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कमसिन लड़की की चढ़ती जवानी और वासना

देसी  कहानी में दो भाइयों ने पड़ोस की जवान हुई लड़की के जिस्म का जम कर उपभोग किया. पहले चूमाचाटी करते रहे फिर मौक़ा मिलते कुंवारी बुर में लंड पेल दिया.

मित्रो, मेरा नाम पंकज है.
मेरी पिछली कहानी थी: प्राध्यापिका ने अपने छात्र से चुदाई करवा ली 
मैं आज आपके सामने एक ऐसी सेक्स कहानी लेकर आया हूँ जो आपको अपना माल निकालने पर मजबूर कर देगी.

पहले मैं आपको इस  देसी अन्तर्वासना कहानी के मुख्य किरदारों के बारे में बता देता हूं.

यह सेक्स कहानी कम उम्र के भाई और उसकी जवान बहन के पड़ोस में रहने वाले दो भाइयों के बीच की है.

लड़की का नाम उर्षी था. उसका सांवला रंग था, कमसिन उम्र थी और बूब्स छोटे छोटे थे. कमर पतली और गांड में अभी उभार आना शुरू हुआ था.

उसके भाई का नाम प्रिंस था. वो एकदम गोरे रंग का था. उसका लंड 5 इंच का था.

उर्षी घर में अपने भाई, मां-पापा, दादा-दादी के साथ रहती थी.
उसके घर के सामने एक घर था, जिसमें 4 लोग रहते थे. शुभम, धीरज और उसके मम्मी-पापा.
उर्षी के पापा सरकारी जॉब करते थे और मम्मी सिलाई करती थीं.

पड़ोस के एक लड़के का नाम धीरज था जो काले रंग का था.
उसकी उम्र 20 साल थी और अभी शुरुआती उम्र में ही उसका लंड किसी नीग्रो के जैसे 9 इंच का था.

दूसरे लड़के का नाम शुभम था.
यह धीरज से जरा कम काला था मतलब सांवले रंग का था. उसकी उम्र 19 साल थी और इसका लंड भी 7 इंच का था.
ये दोनों आपस में भाई थे.

धीरज और शुभम के पापा सब्जी बेचते थे और मम्मी उनकी किराने की दुकान चलाती थीं जो उनके ही घर से थोड़ी ही दूरी पर थी.
उर्षी और प्रिंस, शुभम और उसके भाई के साथ उनके ही घर पर खेलते थे.

ये गर्मियों की उस समय की बात है, जब सब दिन में खेल रहे थे.
धीरज ने उर्षी से कहा- हम दोनों आज एक नया खेल खेलेंगे.
यह कह कर वो उर्षी को अपने घर में अपने कमरे में ले गया.

उधर प्रिंस भी आ गया.
उसने कहा- मैं भी साथ में खेलूँगा.

धीरज ने कहा- ये खेल बस दो ही लोग खेलते हैं. तू यह बाहर बैठ कर शुभम के साथ खेल.
और धीरज उर्षी को अपने घर में ले गया.

दिन का टाइम था और इस टाइम धीरज के घर में उसके मम्मी पापा नहीं होते थे.
इस वजह से उर्षी और प्रिंस उसके घर पर ही खेलते थे.

उनके घर में आगे एक हॉल था, जहां टीवी लगी थी और उसके बाद एक छोटा सा कमरा था, जिसमें वो पूजा करते थे.
फिर किचन था.
उसके बाद एक कमरे था.

सबसे पीछे आखिरी में बाथकमरे बना था और ऊपर जाने का रास्ता था.

धीरज उसे कमरे में ले गया और कमरे को बंद कर लिया.
उधर बाहर प्रिंस, शुभम के साथ आगे हॉल में टीवी देखने लगा.

करीब डेढ़ घंटा बाद उर्षी और धीरज कमरे से बाहर आए.
प्रिंस ने धीरज से पूछा कि तुम दोनों इतनी देर से क्या खेल रहे थे?

धीरज ने कहा- हम दोनों बड़ों वाला खेल खेल रहे थे. तू अभी छोटा है. तू जब बड़ा हो जाएगा, तब तू भी खेलना.
वो चारों थोड़ी देर टीवी देखने लगे, फिर उर्षी और प्रिंस अपने घर चले गए.

अब रोज ऐसा ही होने लगा.
धीरज उर्षी को रोज अपने कमरे में ले जाता और घंटों तक वो दोनों कमरे से बाहर ही नहीं निकलते थे.

