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पायल की अतृप्त प्यास 2

माउथ सेक्स कहानी में पढ़ें कि कॉलेज की लड़की ने एक बार चूत चुदवाई तो अगले दिन वो वक्त से पहले कॉलेज गयी लंड का मजा लेने! वहां उसका मुखचोदन कैसे हुआ?

प्रिय पाठको,
मेरी कहानी के पिछले भाग सेक्सी बीवी की हॉट चूत चुदाई में आपने पढ़ा कि कॉलेज में कुंवारी पायल की चूत चोकर प्रकाश घर आया तो अपराध बोध से ग्रस्त था.
इसी भावना को लेकर उसने अपनी पत्नी पल्लवी को एक बार चोद दिया.

अब आगे माउथ सेक्स कहानी:

नंगी पल्लवी दाल कुकर पर चढ़ा कर 15 मिनट बाद बेडरूम में आ गई।

प्रकाश ने बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद नहीं किया था। पल्लवी अंदर चली गई और अपने नग्न पति को शावर के नीचे भीगता देख, निहारने लगी।

फिर उसके मन में भी शरारत आई और वो भी शावर के नीचे अपने पति के नंगे जिस्म से लिपट गई।

प्रकाश मुड़ा और पल्लवी को बाहों में भर कर नहाने लगा, उसके मम्मे मसल मसल कर धोने लगा, गांड पकड़ कर अपने करीब खींचते हुए उसने पल्लवी को दीवार से सटा दिया…

वो उसकी टांगों के बीच बैठ गया, और एक टांग अपने कंधे पर रख, उसकी चूत चाटने लगा।

पल्लवी कुछ करने की हालत में नहीं थी, वो प्रकाश का सिर अपनी चूत में दबाए जा रही थी, उसके बाल खींच रही थी।

“आआह्ह प्रकाश… हां बस वहीं… अह्ह्ह्ह मत रुको, करते रहो।”
“आह्ह आह्ह आआ आह आआह हआ …” पल्लवी यौन सुख की परिकाष्ठा पर थी.

आप सभी तो जानते ही होंगे, सभी महिलाएं लगातार एक से ज्यादा बार काम सुख की प्राप्ति कर सकती हैं।

प्रकाश चूत चाटने में इतने सालों में तो माहिर हो ही गया था, वो बिना रुके एक पल्लवी के पालतू कुत्ते की भांति चूत में घुसा रहा।

उसने पल्लवी की दोनों टांगों को अपने दोनों कंधों पर रख लिया और मुंह को चूत में गड़ा दिया।
चूत की फांकों को हाथों से अलग कर अपनी जीभ को चूत के दाने पर फिराने लगा।
पल्लवी पागल हुई जा रही थी.

प्रकाश अपनी जुबान की नोक बना कर पल्लवी की योनि का मुख चोदन करने लगा।

“आह्ह प्रकाश … आम्म आआह करते रहो …” पल्लवी दोबारा झड़ने को थी।
“आआ आह्हह्ह …” अपने चूचों को अपने हाथों से मसलती पल्लवी फिर से प्रकाश के मुंह में झड़ गई।

पल्लवी को उसका योनि सुख दे प्रकाश शावर में खड़ा होकर नहाने लगा जैसे कुछ हुआ ही ना हो.

अपनी चूत लगातार झड़ने के कारण पल्लवी फड़कती चूत को महसूस करती हुई उसी जगह सहसा खड़ी रही।

प्रकाश नहाकर बाहर चला गया.
कुछ देर बाद पल्लवी भी अपना स्नान पूरा कर बाहर आ गई।

पल्लवी- अरे इस सब में गैस तो भूल ही गई, सुनो … जल्दी जाकर गैस बंद कर दो, वरना दाल जल जायेगी।

प्रकाश ने भाग कर गैस बंद की और वापिस आ गया और नंगा अपने बालों को सुखाने लगा।

फिर कुछ गुनगुनाते हुए पल्लवी अपने गीले बालों को तौलिए से सुखाते हुए आईने में से पीछे खड़े अपने नंगे पति को देखने लगी।

पल्लवी ने अलमारी से दूसरी साड़ी निकाल उसने बिस्तर पर रख दी और प्रकाश के लिए पजामा और कुर्ता निकाल दिया।

प्रकाश ने कपड़े पहन लिए और पल्लवी भी पेटीकोट पहन चुकी थी.

