Breaking News

गर्लफ्रेंड ने सहेली के घर चुदाई के लिए बुलाया

इंडियन सेक्सी गर्ल फर्स्ट सेक्स का मजा लें यह कहानी पढ़ कर. मेरे एक दोस्त की बहन ने मुझसे दोस्ती की और हम एक दूसरे को प्यार करने लगे. हमारा पहला सेक्स 3 साल बाद हुआ.

इस साइट से जुड़े मेरे सभी दोस्तों को नमस्कार.
मेरा नाम अश्विन (काल्पनिक) है अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं.

मैं उत्तर प्रदेश के एक शहर से हूं जो दिल्ली से ज्यादा दूर नहीं है।

मेरी उम्र 28 साल है। मेरी हाईट 6 फीट है, मेरी बॉडी साधारण है.
मैं जिम वगैरा नहीं करता हूँ.
मेरा वजन 72 किलो है.
इससे आपको अंदाजा हो जाएगा कि मैं दिखता कैसा हूँ।

मैंने अन्तर्वासना पर कई सारी कहानियां पढ़ी हैं।

मैं कोई लेखक तो नहीं … पर जीवन से जुड़े कुछ किस्से ऐसे होते हैं जो किसी अन्य व्यक्ति से साझा नहीं किए जा सकते.
वो मैं अपनी इंडियन सेक्सी गर्ल फर्स्ट सेक्स की कहानी के माध्यम से आप लोगों के साथ साझा कर रहा हूं।

मैं जो भी अपने साथ हुई घटना आप सभी के सामने रखने जा रहा हूं, वास्तव में वो बिल्कुल सत्य है किसी को यदि संदेह हो वो मुझे मेल कर सकता है।

यह कहानी तब की है जब मैं बारहवीं कक्षा में था, 19 की उम्र थी।
जब मैं 12वीं क्लास में था, उसके बाद से मेरे किस्से तो बहुत हैं पर मैं आपसे अपनी पहली चुदाई का किस्सा साझा करना चाहता हूं।

मेरी कहानी की नायिका का नाम प्रिया (काल्पनिक) है।
थोड़ा सा उसके बारे में बता दूँ, वह बेहद गोरी, क्यूट सा चेहरा, बच्चों जैसी मासूमियत … बहुत प्यारी दिखती थी.
उसका फिगर 34-30-36 का था.

उसके पीछे आस पास के बहुत लड़के लगे थे.
शायद उसको उनमें कोई पसंद ही नहीं आया।

मैं 12 क्लास में जहां ट्यूशन पढ़ता था, वहाँ एक लड़के से मेरी दोस्ती हो गई।
वे लोग घर में 4 सदस्य हैं, बहन भाई, मम्मी पापा!

हम साथ में ही ट्यूशन आते जाते थे.
वापिसी में उसका घर पहले आता था.
हम वहीं गेट पर खड़े होकर कुछ देर बात करते, फिर मैं अपने घर चला जाता।

रोज का हमारा यही रूटीन था.
उसकी बहन हमें अक्सर बातें करते देखती थी.

धीरे धीरे मेरा उसकी फैमिली से मिलना गहरा हो गया।
उसकी मम्मी से, बहन से!
उसके पापा तो घर नहीं होते थे तो उनसे कम ही मिलना होता था।

सब ठीक चल रहा था.

धीरे धीरे उसकी बहन मुझसे बात करने के बहाने उसी टाइम आती जब हम साथ होते।
वो जब भी मेरे सामने आती, उसके चेहरे पर अलग ही चमक होती.

फिर उसका मुझसे हंसी मजाक भी शुरू हो गया।

मेरे दोस्त के पास फोन नहीं था. उनके घर में एक कॉमन मोबाइल फोन था, उसने मुझे वही नंबर दे रखा था ताकि जब भी कोई पढ़ाई संबंधी बात करनी हुई तो उससे मेरी बात हो जाए।

मैं जब भी फोन करता, उसकी बहन ही फोन उठाती थी.
वह हाय हेलो के बाद अपने भाई को फोन देती थी.