कुछ दिनों के बाद शुभम भी उर्षी को कमरे में ले जाने लगा.
अब जब शुभम उर्षी के साथ कमरे में होता तो धीरज, प्रिंस के साथ हॉल में बैठता था.
दो महीने ऐसे ही बीत गए.

आपको क्या लगता है कि उस कमरे में उर्षी के साथ धीरज और शुभम क्या करते होंगे!
नहीं नहीं … उर्षी को उन दोनों भाइयों ने अभी तक चोदा नहीं था.
अभी तक उनमें बस देसी अन्तर्वासना चूमा चाटी और चूसा चुसाई से ही ठण्डी हो रही थी क्योंकि उर्षी की चूत अभी उन दोनों के मोटे लंड लेने के लिए तैयार नहीं थी.

वो दोनों भाई अपना लंड उर्षी से चुसवाते और उसकी चूत चाटते थे. वो दोनों अपना सारा माल उसको पिला देते थे.

पर अब वो दिन भी आ गया था.

उर्षी के परिवार में किसी की शादी थी और सब लोगों को उस शादी में जाना था.
पर उर्षी ने जाने से मना कर दिया.
उसने बोल दिया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है.

उसकी मम्मी ने कहा- ठीक है, मैं यहीं इसके पास रुक जाती हूँ.
वो मम्मी को मना करने लगी.

उसके पापा बोलने लगे- तुम यहां अकेली कैसे रहोगी. तुम अकेली रहने के लिए अभी बहुत छोटी हो.
उर्षी ने कहा- मैं अकेली कहां रहूँगी. सामने वाली आंटी मेरे पास सोने के लिए आ जाएंगी और मैं उनके घर पर ही खाना खा लूँगी.
मम्मी ने बोला- हां ये तो ठीक है, पर फिर भी हम तुझे अकेला नहीं छोड़ सकते हैं.
तो उर्षी ने कहा- ठीक है, आप प्रिंस को भी छोड़ जाइए.

अब उसके मम्मी पापा मान गए और प्रिंस को भी घर पर ही छोड़ गए.
वे धीरज की मम्मी को बोल गए कि बच्चों का ध्यान रखना, हम 7 दिन में वापस आ जाएंगे.

पहले दिन तो धीरज की मम्मी सोने के लिए उनके घर आ गईं.
पर अगली रात वो नहीं आईं क्योंकि आंटी जी को अपने घर के अलावा कहीं और नींद नहीं आती थी.
तो उन्होंने धीरज और शुभम को भेज दिया.

उर्षी के घर में 4 कमरे थे.
एक कमरे में प्रिंस, शुभम और धीरज सोने वाले थे और एक कमरे में उर्षी अकेली सोने वाली थी.

सोने से पहले वो सब साथ में टीवी देख रहे थे.
शुभम और धीरज आपस में बातें कर रहे थे कि आज पहले मैं करूंगा, तू कल कर लेना.

जब प्रिंस ने उनकी बातें सुनी तो वो पूछने लगा- तुम दोनों क्या करने की बात कर रहे हो?
तो उन्होंने बोला- हम बस यूं ही बातें कर रहे हैं.

तभी उर्षी कमरे में आ गई और उन दोनों के पास जाकर बोलने लगी- तुम दोनों थोड़ा धीरे बोलो. मैं बताती हूँ कि आज पहले कौन करेगा.
दोनों उर्षी की बात सुनने लगे.

उर्षी ने कहा- आज शुभम मेरी सील तोड़ेगा क्योंकि उसका धीरज से छोटा है. इससे मुझे पहली बार में थोड़ा कम दर्द होगा. फिर कल धीरज मेरी मार लेगा ताकि मेरी चूत इसका बड़ा और मोटा लंड लेने के लिए तैयार हो जाए.

दोनों ने ये बात मान ली.
अब उन तीनों को बस प्रिंस के सोने का इंतजार था.

दस बजे प्रिंस सो गया तो शुभम उर्षी के कमरे ले चला गया.

आज शुभम उर्षी को चोदने के लिए पूरी तैयारी के साथ आया था.

जैसे ही शुभम उर्षी के कमरे में गया तो उर्षी ने कमरे को अन्दर से लॉक कर दिया और शुभम को कस कर पकड़ लिया.

वो दोनों एक दूसरे को लिपकिस करने लगे; दस मिनट तक दोनों किस ही करते रहे.
फिर दोनों एक दूसरे से अलग हो गए.

तब दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.

जल्दी ही शुभम सिर्फ अंडरवियर में था और उर्षी ब्रा पैंटी में.
दोनों वापस किस करने लगे.