उसने ब्लाउज जैसे ही अपनी बांह में डाला … प्रकाश ने पीछे से आ पल्लवी के चूचे अपनी हथेलियों में थाम कर कहा- मत पहनो ना ब्लाउज! तुम्हारे इन खूबसूरत चूचों को सिर्फ मेरे हाथों का बंधन पसंद है.
कहते हुए उसने पल्लवी के चूचे हथेलियों में भरकर कसकर दबा दिए।

पल्लवी बात बदलते हुए- तो पल्लू को कहां टिकाऊं?

प्रकाश- क्यों टिकाना है पल्लू? ये पेटीकोट ही बांध लो सीने पर!
कहते हुए प्रकाश ने पेटीकोट का नाड़ा खींच खोला और पल्लवी की छाती के ऊपर खींच लिया।

पल्लवी- हम्मम, इतना बुरा भी नहीं लग रहा। अब ऊपर किया है तो बांध भी दो।

पल्लवी का पेटीकोट बांध कर प्रकाश ने पल्लवी को अपनी ओर घुमाया, और उसे उसके होंठों पर चूम लिया।

पल्लवी- अब खाना खा लें?

पल्लवी के गले में हाथ डालके दोनों किचन चले गए।

प्रकाश ने चावल धो दिए और दूसरे कुकर में चढ़ा दिए, पल्लवी गूंदा हुआ आटा ले आई और तवा लगा कर रोटियां बनाने लगी।
तो प्रकाश ने जल्दी से सलाद काटा और दही निकाल के बूंदी का रायता बना दिया।

चार रोटी जल्दी ही बन गई और दोनों ने मिलकर खाना टेबल पर लगा दिया।

“कल सुबह फिर जल्दी निकलना है, कितने बजे जाओगे?” पल्लवी ने निवालों के बीच पूछा.
प्रकाश- हम्म, पौने सात बजे निकलूंगा, तुम इतनी जल्दी उठकर मेरे खाने को चिंता मत करना, कॉलेज की मेस में नाश्ता कर लूंगा।

दोनों खाना खाकर बेड पर अपने अपने पासे में किताब पढ़ने लगे।
फिर आधा घंटा बाद बत्ती बंद कर सो गए।

प्रकाश अगले दिन पायल को चोदने की उत्सुकता में पूरी रात करवट बदलता रहा.
पिछली शाम की चुदाई के बारे में सोच कर उसका फिर से खड़ा हो गया।

सुबह के चार बज रहे थे.
पल्लवी दूसरे किनारे पर प्रकाश की तरफ पीठ कर सो रही थी।

प्रकाश ने पल्लवी को पीछे से गले लगा लिया और उसकी गर्दन और कमर पर चूमते हुए उसे प्यार से जगाने लगा।

पल्लवी- सोने दो ना!
प्रकाश ना सुन कर पीछे हट गया और पायल के बारे में सोच मुठ मारने लगा.

पलंग हिलने से पल्लवी जाग ही गई।
प्रकाश आंखें बंद कर अपना लौड़ा अपने हाथों से आगे पीछे कर रहा था.

पल्लवी ने प्रकाश की टांगों के बीच में पास जाकर प्रकाश के हाथ को हटाकर लौड़ा पकड़ लिया और चूसने लगी।

प्रकाश पल्लवी के गर्म, गीला और मुलायम मुंह का सुखी अनुभव लेने लगा।

पल्लवी चुसाई में तेज़ थी, वो जानती थी, पति के दिल का रास्ता मुंह से होकर जाता है।

प्रकाश के अंडकोष को सहलाते हुए अपनी जीभ को प्रकाश के सुपारे पर घुमा रही थी। प्रकाश का मोटा लंड अपनी चूत और मुंह में लेने की आदत थी पल्लवी को!
पति को यौन सुख कैसे दिया जाता है, कोई पल्लवी से सीखे।

कुछ ही देर में प्रकाश पल्लवी के मुंह में झड़ गया और पल्लवी सारा रस ऐसे पी गई जैसे कोई शरबत हो।