फिर वो मुझे शायरी मैसेज करने लगी.
मुझे लगा कि मेरा दोस्त करता है.
तो मैं भी फ्री टाइम में ऐसे ही मैसेज भेजने लगा।

अब ये काम रोज का हो गया।

फिर वो रोमांटिक मैसेज करने लगी.
तो मुझे समझते देर न लगी कि ये मैसेज कर कौन रहा है।

धीरे धीरे मेरी उसकी बहन से मैसेज से बात होने लगी.
वो मुझे पसंद करने लगी थी।
हालांकि मेरे मन में उसके लिए कोई गलत भावना कभी नहीं आई.

बस सब नॉर्मली चलता रहा।

फिर हमारी मैसेज से बातें भी शुरू हो गई।
मैंने अपनी दोस्ती के लिए उससे दूरी बनानी चाही.
पर वो बोली- दोस्त तो मैं भी हूं. मेरी दोस्ती पसंद नहीं क्या? क्यों अलग होना चाहते हो?

मैंने भी सोचा बात ही तो कर रहे है और तो कुछ नहीं।
फिर वो मुझे लवर वाली डबल मीनिंग बात करने लगी.

समय बीतता गया, वो भी मुझे अच्छी लगने लगी।

जब मैंने अपनी ओर से पहल नहीं की तो कई महीने बाद उसने मुझे प्रपोज किया.
मैंने भी हां कर दी क्योंकि मेरी भी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी।

हम दोनों रात रात भर बात करने लगे।
पूरे दिन लगे रहने लगे, कभी मैसेज में तो कभी कॉल पर!

जल्द ही हम दोनों में इतना प्यार हो गया कि एक दूसरे की थोड़ी भी तकलीफ दूसरे को सहन नहीं होती थी।

प्यार में डूबे जब काफी समय बीत गया तो हमने मिलने का प्लान बनाया.
वो जैसे ही आई, मैंने अपनी बाहें फैला दी और वो आगे बढ़ कर मेरी बांहों में कैद हो गई।

मैं उसके लिए गिफ्ट भी लेकर गया था.
मैंने उसको वो दिया.

फिर हमने थोड़ी बातें की और जाते वक्त हमारी एक छोटी सी किस हुई।
फिर हम अपने अपने घर आ गए।

एक रात हम चैट कर रहे थे उसका भाई पढ़ाई में लगा था उसका भाई बोला- दी, मेरे लिए चाय बना दो।
वो मुझे वेट करने का बोल कर चाय बनाने चली गई.

उसके भाई के न जाने मन में क्या आया, उसने फोन उठा कर चेक कर लिया।
उसने हम दोनों की चैट पूरी देख ली और गुस्से में जाकर अपनी मम्मी को बता दिया कि ये अश्विन के साथ बातें करती है और उनको मैसेज भी सब दिखा दिए।

माँ बेटे दोनों ने गुस्से में आकर उसको बहुत मारा.

और जब उसकी फैमिली को पता चल ही गया हम दोनों का … तो प्रिया के भाई ने मुझसे दोस्ती भी खत्म कर ली।
मैंने बहुत कोशिश की समझने की पर वो नहीं समझा।

खैर, जो हो गया तो क्या कर सकते थे।

समय बीतता गया उसके घर का माहौल हल्का होता गया।
हमारी बातें भी और ज्यादा होने लगी, प्यार भी अधिक गहरा होता गया।

पर उसके घर वालों के डर की वजह से हम 3 साल तक नहीं मिल पाए.
फिर उसने हिम्मत करके मुझे मिलने को हाँ कर दी।
हम सही मौके की तलाश करने लगे.

एक दिन वो बोली- मेरी एक सहेली है, उसके घर मिलेंगे।
दिन भी तय हो गया और वो दिन भी दूर तो ज्यादा नहीं था पर हम दोनों को बरसों के इंतजार जैसा लगा।

वो दिन भी आ गया जब मैंने अपनी जान से प्यारी गर्लफ्रेंड की चूत की सील तोड़ी।

प्रिया की सहेली के घर उस दिन कोई नहीं था, उसके मम्मी पापा बाहर गए हुए थे, छोटा भाई था, वो भी स्कूल गया हुआ था।

मैं ठीक 10 बजे उसकी सहेली के घर के पास पहुंच गया।
हमारा यही समय तय हुआ था.