अब शुभम उर्षी को अपनी गोद में उठाया और उसे बेड पर लेटा दिया.
फिर उर्षी ने शुभम की अंडरवियर से उसका लंड बाहर निकाल कर उसे अपने मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगी.

शुभम को भी मजा आने लगा था, जल्द ही उसका लंड कड़क हो गया था.
उसने उर्षी की ब्रा पैंटी को उतार कर फेंक दिया और उसकी चूत चाटने लगा.
वो अपनी जुबान उर्षी की चूत में डालने लगा.

उर्षी को भी चूत चटवाने में मजा आ रहा था पर सील पैक चूत होने की वजह से उसे ज्यादा अन्दर तक जीभ डालने से थोड़ा थोड़ा दर्द भी हो रहा था.

फिर वो दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
उर्षी शुभम का लंड चूसने लगी और शुभम उर्षी की चूत चाटने लगा.

दस मिनट ऐसे करने के बाद दोनों ही झड़ गए और दोनों ने एक दूसरे का माल पी लिया.

फिर उर्षी शुभम की बांहों में आ गयी और लेट गयी.
थोड़ी देर बाद उर्षी शुभम का लंड अपने हाथों में लेकर हिलाने लगी और वापस चूसने लगी.

शुभम का लंड पुनः खड़ा हो गया था.
उसने उर्षी को अपने नीचे लेटाया और बेड के पास रखी तेल की बोतल से तेल निकाल कर उर्षी की चूत में लगाने लगा.

वो अपनी उंगलियों ओर उसकी चूत में डालने लगा.
उर्षी को इससे मजा आने लगा था.

शुभम ने पहले एक उंगली डाली, फिर दो, फिर तीन उंगलियां उसकी चूत में डालने लगा.
उर्षी को अब थोड़ा दर्द होने लगा था.

फिर शुभम ने उंगली बाहर निकाली और अपनी पैंट की जेब में से कंडोम निकाल कर उसे अपने लंड पर लगा लिया.
उसने कंडोम के ऊपर भी तेल लगा लिया.

उसने अपने लंड को उर्षी की चूत पर रखा और उसे चूत पर रगड़ने लगा.

उर्षी से अब रहा नहीं जा रहा था, उसने शुभम को लंड अन्दर डालने को कहा.
पर टाइट चूत होने की वजह से लंड अन्दर जा नहीं पा रहा था.

थोड़ी कोशिश के बाद लंड अन्दर जाने लगा और उर्षी को बहुत दर्द होने लगा.
शुभम ने अपने होंठों को उर्षी के होंठों पर रख कर उसका मुँह बंद कर दिया और लंड को उसकी चूत में पेलने लगा.

इससे उर्षी की आंखों से आंसू निकल रहे थे पर शुभम रुका नहीं.
उसने अपना पूरा 7 इंच का लंड उर्षी की सील पैक चूत में डाल दिया.

कुछ पल यूं ही लंड पेले रहने के बाद वो लंड को चूत में अन्दर बाहर करने लगा.
दो ही मिनट के बाद उर्षी का दर्द कम हो गया और वो भी मजे लेने लगी.

अब धकापेल चुदाई चलने लगी.

फिर शुभम ने उर्षी को उठाया और वो उर्षी को दीवार के सहारे खड़ा करके चोदने लगा, फिर उसे डॉगी स्टाइल में चोदने लगा.
पन्द्रह मिनट तक चुदवाने के बाद उर्षी झड़ गयी, फिर भी शुभम उसे चोदता रहा.

काफी देर तक चुदाई के बाद शुभम भी झड़ गया.
झड़ने के बाद भी उसने अपना लंड उर्षी की चूत से नहीं निकाला और वैसे ही थोड़ी देर तक दोनों लेटे रहे.

दस मिनट बाद शुभम ने अपना लंड उर्षी की चूत से निकाल कर कंडोम को अलग किया और अपने कपड़े पहनने लगा.
उर्षी ने भी अपनी चूत से खून साफ किया और अपने कपड़े पहनने लगी.

उर्षी को काफी दर्द हो रहा था और अब उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था.

शुभम ने उसके कपड़े उसको बेड पर लाकर दिए और उसे एक किस करके वहां से बाहर चला गया.

सुबह धीरज ने उर्षी से पूछा- कल रात कैसी रही?
उर्षी ने बताया- बहुत अच्छी रही … बहुत मजा आया. अब देखते हैं कि आज तुम कितना मजा दे सकते हो?