सुबह सुबह मुखमैथुन से प्रकाश तृप्त हो गया था।
पल्लवी भी अपने पति को सुख देकर दोबारा सो गई।

प्रकाश 5 बजे उठकर नहाने चला गया और फिर बाहर आकर बिना ज्यादा शोर किए तैयार होने लगा.
वो पल्लवी को जगाना नहीं चाहता था।

तैयार होकर उसने 3 अंडे उबाले और पल्लवी और अपने लिए चाय बनने रख दी; ब्रेड टोस्टर में लगा दिए।

दो अंडे और ब्रेड का नाश्ता चाय के साथ करके वो निकलने को तैयार था।

उसने पल्लवी की चाय की प्याली बिस्तर के एक तरफ रखी टेबल पर रख दी और पल्लवी के माथे पर चूम कर उसके कान में प्यार से कहा- चाय तैयार है जान, पी लो!

यह कहकर वो घर कॉलेज जाने के लिए निकल गया।

पायल को जी भर चोदने की लालसा में वो 7 बजे ही कॉलेज पहुंच गया।

लाइब्रेरी का दरवाजा खोला और पायल का इंतजार करने लगा।

तकरीबन 20 मिनट बाद पायल भी आ गई और सीधा लाइब्रेरी के अंदर आकर उसने दरवाजे पर कुंडी लगा दी।

पायल के बाल खुले थे उसने एक तंग लेगिंग और कुर्ती पहनी थी।

उसने अंदर पहुंचते ही करीब आते प्रकाश के कदमों की आवाज सुनी।

ज्यों ज्यों कदमों के आवाज तेज़ हो रही थी, त्यों त्यों पायल की दिल धड़कनें बढ़ती जा रही थी।

प्रकाश पायल के पास आया और उसकी आँखों पर पट्टी बांध दी।
“आज तुम सिर्फ महसूस करोगी!” प्रकाश एक अलग मूड में लग रहा था।

उसने पायल की कुर्ती के अंदर हाथ डाल के पायल की ब्रा खोल दी; फिर कुर्ती के ऊपर से ही पायल के निप्पल चूसने लगा।

पायल की छोटे छोटे संतरों सी सख्त चूचियां प्रकाश की चौड़ी हथेली में छोटी पड़ रही थी।

प्रकाश ने धीरे धीरे पायल की तंग पजामी को सरका कर नीचे कर दिया।
उसके चेहरे पे खुशी थी क्योंकि पायल नई कच्छी पहन के आई थी।

उसने बिना देर किए पायल की कच्छी चीर डाली और अपनी उंगलियां पायल की गीली भभकती चूत में दे दी।

“आआह्हह … आ अह्ह्ह … आआआह … आआआ आह्हह … आहा आह्ह्ह…” पायल तेज़ तेज़ आहें भरने लगी।
प्रकाश पायल की टांगें खोल दी और उसकी चूत की फांकों को खोल कर लाइब्रेरी की मध्यम रोशनी में देखने लगा।

एकदम गुलाबी और रस से भीगी चूत देख प्रकाश पर अलग सा पागलपन छा गया।
उसने पायल की चूत में एक की बजाए दो उंगलियां दे दी और पायल की चूत का दाना चाटने लगा।

पायल ये बर्दाश्त ना कर सकी और कुछ ही पलों में प्रकाश के मुंह पर अपने काम रस की फुहार छोड़ते हुए झड़ गई।
प्रकाश का चेहरा पूरी तरह से पायल के काम रस में भीग गया।

तब प्रकाश जमीन से खड़ा हुआ और उसने पायल की कुर्ती उसके जिस्म से अलग कर दी।
फिर उसे अपनी बलिष्ठ बांहों में ऐसे उठा लिया जैसे उसे किडनैप कर रहा हो।

पायल की गांड प्रकाश के कंधे पर थी और पायल प्रकाश की पीठ पर झुकी गिरी पड़ी थी।

प्रकाश ने पायल के गांड पर जोरदार तमाचा मारा और एक उंगली उसकी गांड के छेद में घुसा दी।

इससे पायल चीख उठी।

“देखो, मुझसे चुदना है तो दर्द सहना सीख लो। मैं रोज तुम्हें इसी तरह चोदूंगा, और तेरी गांड भी मारूंगा। बोल मरवाएगी ना गांड?”