5 मिनट बाद उसका फोन आया, आने को बोली- गेट खुला है, सीधे अंदर आकर गेट लॉक कर देना।

मैं जब वहाँ पहुंचा, मैं उसको देख कर दंग ही रह गया।
उसने गहरे गले का लाल रंग का सूट पहना हुआ था जिसमें से उसके चूचों का क्लीवेज मुझे साफ दिख रहा था.
शायद मिलने की बेचैनी में वो दुपट्टा रूम में ही छोड़ आई।

हमने खुद पर कंट्रोल किया क्योंकि उसकी सहेली भी वहीं मौजूद थी।

हम तीनों ड्राइंग रूम में जाकर बैठ गए और बातें करने लगे।

मैं प्रिया को और प्रिया मुझे खा जाने वाली नजरों से देख रहे थे क्योंकि मिले हुए ही 3 साल हो गए थे।

तभी उसकी सहेली पानी लेने चली गई.
उसके जाते ही मैं प्रिया के कमीज में ऊपर से अंदर हाथ देकर उंगलियां बूब्स पर चलने लगा और उसको बोला- ये हमें अकेले कब छोड़ेगी?

उसकी सांसें तेज तेज चल रही थी.
वो बोली- देखती हूं, करती हूं कुछ!

उसके आने की आहट पर हम अलग हुए.
हमें पानी देकर वो कुछ खाने पीने को लेने जाने लगी।

प्रिया उसको मना करने के बहाने से उसके पीछे गई और बाहर जाकर उसको बोली- यार हमें अकेले मिलना है कुछ देर!

वो बोली- ठीक है. ऐसा करो, ऊपर मेरा बेडरूम है. तुम उसी में चले जाओ और आराम से बातें करो। घर में कोई आ भी गया तो नीचे ही मैं उसको देख लूंगी। तुम दोनों को डिस्टर्ब नहीं होगा।

प्रिया उसको थैंक्स बोल कर मेरे पास आकर बोली- चलो ऊपर रूम में चलते हैं. यहाँ कोई आ भी सकता है इसलिए!

हम बेडरूम में प्रवेश करते ही दोनों एक दूसरे से ऐसे चिपक गए जैसे सांप पेड़ से लिपटा होता है।
दोनों एक दूसरे में खो गए, धड़कन दोनों की तेज रफ्तार पर चल रही।

करीब 20 मिनट तक हम चिपके रहे।
फिर मैंने उसका चेहरा हाथों में लेकर उसकी आंखों में देखा.
वो बहुत प्यारी लग रही थी.

हमने कुछ देर बात की इधर उधर की.
लेकिन आग दोनों तरफ बराबर लगी थी।

फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर किया एक हाथ उसके बालों में डाल कर उसको करीब लाया.
हमारे होंठ आपस में टकराने लगे और धड़कन तेज हो गई।

2 मिनट ऐसे ही करते रहने के बाद हमारे होंठ मिल गए और हम पागलों की तरह किस करने लगे।
एक दूसरे के होंठ को खाने लगे।

मेरा एक हाथ उसके चूचों पर चला गया जिन्हें मैं जोर से दबाता और वो और जोश में आ जाती।

ऐसे ही किस करते हुए उसकी जीभ को कभी मैं चूसता तो कभी वो मेरी जीभ को चूसती.
10 मिनट तक ऐसे ही होंठों का रसपान चलता रहा।

फिर मैंने उसके उसके पूरे चेहरे पर गले पर कान पर हर जगह किस किया.
वो सहम सी गई।

फिर हम अलग हुए.
मैंने उसके कुर्ते को निकाल कर अलग कर दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स चूसने लगा.
वो मेरे बालों में हाथ घुमाने लगी।

मैंने धीरे से उसकी सलेक्स को खोल कर नीचे कर दिया.
वो मेरी टी शर्ट उतार कर इधर उधर चूमने लगी।

जल्द ही उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, बस अंडरवियर बाकी रह गया।
फिर मैंने उसको बेड पर लेटकर उसकी पूरी बॉडी को चूसा.
ऐसा लग रहा था मानो शहद लगा हो पूरी बॉडी पर!