शुभम और धीरज अपने घर चले गए और उर्षी भी नहाने चली गई.
पर उससे सही से चलना नहीं हो रहा था.

जब प्रिंस ने उससे पूछा कि क्या हुआ है?
उसने कहा- कुछ नहीं हुआ है, बस मेरी तबियत ठीक नहीं है.

वो दिन उर्षी ने आराम करके बिताया.
फिर रात हुई तो रात में प्रिंस के सोने के बाद धीरज उर्षी के कमरे में गया.

धीरज ने कमरे लॉक किया और वो उर्षी पर किसी भूखे जानवर की तरह टूट पड़ा.
वो उसे किस करता रहा, उसके बूब्स मसलता रहा.

उर्षी गर्म हो गई.

फिर दोनों ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और 69 में मजा करने लगे.
उर्षी एक बार झड़ गयी थी, पर धीरज का माल निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था.

उर्षी के दूसरी बार झड़ने के बाद धीरज का माल निकला और उसे उर्षी पी गयी.
इतनी देर तक धीरज का लंड चूस चूस कर उर्षी थक गयी थी.

फिर 15 मिनट बाद उर्षी वापस धीरज का लंड चूसने लगी और कुछ मिनट चूसने के बाद धीरज का लंड तन गया.
अब धीरज ने बिना देर किए पहले उर्षी कर मुँह में उसकी ही ब्रा डाल दी, जिससे वो चीख नहीं पाए.

इसके बाद धीरज ने बिना तेल लगाए और बिना कंडोम पहने उर्षी की चूत पर थूक लगा कर अपना लंड उसकी चूत में डालना शुरू कर दिया.
उर्षी को बहुत दर्द होने लगा.
बिना तेल लगाए इतना बड़ा लंड लेने में उसके आंसू निकलने लगे थे.

धीरज अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल कर थोड़ी देर रुका रहा.
फिर जब उर्षी का दर्द कम हुआ, तो वो लंड अन्दर बाहर करने लगा और उसे हचक कर चोदने लगा.

दस मिनट बाद उर्षी झड़ गयी, तो धीरज ने अपना लंड बाहर निकाल कर उसे डॉगी स्टाइल में ले लिया.
वो उर्षी की कमर पकड़ कर उसे दबादब चोदने लगा, अपने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी चूचियां मसलने लगा.

फिर उसने उर्षी को अपनी बांहों में उठा लिया और उसे किसी हल्की वजन वाली गुड़िया के जैसे धकापेल चोदने लगा.
उर्षी अब तक 4 बार झड़ चुकी थी पर धीरज उसे छोड़ ही नहीं रहा था; वो उसे चोदे जा रहा था.

काफी देर तक भीषण चुदाई के बाद धीरज झड़ने वाला हुआ.
उसने अपना लंड चूत में से निकाल कर उर्षी के मुँह में दे दिया और उसके मुँह में ही झड़ गया.

उर्षी उसका पूरा माल पी गयी.
दोनों का पूरा बदन पसीने से तरबतर हो गया था.

धीरज वहीं बेड पर लेटा रहा और उर्षी उसकी बांहों में लेट कर उससे कहने लगी- आज तो तुमने शुभम से भी ज्यादा मजा दिया है.
तो धीरज बोला- अभी तो और मजा लेना बाकी है.

धीरज ने उर्षी के बाल पकड़ कर उसका मुँह अपने लौड़े पर रख कर उससे लंड चूसने के लिए बोलने लगा.
उर्षी भी उसका लंड मजे लेकर चूसने लगी.

दस मिनट लंड चूसने के बाद धीरज का लंड वापस खड़ा हो गया और उसने उर्षी को एक फिर से चोदना शुरू कर दिया.

इस बार उसने उर्षी को पहली बार से ज्यादा देर तक चोदा और उसे अपने लंड का पानी पिला कर अलग हो गया.

कुछ देर बाद वो अपने कपड़े पहन कर वापस अपने कमरे में चला गया.
इसी तरह 7 रातों तक ऐसे ही  देसी चुदाई चलती रही.

एक रात शुभम चोदता, तो एक रात धीरज चोदता.
फिर 7 दिन बाद उसके घर वाले वापस आ गए.

अब मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा कि कैसे उर्षी की गांड मारी गयी और उर्षी ने अपने भाई प्रिंस से अपनी चुदाई कैसे करवाई.
उसके बाद उर्षी की गैंगबैंग चुदाई भी आपको पढ़ने मिलेगी.

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