पायल एक अच्छी रखैल की तरह बोली- हां, मैं और मेरा जिस्म मैंने 4 महीने पहले ही तुम्हारे नाम कर दिया था। अब जो चाहे करो मेरे साथ! अपने दोस्तो से भी चुदवाओ, पूरे कॉलेज की रंडी बना दो मुझे!

पायल के मुंह से रण्डी जैसे शब्द सुन कर प्रकाश को जोश आ गया।
उसने बुक शेल्फ पर पायल को टिकाया और अपना मोटा लौड़ा पायल की चूत में दे दिया।

पायल की चूत की सील कल टूटी तो थी पर अब भी काफी तंग थी।
प्रकाश का लौड़ा पायल की चूत की दीवारों से सटा हुआ अंदर बाहर होने लगा, लोहे सा सख्त लौड़ा पायल की कोमल गीली चूत में बीचों बीच धसा था।

पायल का योनि सुख, पल्लवी के योनि सुख से अलग था, इसीलिए प्रकाश अपना लंड पायल की जवानी पर हार चुका था।

फिर उसने एक जोर से झटका दिया और लौड़ा चूत के अंतिम छोर तक चला गया।

पायल चिल्ला उठी- आआ आह्ह उम्मह … आराम से!
प्रकाश ने पायल पर ध्यान दिए बगैर बेदर्दी से चोदना जारी रखा।

पायल को प्रकाश इतनी बुरी तरह चोद रहा था, जैसे आज ही उसकी चूत फाड़ कर भोसड़ा बनाएगा।
जिस बुक शेल्फ से टिका कर चुदाई चल रही थी, वो हिल हिल कर आधी खाली हो चुकी थी, किताबें जहां तहां फैली पड़ी थी।

प्रकाश ने पायल की पट्टी उतार दी, और उसे कहा- मेरी आँखों में देखते हुए मुझसे चुद!

पायल आह आह… आआ आआ आह के अलावा कुछ नहीं बोल पा रही थी।
उसकी चूत में दर्द हो रहा था … पर उसे मज़ा भी आ रहा था।

फिर प्रकाश ने पायल को इस तरह गोद में उठाया की उसकी दोनों टांगें पायल की बलिष्ठ भुजाओं में थी और चूत लंड के मुहाने पर!

एक गुड़िया की तरह ऊपर नीचे कर प्रकाश पायल के चूत रौंद रहा था।
और पायल भी यही चाहती थी कि उसके जिस्म का हर हिस्सा मसला और रगड़ा जाए।

जब प्रकाश झड़ने को हुआ तो उसने पायल को अपनी बांहों से नीचे उतार दिया.

अवाक हो पायल उसे देखने लगी.
रुक कर नंगी पायल को प्रकाश एक टक ऊपर से नीचे तक देखने लगा।

फिर बोला- कुछ खास तो नहीं तुम में, फिर किस बात का घमंड है… तेरा सारा घमंड तेरी चूत में है, फाड़ फाड़ के सारा घमंड निकाल दूंगा।
उसने पायल को टेबल पर झुका दिया और तीन चार तमाचे मारे।

हर तमाचे पर पायल की आहें बढ़ती गई…आह्ह अह्ह्ह हआह आआ आह्हह … आराम से करो ना!

प्रकाश ने पायल की एक टांग टेबल पर चढ़ा दी और और फिर से चूत में लौड़ा पेल दिया।

इस पोजीशन में पायल मजे लेते हुए चुदने लगी- आह्ह्ह हां … फाड़ डालो मेरी नन्ही चूत!

प्रकाश को जोश आ गया।
पर वो चूत में झड़ना नहीं चाहता था, उसके मन में आज पायल के मुंह में झड़ने की लालसा थी.