होंठों पर किस करते हुए गले पर चूचों पर पेट पर नाभि पर किस किया।

फिर मैंने उसको पलट कर उसकी गर्दन से लेकर कमर को पूरा चूसा.

धीरे धीरे चूमते हुए मैं उसकी गांड पर आ गया।
मैंने उसके दोनों पहाड़ पर किस की, फिर पैरों में आ गया और उसके पूरे पैर चूसे।

फिर मैंने उसको सीधा किया और उसके चूचे दबाते हुए किस करने लगा।

कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगी.
मेरे हाथ उसकी कमर पर चलने लगे.

मैंने उसकी ब्रा का हुक खोलना चाहा पर वो उलझ गया.
वो सीधी हुई और हंसने लगी, बोली- मेरे बुद्धू को ब्रा भी खोलनी नहीं आती।

उसने खुद से ब्रा उतार दी और मेरा मुंह अपनी एक चूची पर लगा दिया.
मैंने उसको बहुत कस कस कर चूसा और दूसरी को जोर से दबाता रहा।

उसकी आहें निकलने लगी।

काफी देर उसकी दोनों चूची चूस कर मैंने उसे लेटाया और उसकी पैंटी नीचे करते ही उसकी गुलाबी चूत के दर्शन हुए जो बहुत गीली हो चुकी थी।

मैं एक उंगली उसकी चूत में घुसा कर किस करता रहा.
फिर दो उंगली घुसाई तो उसको दर्द हुआ, पर वो सह गई।

फिर मैंने उसकी चूत को चूसा, वो सीत्कार के साथ तड़पने लगी और बालों में हाथ चलाने लगी।

उसने अचानक से मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर आकर मेरा अंडरवियर नीचे किया और मेरी आंखों पर हाथ रख कर उस पर किस करके मुझे चूमने लगी।

अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था, मैं उसे पीठ के बल लेटा कर टांगें खोल कर बीच में आ गया और लन्ड को चूत पर रगड़ने लगा, लन्ड को पकड़ कर चूत पर मारने लगा.

वो और गर्म होकर सीत्कार करने लगी, बोली- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा … कुछ करो।

मैंने अपनी जींस की पॉकेट से कंडोम निकाला और लन्ड पर चढ़ा लिया.

उसकी नंगी टांगें मैंने अपने कंधों पर रखी, एक धक्का मारा.
थोड़ा सा लन्ड ही अंदर गया कि वो रोने लगी।

मैंने उसको किस करना शुरू किया.
वो जैसे ही शांत हुई, मैंने एक और धक्का मारा.
वो उछल पड़ी- हाय … मर गई!

मैं 2 मिनट रुका फिर धक्का मारना शुरू किया.
तो उसको भी मजा आने लगा, वो भी सिसकारते हुए चुदाई का मजा लेने लगी।

मेरा लन्ड अन्दर बाहर होते हुए दोनों ही चुदाई में ऐसे खो गए कि यह भी याद ना रहा कि हम किसी और के घर पर हैं.
हम दोनों को ही जन्नत का मजा आ रहा था।

15 मिनट की चुदाई में वो एक बार झड़ चुकी थी, हम दोनों ही पसीने में भीग चुके थे।

फिर मेरा भी होने वाला था तो मैंने कंडोम में ही वीर्य भर दिया।
इंडियन सेक्सी गर्ल फर्स्ट सेक्स के बाद उसके चेहरे पर संतुष्टि दिख रही थी.

मुझे स्माइल करके उसने मुझे किस की.
कुछ देर आराम करके हमने रुमाल से लन्ड चूत को साफ़ किया, फिर कपड़े पहने और नीचे आ गए।

उसकी सहेली ने मुझे एक किताब दी और बोली- अगर कोई बाहर निकलते हुए देख ले तो कह देना कि किताब लेने आया था।

फिर हम अपने अपने घर चले गए.

उसके बाद हमारे बीच कई बार चुदाई हुई है।

तो यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी!
आशा है आपको पसंद आई होगी।

No comments