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चुदासी नर्स ने मुझसे चूत मरवाई

हॉट नर्स  कहानी में पढ़ें कि मेरी भाभी की सहेली अस्पताल में नर्स थी. एक दिन मैंने उन दोनों को लेस्बियन सेक्स करते देखा. वे मेरे बारे में भी बात कर रही थी.

मेरा नाम अमर सिंह राठौड़ है. मैं अन्तर्वासना की सेक्स कहानी का प्रशंसक हूँ और इनका नियमित पाठक भी हूँ.
मेरी उम्र 19 साल है.

मैं एक आकर्षक लड़का हूँ, जिसके कारण मैंने गांव व कॉलेज की लड़कियों के साथ बहुत बार सेक्स किया है.

आपको मैं अपने साथ हुई हॉस्पिटल की नर्स के साथ हुई एक कामुक घटना को सुना रहा हूँ.
यह हॉट नर्स  कहानी अभी हाल की ही है.

मैं जिस शहर में रूम लेकर रहता हूँ, उधर मेरे साथ मेरे परिवार के लोग भी रहने आ गए थे.
दरअसल मेरी भाभी को इलाज की जरूरत थी और वो भैया के साथ मेरे शहर वाले इस किराये के कमरे में रहने आ गई थीं.

कमरे के पास में ही सरकारी अस्पताल था तो भाभी को कमरे में रुकना मुफीद था.

उनकी तबियत कुछ ऐसी थी कि लगातार एक दिन छोड़ कर एक दिन अस्पताल दिखाने जाना होता था.
रोज रोज गांव से शहर आने से अच्छा था कि भाभी मेरे कमरे में ही रह कर अपना इलाज करवातीं.

भैया सेल्स का काम करते थे और उनको भी सहूलियत थी कि वो अपने काम से निकल जाते थे.
भाभी को अकेले अस्पताल जाने में भी कोई दिक्कत नहीं थी.

उधर अस्पताल में भी गांव के एक परिवार की महिला नर्स थी तो वो भाभी के लिए एक बड़ी सहूलियत के जैसी थी.

उसकी उम्र लगभग 22 साल की रही होगी. उसका कद मध्यम आकार का था.
वो दिखने में सुंदर व अच्छी थी.

भाभी के साथ उसका ननद भौजाई जैसा रिश्ता हो गया था और वो उनके साथ कभी कभी कमरे पर आ जाती थी.

वो नर्स जब भी कमरे पर आती तो मुझसे कुछ मंगवाने के लिए मुझे बाजार भेज दिया करती थी.
ये मैं समझ नहीं पाता था कि माजरा क्या है.

एक दिन मैंने न जाने क्या सोचा; उसके कहने पर बाजार के लिए कमरे से बाहर निकला और कुछ ही देर में वापस आकर खिड़की में से अन्दर झांकने लगा.

मैं अन्दर का नजारा देख कर सन्न रह गया.
अन्दर कमरे में वो मेरी भाभी की चूत चाट रही थी और भाभी अपनी साड़ी अपनी कमर पर करके उससे चूत चटवाने का मजा ले रही थीं.

मेरा लंड खड़ा हो गया कि साला ये कौन सा सेक्स है.

कुछ देर बाद वो नर्स अपनी सलवार नीचे सरका कर लेट गई और भाभी उसकी चूत में उंगली करने लगीं.

उसकी चूत एकदम साफ़ थी जबकि भाभी की चूत में झांटों का जंगल उगा था.
कुछ देर बाद भाभी ने उसकी चूत में मुँह लगा दिया और चूत चाटने का मजा लेने लगीं.

लगभग दस मिनट में वो दोनों तृप्त हो गईं और अपने अपने कपड़े सही करके बैठ गईं.
नर्स ने अपने बैग से एक सिगरेट की डिब्बी निकाली और भाभी के साथ वो कमरे के पीछे बने आंगन में चली गई.

मैं बाजू से जाकर देखने लगा, तो वो सिगरेट होंठों में फंसा कर कश लगा रही थी और भाभी से बात कर रही थी.
भाभी- तुझे शहर में कोई मर्द नहीं मिला क्या?

नर्स- इधर बहुत से मिलते हैं मगर कोई सही नहीं मिलता. सब साले चोद कर मजा लेना चाहते हैं.
भाभी- तो तुझे भी तो यही चाहिए है न?

नर्स- हां, जब चुदवाने का मन होता है तो किसी से चुद जाने का जी करता है. मगर फिर किसी का भी लंड अपने अन्दर ले लेना अजीब सा लगता है. आप अपनी बताओ भाभी, आपको भैया से पूरा पड़ जाता है या किसी और का भी लेती हो?
भाभी- तेरे भैया से ही थक जाती हूँ. जिस दिन मेरे ऊपर चढ़ गए, समझो आधा घंटा तक चटनी बनाते रहते हैं. न जाने क्या खाकर पेलते हैं.