सुबह अपनी बीवी के मुखचोदन को याद कर, वो फिर से वोही सुख का अनुभव करना चाहता था।

उसने पायल को टेबल से हटा के नीचे बिठा दिया और उसका सिर पकड़ कर उसके मुंह में अपना गर्म गर्म लौड़ा पेल दिया।

प्रकाश का लंड पायल के मुंह के लिए बहुत बड़ा था और पायल को मुख चोदन का कोई अनुभव नहीं था।

पायल गू गू कर प्रकाश से अपना मुख चुदवा रही थी।

चूंकि ये पायल का पहला मुख चोदन था, उसके दांत रह रह कर प्रकाश के लोड़े पर लग रहे थे।
प्रकाश बार बार उस से और मुंह खोलने को कहता और जीभ बाहर निकाल के उसे आइसक्रीम की तरह चूसने को कहता।

प्रकाश का लौड़ा उसके गले तक जा रहा था.
 माउथ सेक्स के बीच बीच में पायल की जब सांस उखड़ती तो प्रकाश रुक जाता।

प्रकाश जब झड़ने को हुआ तो वो अपना रस पायल को पिलाना चाहता था।
ये पहला अनुभव था पायल के लिए किसी का वीर्य पीने का।

पायल पीछे ना हट जाए, इसके लिए प्रकाश ने कसकर पायल का सिर पकड़ा और मुंह में धक्के देते हुए पायल के गले में झड़ झड़ने लगा।
पायल के पास और कोई रास्ता न होते हुए सारा लंड रस पी लिया।

इस चुदाई की बाद पायल की हालत देखने वाली थी.
वो किसी सड़क छाप रंडी से कम नहीं लग रही थी.

बाल बिखरे, काजल फैला हुआ, नंगी और फटी कच्छी वाली और मुंह पर लगा वीर्य!
जैसे बस टांगें खोलो और चोद डालो रंडी को मुफ्त में!

पायल से गांड में उंगली के कारण ठीक से बैठा और चला नहीं जा रहा था।

प्रकाश अब तक जान गया था कि पायल झड़ने पर अपनी चूत रस की फुहार छोड़ती है यानी स्कवर्ट करती है।

दोनों चुदाई से थक कर चूर हो चुके थे.

सुबह के पौने नौ बज रहे थे।
प्रकाश ने फूलती सांसों से पायल को कपड़े पहनने का इशारा किया।

पायल जमीन पर बैठी हुई थी, वहीं लेट गई- रुको, थोड़ी देर सांस लेने दो।

प्रकाश ने एक गौरवान्वित हुई मुस्कान बिखेरते हुए फूलती सांसों से कहा- मैंने तो पहले ही कहा था, सोच लो, मैं आराम से नहीं चोदता।

यह कह कर वो अपने कपड़े लिए अपने कमरे में चला गया।
और पायल कुछ देर वहीं नंगी पड़ी रही.

9 बजे जब पायल के फोन का अलार्म बजा तो उसने जल्दी से उठ कर अपने कपड़े पहन लिए।

प्रकाश भी कमरे के अंदर के टॉयलेट से मुंह हाथ धोकर कपड़े पहन कर बाहर आ गया और बिखरी किताबों को सही से लगाने लगा।

“बाल तो ठीक कर लो, पूरी दुनिया जान जायेगी तुम्हारी चुदाई की कहानी इन बिखरे बालों से!” प्रकाश ने मुस्कुराते हुए कहा।

पायल भाग के प्रकाश के कमरे के टॉयलेट गई और ठीक ठाक होकर वापिस आ गई।

फिर एक टेबल पर नज़ाकत से बैठ कर पढ़ने का नाटक करने लगी।

“सर आप कुछ कह रहे थे?”

प्रकाश- मेरे सामने रहेगी तो बार बार तुझे चोदने का दिल करेगा, कहीं आंखों से दूर होकर बैठ, नहीं तो सबके सामने तुझे पटक के चोद दूंगा।

पायल दूर जाकर बैठ गई और प्रकाश ने लायब्रेरी का दरवाजा बाकी बच्चों के लिए खोल दिया।

अब दोनों दोपहर का इंतजार करने लगे।

सुबह की मदमस्त चुदाई से पायल का ध्यान पढ़ाई में लग नहीं रहा था।
वो फिर से प्रकाश के लंड पर सवार होने को तड़प रही थी।

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