्छा, मेरे में ऐसा क्या है?

मैं उनकी तारीफ़ करने लगा.
मैंने उनको हग किया और ज़ोर से दबा दिया.

भाभी ने भी मुझे ज़ोर से पकड़ लिया.
मैंने उनको गाल पर एक किस कर दी.

भाभी बोलीं- आज तो तुम मेरे लिए रसगुल्ले लाने वाले थे?
मैंने कहा- हां यार भाभी, भूल गया, सॉरी.
वो हंसने लगीं.

मैंने कहा- मैं तो बहुत रसगुल्ले खिलाता हूँ, आप भी तो मुझे कुछ खिलाओ. तब तो बात बराबर की होगी.
वो बोलीं- बोलो क्या खाओगे?

मैंने बोला- कुछ भी, जो आपको पसंद हो.
फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और मस्ती करने लगीं.

मैंने भी उन्हें ज़ोर से पकड़ लिया और अपने मुँह को उनके मुँह के सामने कर दिया.
वो मेरी आंखों में झांकने लगीं.

तभी मैंने उनके गाल काटने की सोची और जैसे ही आगे बढ़ा, उन्होंने अपना गाल हटा लिया और होंठ मेरे मुँह के सामने कर दिए.
मुझसे उनके होंठों की किस हो गई.

वो मुझे देखने लगीं और बोलीं- अच्छा बेटा लिप किस … मैं समझ गई कि तुम्हें क्या खाना है.
ये कह कर भाभी मुझे ज़ोर से लिप किस करने लगीं.

मैं भी उनका साथ देने लगा.
मैंने उनको ज़ोर से पकड़ लिया.
हमारा लिप किस लम्बा होने लगा.

मेरा चुदाई का मूड बन गया.
मैंने उनके चूत ड़ों को ज़ोर से मसल दिया.
वो भी अब जोश में आ गईं.

मैं भाभी की गर्दन पर किस करने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगीं.

मेरा लंड खड़ा हो गया.
उनको लंड महसूस होने लगा.
वो भी मेरे ऊपर अपनी गांड रगड़ने लगीं.

मैंने कहा- भाभी क्या करूं, अब रहा नहीं जाता.
भाभी बोलीं- जो मर्ज़ी हो, वो करो … आज मना नहीं करूंगी.

मुझे उनके दूध दिख रहे थे, मैंने मुँह लगा दिया और एक दूध पीने लगा.
वो बोलीं- ऐसे क्या पी रहे हो, बाहर निकाल लो और अच्छे से चूस लो.

मैंने उनसे कुर्ता निकालने को बोला.
वो उठ गईं, मैंने फट से कुर्ता निकाल दिया.

अब ब्रा के ऊपर से ही मैं भाभी के मम्मों को किस करने लगा.

वो बोलीं- आह पागल … आराम से करो … मैं कहां भागी जा रही हूँ, जो इतनी जल्दी मचा रहा है.
मैंने ब्रा का हुक खोला और उसे निकाले बिना दूध मसलने लगा.

भाभी बोलीं- पूरी ही निकाल लेते न … ऐसे तो नई ब्रा को खराब ही कर दोगे.
मैंने उनकी ब्रा उतार दी और दूध पीने लगा.

क्या मक्खन मम्मे थे यार … बिल्कुल मलाई जैसे मुलायम मम्मे थे.
मैंने थोड़ी देर भाभी के निप्पल को खींच खींच कर उनकी आंखों में देखते हुए दूध चूसे.

भाभी की वासना जग गई थी, वो भी मुझे अपने सीने पर खींच कर दूध पिला रही थीं.
मैंने कहा- भाभी और कुछ भी हो सकता है क्या?
भाभी बोलीं- अब लिख कर दे दूँ क्या?

मैं समझ गया कि भाभी की चूत में आग लग गई है.
मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और पैंटी को निकाल दिया.

भाभी क्या माल लग रही थीं यार. बिल्कुल फ़िल्मी हीरोइन जैसी.
मैंने भाभी के पूरे बदन को चूमा, बहुत सारी किस की. फिर उनकी चूत में उंगली करने लगा.