नर्स- कोई शक्तिवर्धक गोली खाकर चुदाई करते होंगे.
भाभी- हां, मुझे भी यही लगता है. पर उनका मामला महीने में एकाध बार का ही है इसलिए आग लगती रहती है. तभी तो तेरे साथ मजा लेने लगी हूँ.

नर्स- भैया का इतनी देर से क्यों मिलता है?
भाभी- अरे उनका काम सेल्स का है न … तो कम्पनी के काम से बाहर ज्यादा जाना पड़ता है.

नर्स ने सिगरेट बुझाई और कहा- बाकी के दिनों के लिए देवर की सवारी गाँठती हो क्या?
भाभी- वो बहुत सीधा है. उसे अभी पढ़ने से ही फुर्सत नहीं है. कुछ समय बाद देखूँगी कि वो किसी काम का है भी या नहीं?

नर्स- वो कैसे चैक करोगी?
भाभी- अभी तक इस बारे में सोचा नहीं है.

नर्स- मैं चैक करूं?
भाभी ने नर्स की तरफ देखा और हंस कर हां में सर हिला दिया.

मैं समझ गया कि अब नर्स जी मेरे लंड से चुदवा कर चैक करेंगी कि मेरे अन्दर कितनी मर्दानगी है.
मैंने भी मन बना लिया था कि नर्स ने पहल की तो साली को चोद दूँगा.

बस उसके कुछ देर बाद मैं बाजार से सामान लेकर कमरे पर आ गया और नर्स को सामान दे दिया.
उसने मुझसे पूछा- आज बड़ी देर लग गई? कहीं रुक गए थे क्या?

मैंने कहा- हां एक जगह ज्ञान बंट रहा था तो लेने लगा था.
उसकी कुछ समझ में नहीं आया और वो अपने सामान को देखने में व्यस्त हो गई.

अब सिलसिला कुछ यूं बना कि वो कभी कभी मेरे साथ भी बाजार जाने लगी थी.
ये उसकी योजना का ही हिस्सा था.

वो मुझसे खुल कर बात भी करने लगी थी कि मेरी कोई गर्ल फ्रेंड है या नहीं.
मैं भी उससे किसी से दोस्ती होने की बात से इंकार कर देता.

एक दिन वह मेरे साथ सामान लाने बाजार गई तो हमारी बहुत सारी बातें हुईं.

अपनी बातों से उसने जताने की कोशिश की उसके मन में मुझसे चुदने की इच्छा है.
मैंने कुछ नहीं जताया और उसके सामने मैं चूतिया हूँ, ये दिखाता रहा.

एक दिन कमरे पर भाई नहीं थे, वो अपने काम से एक हफ्ते के लिए गए हुए थे.
कमरे में मैं और भाभी ही थे.

भाभी दोपहर में अस्पताल से कमरे में आईं तो उनके साथ वो नर्स भी आ गई.

कमरे में आकर उसने मुझे देखा और मौका ना गंवाते हुए भाभी से कहा- मैं भी आज रात में आपके साथ ही रूम में सोने के लिए आ रही हूँ.
भाभी ने कहा- हां आ जाना. बस ये बता देना कि खाने में क्या खाओगी … तो वही बना लूंगी.

नर्स ने कहा- अरे कुछ भी बना लेना. जो अमर को अच्छा लगता होगा, वही मैं भी खा लूँगी.
भाभी ने ओके कह दिया.

मैं कमरे से निकल कर बाहर जाने लगा कि आज फिर से नर्स और भाभी का लेस्बियन सेक्स देखने को मिल जाएगा.
कमरे से मैं ये कह कर बाहर निकला कि भाभी मुझे आने में देर हो जाएगी. मैं चार बजे तक आऊंगा.

नर्स ने ये सुना तो उसने भाभी की तरफ देख कर आंख दबा दी.
मैं चला गया.

अब जो होने वाला था वह हर किसी का लंड खड़ा करने वाला और लड़कियों की चूत गीली करने वाला था.

मेरे बाहर जाते ही नर्स ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और भाभी से बोली- आज आपके देवर से मेरी चूत की चुदाई होने वाली है. मेरी झांटें साफ़ करने का जिम्मा आपका है भाभी!

भाभी हंस कर बोलीं- हां हां, आज तो मैं तुम्हें चिकनी चमेली बना दूंगी.
बस फिर कुछ ही मिनट में भाभी ने मेरी शेविंग किट उठाई और नंगी नर्स से लेटने का कहा.

नर्स अपने होंठों में एक सिगरेट दबा कर चित लेट गई और भाभी ने आंगन तरफ के दरवाजे खोल दिए ताकि सिगरेट का धुंआ निकलता रहे.

उसके बाद भाभी ने नर्स की चूत में शेविंग क्रीम का झाग बनाया और रेजर से चूत की झांटें साफ़ करनी शुरू कर दीं.