भाभी की चूत गीली हो चुकी थी.
मैंने उन्हें चित लिटाया और अपना लंड चूत पर रख कर अन्दर घुसाने लगा.

चूत लंड के लिए मचल रही थी और पनिया गई थी.
मैंने लंड सही से सैट किया और धक्का मार दिया. एक बार में मैंने पूरा लंड घुसा दिया.

वो मचल गईं और आवाज दबाती हुई बोलीं- आंह … आराम से करो, पागल हो क्या?
मैं भाभी को धकापेल चोदने लगा.
वो भी लंड के मज़े लेने लगीं.

उनकी चूत बहुत टाइट थी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
तभी उनका रस छूटने लगा, वो निढाल हो गईं.

मगर मैं भाभी को चोदता रहा.

कुछ देर बाद मेरा भी होने वाला था.
मैंने पूछा- कहां निकाल दूँ?
भाभी बोलीं- अन्दर ही कर दो.

मेरा माल चूत में निकल गया.
मैंने अपना लंड निकाला तो भाभी की चूत से रस बाहर आने लगा.
पूरी चूत मेरे लंड रस से भर गई थी.

भाभी ने मुझे ज़ोर से किस कर दी.
वो बोलीं- आज मजा आ गया.

मैंने बोला- तो फिर से करें?
भाभी मेरी कमर सहलाती हुई बोलीं- मर्ज़ी है, तो कर लो.

मैंने कहा- आप मेरे औजार को खड़ा कर दो.
वो हां बोल कर मेरे नीचे से निकलीं और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगीं.

मैंने उनके मुँह में लंड दे दिया, वो चूसने लगीं.
मेरा फिर से मूड बन गया.

मैंने भी अपना मुँह उनकी चूत पर रख दिया और थोड़ी देर चूस दिया.
वो भी मूड में आ गईं.

मैंने फिर से उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें चोदना शुरू कर दिया.
दस मिनट की चुदाई के बाद वो फिर से झड़ गईं मगर मेरा नहीं निकला था.
मैं भाभी की चूत चोदता रहा.

तभी वो फिर से झड़ गईं और इस बार मैं भी निकलने वाला हो गया था.
इस बार भी मैंने चूत के अन्दर ही रस टपका दिया.

भाभी दो बार चुद कर बहुत खुश थीं.
थोड़ी देर में हम दोनों वैसे ही नंगे सो गए.

सुबह 5 बजे अलार्म बजा तो मैं जागा और मैंने उनको जगाया.

वो कपड़े पहन कर अपने कमरे में चली गईं.
अब जब भी मेरा मन होता है, घर में ही भाभी को चोद लेता हूँ.

वैसे कम से कम एक बार तो मैं भाभी को रोज ही चोद लेता हूँ.
अब वो भी मेरी बिल्कुल बीवी बन गई हैं. बस वो मुझे अपनी गांड नहीं मारने देती हैं. चूत चोदने को जब मर्ज़ी हो, तब चोद लो.

कभी कभी तो सुबह सुबह मैं किचन में ही भाभी को घोड़ी बना कर चोद लेता हूँ.
एमसी के दिन छोड़ कर ऐसा ही कोई दिन होता होगा, जिस दिन मैं उन्हें नहीं चोदूं.

वो भी मेरे लौड़े का पूरा मज़ा लेती हैं. गांड देने की बात करता हूँ, तो वो ना बोल देती हैं.
मैं भी लगा हूँ, देखो कब देती हैं.

उनका कहना है कि गांड मारने से फिगर खराब हो जाएगा. गांड फ़ैल जाएगी, डिग्गी बड़ी हो जाती है और उनको बड़ी डिग्गी पसंद नहीं है.
इसलिए वो गांड नहीं मारने देती हैं.

भाभी मुझे बहुत प्यार करती हैं. वो बोलती हैं कि अब जीएफ बनाई तो अच्छा नहीं होगा.
वो मेरे फोन को भी रोज चैक करती हैं.
मेरा सारा खर्च वो ही मुझे देती हैं.

आई लव यू भाभी.
रियल भाभी लव स्टोरी पढ़ कर आपको मजा आया?

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