नर्स किसी अय्याश रंडी की तरह अपनी टांगें फैलाए पड़ी पड़ी सिगरेट के सुट्टे लेती रही.
कुछ ही देर में नर्स की चूत साफ़ हो गई.

उसके बाद भाभी ने अपनी झांटें भी साफ़ करवाईं और उन दोनों ने शानदार लेस्बियन सेक्स का मजा लिया.

उस दिन भाभी और नर्स पूरी नंगी थीं.
मैं भाभी और नर्स की नंगी जवानी देख कर बौरा गया था.

फिर कुछ समय बाद उन दोनों का खेल समाप्त हुआ और नर्स चली गई.
मैं भी कमरे में आ गया और रात का इन्तजार करने लगा.

वह नर्स रात तो हमारे कमरे में सोने के लिए आ गई.
सर्दी का मौसम था तो हम तीनों नीचे ही सो रहे थे.

मुझे भी मालूम था कि रात को नर्स कुछ तो मेरे साथ करने की कोशिश करेगी.

मैंने भी अपना एक हाथ और एक पैर उसके नजदीक कर लिया था और सोने की एक्टिंग करने लगा.
वो मेरे पास ही सोई हुई थी और नर्स के दूसरी ओर भाभी सोई हुई थीं.

भाभी दवा खा कर सोती थीं तो रात को कम ही जागती थीं.
फिर आज तो वैसे भी वो मेरी चुदाई के लिए सोयी रहने वाली थीं.

नर्स ने रात के दो बजे धीरे से अपना एक हाथ मेरी ओर खिसका दिया.

मैंने पहले ही अपना हाथ और पैर उसकी ओर कर रखा था ताकि उसको कुछ भी करने में परेशानी ना हो.
जब उसने अपना हाथ मेरी ओर बढ़ाया, तो उसका हाथ मेरे हाथ को टच कर गया.

फिर थोड़ी देर बाद उसने पूरा हाथ मेरे हाथ पर रख दिया.
मुझे भी पता चल गया तो मैंने कोई हलचल नहीं की.

फिर नर्स ने अपना एक पैर मेरे पैर पर रख दिया.
थोड़ी देर बाद उसने हिम्मत करके अपना हाथ मेरे बदन पर रखा और सहलाना शुरू कर दिया.

मैंने फिर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो उसकी हिम्मत और बढ़ गई.

उसने अब अपना हाथ मेरी पैंट में डाल दिया और धीरे धीरे से मेरे बाबू को सहलाना शुरू कर दिया.
मेरा लंड तो पहले से ही कड़क था.
तो वह भी समझ गई कि मैं और मेरा लंड भी उसके मजे लेना चाहता है.

अब उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी सलवार में डाल दिया.
मैं पहले ये सब कर चुका था तो मैं उसकी चूत को सहलाते हुए उंगली डालने लगा.

इससे उसको मजा आने लगा.
कुछ देर बाद वो झड़ गई और मेरा भी वीर्य निकल गया.

कुछ देर बाद उसने उल्टे घूम कर 69 की पोजीशन बना ली और वो मेरे लंड को चूसने लगी.

इस बार मुझे बेहद मजा आ रहा था, लंड में मस्ती आने लगी.

उसने चूस चूस कर मेरा लंड फिर से खड़ा कर दिया.
मैं भी उसकी चूत को सहला रहा था.

फिर कुछ देर बाद वो वापस उल्टा घूम गई और अपनी गांड मेरी ओर कर ली.

मुझे पता चल गया कि अब हॉट नर्स  चुदाई के लिए तैयार है.
उसने रजाई के अन्दर ही मेरा लंड पकड़ कर मुझे अपने करीब कर लिया और अपनी चूत पर लंड रगड़ने लगी.

मेरा हाथ अपने मम्मों पर रखवा कर मम्मे सहलवाने लगी.
मैंने समय बर्बाद न करते हुए अपना थूक उसकी चूत पर लगाया और उसने मेरा लंड अपनी चूत पर फिट कर दिया.

मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा पूरा लंड नर्स की चूत में समा गया.
नर्स की दबी सी आह निकली और हमारी चुदाई चालू हो गई.

मैं उसे धकापेल चोदता रहा.
अब उसे भी मजा आने लगा.
वह भी मेरी ओर धक्के मार मार कर चुदवा रही थी.

चोदते समय वह बीच में ही दो बार झड़ चुकी थी.

करीब 20 मिनट चोदने के बाद मैं भी झड़ने वाला था.

मैंने धीरे से उससे पूछा- अपना रस कहां छोड़ूं … चूत में या पेट पर?
तो उसने कहा कि चूत में ही छोड़ दो.
मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.

हम दोनों को बहुत मजा आया.
फिर उस रात में मैंने एक बार फिर से हॉट नर्स की चुदाई की.

उस दिन के बाद मैंने उसे बहुत बार चोदा; कभी उसके रूम में, कभी अपने रूम में.

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